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एक लाख के इनामी का लावारिस में अंतिम संस्कार, जानें कौन था यह कुख्यात - आगरा पुलिस

आगरा में पुलिस ने आठ दिन के इंतजार और खोजबीन के बाद एक लाख रुपये के इनामी कुख्यात बदन सिंह (Badan Singh) का लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया. कुख्यात को अंतिम समय 'अपनों' का कंधा भी नसीब नहीं हुआ.

बदन सिंह का अंतिम संस्कार.
बदन सिंह का अंतिम संस्कार.
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Published : Jul 31, 2021, 6:15 AM IST

आगरा: पुलिस ने आठ दिन के इंतजार और खोजबीन के बाद एक लाख रुपये के इनामी कुख्यात बदन सिंह (Badan Singh) का लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया. कुख्यात को अंतिम समय 'अपनों' का कंधा भी नसीब नहीं हुआ. यह वही बदन सिंह है, जो चंबल के बीहड में रहकर यूपी, एमपी और राजस्थान से अपहरण कराकर फिरौती वसूलता था. मगर, 22 जुलाई-2021 को जगनेर के गांव कछपुरा में पुलिस की मुठभेड में बदन सिंह और उसका साथी मारा गया था. पुलिस ने बदन सिंह के परिजनों की राजस्थान के धौलपुर और आगरा में तलाश और खोजबीन की. पर परिजन का कहीं सुराग नहीं लगा. इसके बाद पुलिस ने कानूनी कार्रवाई के बाद शुक्रवार को कुख्यात बदन सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया.

22 जुलाई 2021 की देर रात बदन सिंह और उसके साथी अक्षय उर्फ चंकी पाण्डेय का जगनेर के गांव कछपुरा में पुलिस से आमना सामना हो गया था. दोनों ओर से गोलियां चली थीं. इसमें पुलिस की गोली लगने से बदन सिंह और उसका साथी अक्षय उर्फ चंकी पाण्डेय घायल हो गया. बदन सिंह पर एडीजी ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जबकि अक्षय पर 25 हजार रुपये का इनाम था. 23 जुलाई 2021 को पोस्टमार्टम के बाद अक्षय के परिजन उसका शव ले गए. मगर, बदन सिंह के एनकाउंटर के बाद परिजन ने उससे दूरी बना ली. यही वजह रही कि 8 दिन बाद भी परिजन आगरा में बदन सिंह का शव लेने नहीं आए. उसे अंत समय 'अपनों' का कंधा भी नसीब नहीं हुआ. न ही अपनों के हाथ से मुखाग्नि मिली. पुलिस ने भी परिजनों की तलाश की. मगर, बदन सिंह के परिजन धौलपुर और आगरा के पते पर पुलिस को नहीं मिले.

डाॅक्टर को किया था किडनैप

हाल में कुख्यात बदन सिंह के गिरोह ने आगरा के वरिष्ठ सर्जन उमाकांत गुप्ता का अपहरण किया था. गिरोह ने 5 करोड़ रुपये की फिरौती की डिमांड का पत्र भी चिकित्सक के घर फेंका था. लेकिन, आगरा पुलिस ने धौलपुर पुलिस की मदद से कुख्यात बदन सिंह की गिरफ्त से डॉ. उमाकांत गुप्ता को मुक्त कराया. पुलिस ने बदन सिंह के इशारे पर डॉ उमाकांत गुप्ता को हनी ट्रैप का शिकार बनाने वाले मंगला और संध्या के साथ पवन गिरफ्तार किया था.

पुलिस ने जनता से की थी अपील

एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि एनकाउंटर में ढेर कुख्यात बदन सिंह के परिजनों से संपर्क किया गया. मगर, परिजनों ने संपर्क नहीं किया. बदनसिंह धौलपुर जिले के कंचनपुर थाना स्थित गांव अब्दुलपुर और हाल में आगरा के सदर थाना क्षेत्र के नैनाना जाट था. दोनों ही जगह पर बदन सिंह के परिजन नहीं मिले हैं. पुलिस ने जनता से भी अपील की थी कि बदन सिंह के परिजन या रिश्तेदार के बारे में कोई जानकारी हो तो पुलिस को दें, जिससे बदन सिंह का शव अंतिम संस्कार के लिए परिजन और रिश्तेदारों के सुपुर्द किया जा सके. शुक्रवार को बदन सिंह का विद्युत शवदाहगृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

जिंदा था तो डरते थे लोग

आगरा पुलिस के मुताबिक, कुख्यात बदन सिंह ने सन् 2017 में सदर क्षेत्र से डॉक्टर निखिल बंसल का अपहरण कराया था. इसमें बदन सिंह और कुख्यात केशव गुर्जर ने फिरौती वसूली थी. बदन सिंह के खिलाफ आठ मुकदमे दर्ज थे. इनमें आगरा में छह मुकदमे हैं, जो एत्मादउद्दौला, सिकंदरा, सदर और जगनेर थाना में दर्ज हैं. दो मुरैना (एमपी) में अपहरण के हैं. दस्यु केशव गुर्जर का साथी होने की वजह से बदन सिंह से लोग डरते थे.


पढ़ें: गायत्री प्रजापति को राहत : धोखाधड़ी के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने की जमानत मंजूर

कपड़े और डीएनए सैंपल सुरक्षित

एसपी ग्रामीण (पश्चिमी) सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि एनकाउंटर में मारे गए एक लाख रुपये के इनामी बदन सिंह के शव का ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया है. उसके कपड़े सहित अन्य सामान को सुरक्षित रखा गया है. बदन सिंह का डीएनए सैंपल सुरक्षित रखा गया है. कुछ अस्थियां भी कलश में रखी गई हैं, जिसे परिजनों के आने पर दी जा सकें. बदन सिंह के परिजन होने का कोई भविष्य में दावा करता है तो उसे डीएनए कराने के बाद ही उसकी अस्थियां दी जाएंगी.

