आगरा: प्रेम की निशानी कहा जाने वाला ताजमहल जितना खूबसूरत है, उतना ही रोचक इसका इतिहास भी. रॉयल गेट पर पहुंचते हर टूरिस्ट के निगाहें 114 साल पुराने लैंप पर जाकर ठहर जाती हैं. यह लैंप ताजमहल की मुख्य गुम्बद में मुगल बादशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की कब्र के ऊपर लगा हुआ है.
ताजमहल को देखने आने वाले पर्यटकों की रॉयल गेट और ताजमहल के मुख्य गुम्बद में लगे इन लैम्प को लेकर तमाम जिज्ञासाएं रहती हैं. वे इनको लेकर तमाम सवाल टूरिस्ट गाइड से करते हैं. 24 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया भी इस प्रेम निशानी को देखने आगरा पहुंचेंगी. ऐसे में ट्रंप और मेलानिया की निगाह इस लैम्प पर पड़ना लाजमी है.
ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड कर्जन से लैम्प का संबंध
बताया जाता है कि ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड कर्जन जब आगरा आए थे तो ताजमहल में बने मुख्य गुंबद में धुआं भरा हुआ था. इससे उन्हें काफी परेशानी हुई और फिर यहां पर लैम्प लगाए जाने का प्लान उनके दिमाग में आया. 18 फरवरी 1906 में ताजमहल में पहली बार लॉर्ड कर्जन के भेजे गए छोटे बड़े लैम्प प्रज्जवलित किए गए.
टूरिस्ट गाइड ने दी जानकारी
टूरिस्ट गाइड डॉ. आशीष कुमार दीक्षित ने बताया कि ताजमहल में मुमताज-शाहजहां की कब्र के ऊपर और रॉयल गेट के साथ ही आगरा किला में भी जो लैंप लगाए गए हैं. वह इजिप्ट के पिरामिड जैसे हैं. आगरा के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन जब इजिप्ट के वायसराय डिफ्यूट हुए तो उन्होंने आगरा के वायसराय को लैम्प गिफ्ट किए थे. यह लैंप्स इजिप्ट में बनवाए गए थे, जिन्हें वहां के फेमस मेटैलिकमैन से डिजाइन कराया गया था.
लैम्प इजिप्ट के पिरामिड में लगे हुए लैंप्स की कॉपी हैं. यह लैम्प कई धातुओं से मिलकर बनाए गए हैं. ताजमहल के मुख्य मकबरा, रॉयल गेट और आगरा किला में लगे विशेष डिजाइन के लैम्प इजिप्ट के पिरामिड जैसे हैं. इन्हें आगरा के वायसराय रहे लॉर्ड कर्जन ने सन् 1906 में आगरा के तत्कालीन वायसराय ने गिफ्ट किया था.
अगस्त 2015 में रॉयल गेट पर लगा लॉर्ड कर्जन का 109 साल पुराना लैंप अचानक गिर गया था, जिसे asi ने ठीक करावाया और दोबारा से उसे लगवाया गया. 114 साल पुराना यह लैम्प आज भी लार्ड करजन की याद दिला रहा है. साथ ही ताजमहल की शान बढ़ा रहा है.
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