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मौत वाली मॉक ड्रिल: कोविड के मरीजों के कातिल पर जिला प्रशासन मेहरबान

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Published : Jun 8, 2021, 9:09 PM IST

आगरा की बहुचर्चित 'मौत वाली मॉकड्रिल' से प्रदेश में खलबली मची हुई है. जिला प्रशासन की पारस हॉस्पिटल पर मेहरबानी ने एक बार फिर योगी सरकार पर सवाल उठाया है. दरअसल, जिस पारस हॉस्पिटल पर महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था फिर कैसे उसे कोविड अस्पताल बना दिया गया.

मौत वाली मॉक ड्रिल.
मौत वाली मॉक ड्रिल.

आगरा: जनपद की बहुचर्चित 'मौत वाली मॉकड्रिल' से प्रदेश में खलबली मची हुई है. जिला प्रशासन की पारस हॉस्पिटल पर मेहरबानी ने योगी सरकार की एक बार फिर किरकिरी करा दी. क्योंकि, जिस पारस हॉस्पिटल को 17 अप्रैल-2020 को सील किया गया था और बाद में महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. फिर इस साल उसी कोविड हॉस्पिटल कैसे बना दिया गया. इस सवाल से जिला प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. जिसका जबाव जिला प्रशासन को देते नहीं बन रहा है.

शहर आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के सोमवार को 4 वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के ऊपर की गई आक्सीजन हटाने की मॉक ड्रिल की बात कर रहे हैं. यह बात 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड बनाया है. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. जिन पर 5 मिनट की मॉक ड्रिल की गई थी. जिसमें 5 मिनट तक ऑक्सीजन हटाई गई थी. जिससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी.

पिछले साल बना था कोरोना एपिक सेंटर
सन 2020 में जब कोरोना संक्रमण आगरा में बढ़ रहा था. उस समय पारस हॉस्पिटल कोरोना एपिक सेंटर बन गया था. पारस हॉस्पिटल से ही सबसे ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हुए. इस पर आगरा के साथ ही यहां से फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, हाथरस, मथुरा, औरैया, कन्नौज और फर्रुखाबाद तक कोरोना संक्रमण पहुंचा था. इसको लेकर डीएम ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को पत्र लिखे थे. डीएम की ओर से जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन और मैनेजर के खिलाफ 17 अप्रैल 2020 को न्यू आगरा थाना में महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था. हॉस्पिटल को सील किया गया था. मगर, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ सत्ताधारियों से सेटिंग करके फिर हॉस्पिटल की सील खुली थी. फिर भी इस साल जिला प्रशासन ने उसी पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बना दिया.

क्या दोनों हॉस्पिटल होंगे सील ?
बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन ने एक के बगल में दूसरा भी हॉस्पिटल खड़ा कर दिया है. अब सवाल यह उठता है कि, क्या स्वास्थ्य विभाग में दोनों ही हॉस्पिटल का पंजीकरण है ? डीएम प्रभु नारायण सिंह ने पारस हॉस्पिटल को सील करने के आदेश दिए हैं. तो क्या दोनों ही हॉस्पिटल सील होंगे. इस बारे में अभी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

इसे भी पढे़ं- 'मौत वाली मॉक ड्रिल' वीडियो पर कौन बोल रहा सच, पढ़िए खास रिपोर्ट

आगरा: जनपद की बहुचर्चित 'मौत वाली मॉकड्रिल' से प्रदेश में खलबली मची हुई है. जिला प्रशासन की पारस हॉस्पिटल पर मेहरबानी ने योगी सरकार की एक बार फिर किरकिरी करा दी. क्योंकि, जिस पारस हॉस्पिटल को 17 अप्रैल-2020 को सील किया गया था और बाद में महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. फिर इस साल उसी कोविड हॉस्पिटल कैसे बना दिया गया. इस सवाल से जिला प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. जिसका जबाव जिला प्रशासन को देते नहीं बन रहा है.

शहर आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के सोमवार को 4 वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के ऊपर की गई आक्सीजन हटाने की मॉक ड्रिल की बात कर रहे हैं. यह बात 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड बनाया है. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. जिन पर 5 मिनट की मॉक ड्रिल की गई थी. जिसमें 5 मिनट तक ऑक्सीजन हटाई गई थी. जिससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी.

पिछले साल बना था कोरोना एपिक सेंटर
सन 2020 में जब कोरोना संक्रमण आगरा में बढ़ रहा था. उस समय पारस हॉस्पिटल कोरोना एपिक सेंटर बन गया था. पारस हॉस्पिटल से ही सबसे ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हुए. इस पर आगरा के साथ ही यहां से फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, हाथरस, मथुरा, औरैया, कन्नौज और फर्रुखाबाद तक कोरोना संक्रमण पहुंचा था. इसको लेकर डीएम ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को पत्र लिखे थे. डीएम की ओर से जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन और मैनेजर के खिलाफ 17 अप्रैल 2020 को न्यू आगरा थाना में महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था. हॉस्पिटल को सील किया गया था. मगर, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ सत्ताधारियों से सेटिंग करके फिर हॉस्पिटल की सील खुली थी. फिर भी इस साल जिला प्रशासन ने उसी पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बना दिया.

क्या दोनों हॉस्पिटल होंगे सील ?
बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन ने एक के बगल में दूसरा भी हॉस्पिटल खड़ा कर दिया है. अब सवाल यह उठता है कि, क्या स्वास्थ्य विभाग में दोनों ही हॉस्पिटल का पंजीकरण है ? डीएम प्रभु नारायण सिंह ने पारस हॉस्पिटल को सील करने के आदेश दिए हैं. तो क्या दोनों ही हॉस्पिटल सील होंगे. इस बारे में अभी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

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