आगरा : दो साल पहले मदन मोहन गेट थाने में वर्दी पहनकर सरकारी रिवॉल्वर के साथ रील बनाकर आरक्षी प्रियंका मिश्रा ने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं. इसके बाद प्रियंका ने खुद ही पुलिस की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था. पिछले दिनों उसने पुलिस फोर्स में वापस आने के लिए फिर से आवेदन दिया. दो दिन पहले 18 अक्टूबर को उसकी फिर से ज्वाइनिंग भी हो गई, लेकिन पता चला कि प्रियंका को नियम ताक पर रखकर नौकरी दी गई. इसके बाद उसे पुलिस सेवा से निकाल दिया गया. साथ ही ज्वाइनिंग कराने वाले बाबू को निलंबित कर दिया गया है.
पहले दिया इस्तीफी, फिर मांगी दोबारा नौकरी : प्रियंका मिश्रा ने दो साल पहले थाना मदन मोहन गेट में वर्दी पहनकर सरकारी रिवॉल्वर के साथ रील बनाई थी. इससे प्रियंका ने काफी सुर्खियां बटोरीं थीं. सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद प्रियंका ने पुलिस फोर्स से त्यागपत्र दे दिया. पिछले दिनों प्रियंका ने अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति और जीवनयापन में कठिनाई का हवाला देकर पुनः पुलिस फ़ोर्स में आने का आवेदन किया था.
बाबू ने नियमों को ताक पर रखकर ज्वाइन कराया : प्रियंका के पुलिस फोर्स दोबारा ज्वाइन करने के बाद पता चला कि इसके लिए बाबू जितेंद्र ने विभागीय नियमों को ताक पर रख दिया. जांच में प्रकरण का खुलासा हुआ तो पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने आरोपी बाबू जितेंद्र को निलंबित कर दिया.विभागीय नियम के अनुसार त्यागपत्र देने के बाद पुनः नौकरी पाने के लिए संबंधित पत्रावली को पुलिस मुख्यालय भेजा जाना था.लेकिन बाबू जितेंद्र ने अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर प्रियंका की आमद तक करा ली.
पुनः सेवा में लिए जाने का आदेश निरस्त : पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि पूर्व आरक्षी प्रियंका मिश्रा ने पुलिस फोर्स ज्वाइन करने का प्रार्थना पत्र दिया था. जिसकी जांच सहायक पुलिस आयुक्त कार्यलय को दी गई थी. इस संबंध में संयुक्त निदेशक अभियोजन से भी विधिक राय ली गई. उन्होंने नियुक्ति प्राधिकारी को निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए स्वविवेकानुसार निर्णय लेने की राय दी. इस मामले में त्यागपत्र के बाद सेवा में वापसी के लिए समस्त पत्रावली को पुलिस मुख्यालय भेजा जाना चाहिए था. तत्पश्चात अग्रिम आदेश पारित किया जाना चाहिए था.संबंधित लिपिक जितेंद्र ने ऐसा नहीं किया.संपूर्ण तथ्यों को संज्ञान में लाए बिना संबंधित लिपिक ने 18 अक्टूबर को महिला आरक्षी के सेवा में वापसी के आदेश करा लिए, जो नियम विरुद्ध है. मामला संज्ञान में आते ही लिपिक जितेन्द्र को निलंबित कर दिया गया. उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. महिला आरक्षी को पुनः सेवा में लिए जाने के आदेश को भी निरस्त किया गया हैं.
दोबारा नौकरी में आने के यह हैं नियम : बाबू जितेंद्र ने आरक्षी के दो साल पुराने मामले से अधिकारियों को अवगत नहीं कराया था. तथ्य छिपा लिए गए थे. त्यागपत्र स्वीकार होने के बाद नौकरी पुनः वापसी पुलिस मुख्यालय के अधिकार क्षेत्र का मामला है. वहीं से आदेश पारित होने के बाद फ़ोर्स छोड़ने वाले को पुनः नौकरी में लिया जा सकता हैं. लेकिन जांच में सामने आया कि बाबू ने मनमाने तरीके से तथ्य छिपाकर पुलिस मुख्यालय में बिना पत्रावली भेजे प्रियंका मिश्रा को 18 अक्टूबर को ज्वाइनिंग करा दी थी.
प्रियंका के इंस्टाग्राम पर 90 हजार फालोअर्स : प्रियंका के अगस्त 2021 में इंस्टाग्राम पर महज डेढ़ हजार फालोअर्स थे. रील और त्यागपत्र के बाद रातों-रात उनके फालोअर्स की संख्या में इजाफा हुआ था. वर्तमान में इंस्टाग्राम पर उनके करीब 90 हजार फालोअर्स हैं. प्रियंका के त्यागपत्र और उन्हें मिली ट्रेनिंग के खर्चे की रकम जमा कराने का मामला सोशल मीडिया की सुर्खियां बना था. त्यागपत्र स्वीकार करने से पहले उनकी काउंसलिंग की गई थी. समझाया गया था. वह ट्रोल किए जाने से आहत थीं. लिखा भी था कि ऐसा लग रहा है कि उन्होंने बहुत बड़ा अपराध कर दिया.तत्कालीन एसएसपी मुनिराज ने प्रियंका के परिवार को भी समझाने की कोशिश की थी. पुलिस फोर्स छोड़ने के फैसले पर पुर्नविचार करने का समय दिया था. लेकिन प्रियंका ने इस्तीफा दे दिया. जिसे तत्कालीन एसएसपी ने स्वीकार कर लिया था.
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