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डॉग शेल्टर होम में भरा पानी, संस्था ने नगर आयुक्त का किया घेराव - Water Logging dog shelter home agra

आगरा जिले के यमुना पार नरायच स्थित डॉग शेल्टर होम (Dog Shelter Home) में पानी की निकासी न होने के कारण पानी भर गया है. इस समस्या को लेकर कैस्पर होम संस्था के सभी लोगों ने नगर आयुक्त का घेराव किया.

संस्था ने किया नगर निगम का घेराव
नगर निगम के बाहर प्रदर्शन करते संस्था के सदस्य
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Published : Aug 5, 2021, 10:07 AM IST

आगरा: जनपद के यमुना पार नरायच स्थित कैस्पर शेल्टर होम (Casper Shelter Home) में बारिश का पानी भर गया (Water Logging) है. इसमें 70 आवारा श्वान रहते हैं. इस समस्या को लेकर कैस्पर होम संस्था के सभी लोगों ने नगर आयुक्त का घेराव किया. आरोप है कि नगर निगम (Nagar Nigam) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण शेल्टर होम (Shelter Home) में पानी भरा है. इसके कारण कैस्पर होम संस्था के द्वारा लगाए गए 30 लाख रुपये भी डूब गए हैं. मुआवजा न मिलने की वजह से बुधवार को संस्था के सभी लोगों ने नगर आयुक्त का घेराव करते हुए नगर निगम (Agra Nigam) के बाहर प्रदर्शन किया.

संस्था की संचालिका विनीता अरोड़ा ने बताया कि पहले वह अपने निजी स्थान पर आवारा कुत्तों का शेल्टर होम (Dog Shelter Home) बनाकर उनकी देख-रेख करती थीं. उनके प्रोजेक्ट को तत्कालीन डीएम रहे रवि कुमार एनजी ने तारीफ भी की. उनके आदेश पर नगर निगम ने विनीता अरोड़ा को डॉग शेल्टर होम (Dog Shelter Home) के लिए एक जगह अलॉट कर दी. विनीता का कहना है कि उन्होंने पूरे शेल्टर होम में श्वानों के रहने का इंतजाम, शेल्टर को बनाने का खर्च खुद किया.

संस्था ने किया नगर निगम का घेराव
विनीता का कहना है कि पास ही में कान्हा उपवन गोशाला है और उसी की दीवार से सटा हुआ कैस्पर शेल्टर होम है. इसमें 70 श्वान रहते हैं. कान्हा गोशाला में बरसात का पानी भरने की वजह से सारा पानी उनके शेल्टर होम में भी आ गया. नगर निगम (Nagar Nigam) ने शेल्टर होम में पानी की निकासी के लिए कोई भी रास्ता नहीं बनाया, जिसकी वजह से शेल्टर होम में पानी भर गया. उन्होंने कहा कि जो भी पैसा शेल्टर होम में लगाया वह भी डूब गया. कैस्पर होम संस्था के सभी लोगों ने नगर निगम में नगर आयुक्त का घेराव किया. संस्था के सदस्य अपूर्व ने कहा कि नगर निगम की कमी के कारण उनका सारा नुकसान हुआ है. जितना भी नुकसान हुआ है उसका मुआवजा संस्था को वापस दिया जाए, क्योंकि जब नगर निगम ने उनके प्रोजेक्ट में कोई पैसा नहीं लगाया तो नुकसान की भरपाई उल्टा संस्था क्यों करे. आवारा कुत्तों को पकड़कर रखने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. इसे भी पढ़ें-अलीगढ़ : बदबूदार पानी को लेकर लोगों का फूटा गुस्सा, सड़क किया जाम


नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने साफ कहा कि नगर निगम ने संस्था को जगह दी थी न कि उनको किसी प्रकार का खर्चा देने की बात हुई. यदि शेल्टर में पानी भर गया है तो पानी निकालने का भी काम संस्था का है. वह अपना खुद रास्ता बनाएं और खुद ही शेल्टर होम से पानी निकालें. इसमें नगर निगम का कोई भी अधिकारी जिम्मेदार नहीं है.

आगरा: जनपद के यमुना पार नरायच स्थित कैस्पर शेल्टर होम (Casper Shelter Home) में बारिश का पानी भर गया (Water Logging) है. इसमें 70 आवारा श्वान रहते हैं. इस समस्या को लेकर कैस्पर होम संस्था के सभी लोगों ने नगर आयुक्त का घेराव किया. आरोप है कि नगर निगम (Nagar Nigam) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण शेल्टर होम (Shelter Home) में पानी भरा है. इसके कारण कैस्पर होम संस्था के द्वारा लगाए गए 30 लाख रुपये भी डूब गए हैं. मुआवजा न मिलने की वजह से बुधवार को संस्था के सभी लोगों ने नगर आयुक्त का घेराव करते हुए नगर निगम (Agra Nigam) के बाहर प्रदर्शन किया.

संस्था की संचालिका विनीता अरोड़ा ने बताया कि पहले वह अपने निजी स्थान पर आवारा कुत्तों का शेल्टर होम (Dog Shelter Home) बनाकर उनकी देख-रेख करती थीं. उनके प्रोजेक्ट को तत्कालीन डीएम रहे रवि कुमार एनजी ने तारीफ भी की. उनके आदेश पर नगर निगम ने विनीता अरोड़ा को डॉग शेल्टर होम (Dog Shelter Home) के लिए एक जगह अलॉट कर दी. विनीता का कहना है कि उन्होंने पूरे शेल्टर होम में श्वानों के रहने का इंतजाम, शेल्टर को बनाने का खर्च खुद किया.

संस्था ने किया नगर निगम का घेराव
विनीता का कहना है कि पास ही में कान्हा उपवन गोशाला है और उसी की दीवार से सटा हुआ कैस्पर शेल्टर होम है. इसमें 70 श्वान रहते हैं. कान्हा गोशाला में बरसात का पानी भरने की वजह से सारा पानी उनके शेल्टर होम में भी आ गया. नगर निगम (Nagar Nigam) ने शेल्टर होम में पानी की निकासी के लिए कोई भी रास्ता नहीं बनाया, जिसकी वजह से शेल्टर होम में पानी भर गया. उन्होंने कहा कि जो भी पैसा शेल्टर होम में लगाया वह भी डूब गया. कैस्पर होम संस्था के सभी लोगों ने नगर निगम में नगर आयुक्त का घेराव किया. संस्था के सदस्य अपूर्व ने कहा कि नगर निगम की कमी के कारण उनका सारा नुकसान हुआ है. जितना भी नुकसान हुआ है उसका मुआवजा संस्था को वापस दिया जाए, क्योंकि जब नगर निगम ने उनके प्रोजेक्ट में कोई पैसा नहीं लगाया तो नुकसान की भरपाई उल्टा संस्था क्यों करे. आवारा कुत्तों को पकड़कर रखने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. इसे भी पढ़ें-अलीगढ़ : बदबूदार पानी को लेकर लोगों का फूटा गुस्सा, सड़क किया जाम


नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने साफ कहा कि नगर निगम ने संस्था को जगह दी थी न कि उनको किसी प्रकार का खर्चा देने की बात हुई. यदि शेल्टर में पानी भर गया है तो पानी निकालने का भी काम संस्था का है. वह अपना खुद रास्ता बनाएं और खुद ही शेल्टर होम से पानी निकालें. इसमें नगर निगम का कोई भी अधिकारी जिम्मेदार नहीं है.

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