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कोरोना का प्रभाव: रेलवे स्टेशन पर यात्री नदारद, कुलियों पर बढ़ा बेरोजगारी का बोझ

ताजनगरी आगरा में कोरोना वायरस के कहर से पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया है, जिस कारण जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर यात्री नदारद हैं. वहीं इसका असर कुलियों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है. कुलियों का कहना है कि पर्यटकों के न आने से हम लोगों को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है.

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Published : Mar 20, 2020, 10:26 AM IST

कुलियों पर बढ़ा बेरोजगारी का बोझ.
कुलियों पर बढ़ा बेरोजगारी का बोझ.

आगरा: देश में कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है. गुरुवार को रात आठ बजे पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' की अपील की है. वहीं ताजनगारी आगरा में ताजमहल सहित सभी स्मारक बंद कर दिए गए हैं, जिस कारण जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर यात्री नदारद हैं. वहीं इसका असर कुलियों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है.

कुलियों पर बढ़ा बेरोजगारी का बोझ.

आगरा कैंट स्टेशन और आगरा फोर्ट स्टेशन सहित अन्य तमाम स्टेशन पर कार्य करने वाले कुली कोरोना के कहर के चलते बेरोजगार हो गए हैं. पर्यटक नहीं आने और तमाम ट्रेन रद्द होने से कुलियों के आगे दो वक्त की रोटी जुटाने का संकट आ गया है. कुलियों का कहना है कि जब काम नहीं चल रहा है तो रुपये नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. पैसे नहीं होने की वजह से हम मास्क और सेनेटाइजर भी खरीदे सकते हैं.

आगरा कैंट स्टेशन से होकर देश के विभिन्न हिस्सों के लिए ट्रेनें गुजरती हैं. आगरा कैंट स्टेशन पर एक महिला सहित 100 से ज्यादा अधिकृत कुली हैं. कोरोना के खौफ में रेलवे की ओर से लगातार ट्रेन रद्द की जा रही हैं. यात्री भी ट्रेनों में कम चल रहे हैं. सभी कुली दिन भर यूं ही बैठे रहते हैं और शाम को खाली हाथ घर चले जाते हैं. कोरोना से पहले कुलियों का अच्छा काम चल रहा था. कोरोना का कहर बढ़ने से मुसाफिरों का आना बंद हो गया है.

कोरोना के चलते देश में ताजमहल के साथ ही अन्य तमाम स्मारक भी बंद कर दिए हैं. ताजमहल देखने आने वाले पयर्टक नहीं आ रहे हैं. इस वजह से कुली यूं ही दिन भर बैठे रहते हैं. कुली राजू ने बताया कि न ही उन्हें मास्क दिया गया है और न ही सैनिटाइजर दिया गया है. कोरोना वायरस के प्रकोप से बहुत परेशानियां हो रही हैं. काम चल नहीं रहा है, इसलिए उनके पास मास्क और सैनिटाइजर खरीदने के लिए पैसे ही नहीं हैं. घर का खर्च भी चलाना मुश्किल हो गया है.

कुली चांद उस्मानी ने बताया कि आगरा कैंट स्टेशन पर एक महिला कुली के साथ ही 100 से ज्यादा कुली हैं. कोरोना के कहर के चलते सभी यूं ही बिना काम के बैठे रहते हैं. सभी के सामने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है. कोरोना के कहर का असर अब लोगों की दिनचर्या के साथ ही दो वक्त की रोटी पर पड़ने लगा है. दिहाड़ी मजदूरों के साथ ही कुली भी बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में परिवारों के लिए खाना जुटाना मुश्किल हो रहा है.

इसे भी पढ़ें:- दीदार-ए-ताज न हो पाया तो आंखों से छलका दर्द

आगरा: देश में कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है. गुरुवार को रात आठ बजे पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' की अपील की है. वहीं ताजनगारी आगरा में ताजमहल सहित सभी स्मारक बंद कर दिए गए हैं, जिस कारण जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर यात्री नदारद हैं. वहीं इसका असर कुलियों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है.

कुलियों पर बढ़ा बेरोजगारी का बोझ.

आगरा कैंट स्टेशन और आगरा फोर्ट स्टेशन सहित अन्य तमाम स्टेशन पर कार्य करने वाले कुली कोरोना के कहर के चलते बेरोजगार हो गए हैं. पर्यटक नहीं आने और तमाम ट्रेन रद्द होने से कुलियों के आगे दो वक्त की रोटी जुटाने का संकट आ गया है. कुलियों का कहना है कि जब काम नहीं चल रहा है तो रुपये नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. पैसे नहीं होने की वजह से हम मास्क और सेनेटाइजर भी खरीदे सकते हैं.

आगरा कैंट स्टेशन से होकर देश के विभिन्न हिस्सों के लिए ट्रेनें गुजरती हैं. आगरा कैंट स्टेशन पर एक महिला सहित 100 से ज्यादा अधिकृत कुली हैं. कोरोना के खौफ में रेलवे की ओर से लगातार ट्रेन रद्द की जा रही हैं. यात्री भी ट्रेनों में कम चल रहे हैं. सभी कुली दिन भर यूं ही बैठे रहते हैं और शाम को खाली हाथ घर चले जाते हैं. कोरोना से पहले कुलियों का अच्छा काम चल रहा था. कोरोना का कहर बढ़ने से मुसाफिरों का आना बंद हो गया है.

कोरोना के चलते देश में ताजमहल के साथ ही अन्य तमाम स्मारक भी बंद कर दिए हैं. ताजमहल देखने आने वाले पयर्टक नहीं आ रहे हैं. इस वजह से कुली यूं ही दिन भर बैठे रहते हैं. कुली राजू ने बताया कि न ही उन्हें मास्क दिया गया है और न ही सैनिटाइजर दिया गया है. कोरोना वायरस के प्रकोप से बहुत परेशानियां हो रही हैं. काम चल नहीं रहा है, इसलिए उनके पास मास्क और सैनिटाइजर खरीदने के लिए पैसे ही नहीं हैं. घर का खर्च भी चलाना मुश्किल हो गया है.

कुली चांद उस्मानी ने बताया कि आगरा कैंट स्टेशन पर एक महिला कुली के साथ ही 100 से ज्यादा कुली हैं. कोरोना के कहर के चलते सभी यूं ही बिना काम के बैठे रहते हैं. सभी के सामने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है. कोरोना के कहर का असर अब लोगों की दिनचर्या के साथ ही दो वक्त की रोटी पर पड़ने लगा है. दिहाड़ी मजदूरों के साथ ही कुली भी बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में परिवारों के लिए खाना जुटाना मुश्किल हो रहा है.

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