आगरा: पुलिस ने आठ दिन के इंतजार और खोजबीन के बाद एक लाख रुपये के इनामी कुख्यात बदन सिंह (Badan Singh) का लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया. कुख्यात को अंतिम समय 'अपनों' का कंधा भी नसीब नहीं हुआ. यह वही बदन सिंह है, जो चंबल के बीहड में रहकर यूपी, एमपी और राजस्थान से अपहरण कराकर फिरौती वसूलता था. मगर, 22 जुलाई-2021 को जगनेर के गांव कछपुरा में पुलिस की मुठभेड में बदन सिंह और उसका साथी मारा गया था. पुलिस ने बदन सिंह के परिजनों की राजस्थान के धौलपुर और आगरा में तलाश और खोजबीन की. पर परिजन का कहीं सुराग नहीं लगा. इसके बाद पुलिस ने कानूनी कार्रवाई के बाद शुक्रवार को कुख्यात बदन सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया.

22 जुलाई 2021 की देर रात बदन सिंह और उसके साथी अक्षय उर्फ चंकी पाण्डेय का जगनेर के गांव कछपुरा में पुलिस से आमना सामना हो गया था. दोनों ओर से गोलियां चली थीं. इसमें पुलिस की गोली लगने से बदन सिंह और उसका साथी अक्षय उर्फ चंकी पाण्डेय घायल हो गया. बदन सिंह पर एडीजी ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जबकि अक्षय पर 25 हजार रुपये का इनाम था. 23 जुलाई 2021 को पोस्टमार्टम के बाद अक्षय के परिजन उसका शव ले गए. मगर, बदन सिंह के एनकाउंटर के बाद परिजन ने उससे दूरी बना ली. यही वजह रही कि 8 दिन बाद भी परिजन आगरा में बदन सिंह का शव लेने नहीं आए. उसे अंत समय 'अपनों' का कंधा भी नसीब नहीं हुआ. न ही अपनों के हाथ से मुखाग्नि मिली. पुलिस ने भी परिजनों की तलाश की. मगर, बदन सिंह के परिजन धौलपुर और आगरा के पते पर पुलिस को नहीं मिले.

डाॅक्टर को किया था किडनैप

हाल में कुख्यात बदन सिंह के गिरोह ने आगरा के वरिष्ठ सर्जन उमाकांत गुप्ता का अपहरण किया था. गिरोह ने 5 करोड़ रुपये की फिरौती की डिमांड का पत्र भी चिकित्सक के घर फेंका था. लेकिन, आगरा पुलिस ने धौलपुर पुलिस की मदद से कुख्यात बदन सिंह की गिरफ्त से डॉ. उमाकांत गुप्ता को मुक्त कराया. पुलिस ने बदन सिंह के इशारे पर डॉ उमाकांत गुप्ता को हनी ट्रैप का शिकार बनाने वाले मंगला और संध्या के साथ पवन गिरफ्तार किया था.

पुलिस ने जनता से की थी अपील

एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि एनकाउंटर में ढेर कुख्यात बदन सिंह के परिजनों से संपर्क किया गया. मगर, परिजनों ने संपर्क नहीं किया. बदनसिंह धौलपुर जिले के कंचनपुर थाना स्थित गांव अब्दुलपुर और हाल में आगरा के सदर थाना क्षेत्र के नैनाना जाट था. दोनों ही जगह पर बदन सिंह के परिजन नहीं मिले हैं. पुलिस ने जनता से भी अपील की थी कि बदन सिंह के परिजन या रिश्तेदार के बारे में कोई जानकारी हो तो पुलिस को दें, जिससे बदन सिंह का शव अंतिम संस्कार के लिए परिजन और रिश्तेदारों के सुपुर्द किया जा सके. शुक्रवार को बदन सिंह का विद्युत शवदाहगृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

जिंदा था तो डरते थे लोग

आगरा पुलिस के मुताबिक, कुख्यात बदन सिंह ने सन् 2017 में सदर क्षेत्र से डॉक्टर निखिल बंसल का अपहरण कराया था. इसमें बदन सिंह और कुख्यात केशव गुर्जर ने फिरौती वसूली थी. बदन सिंह के खिलाफ आठ मुकदमे दर्ज थे. इनमें आगरा में छह मुकदमे हैं, जो एत्मादउद्दौला, सिकंदरा, सदर और जगनेर थाना में दर्ज हैं. दो मुरैना (एमपी) में अपहरण के हैं. दस्यु केशव गुर्जर का साथी होने की वजह से बदन सिंह से लोग डरते थे.


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कपड़े और डीएनए सैंपल सुरक्षित

एसपी ग्रामीण (पश्चिमी) सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि एनकाउंटर में मारे गए एक लाख रुपये के इनामी बदन सिंह के शव का ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया है. उसके कपड़े सहित अन्य सामान को सुरक्षित रखा गया है. बदन सिंह का डीएनए सैंपल सुरक्षित रखा गया है. कुछ अस्थियां भी कलश में रखी गई हैं, जिसे परिजनों के आने पर दी जा सकें. बदन सिंह के परिजन होने का कोई भविष्य में दावा करता है तो उसे डीएनए कराने के बाद ही उसकी अस्थियां दी जाएंगी.

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