आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा में मेडिकल स्टूडेंट्स की 'ताबीज इंजीनियरिंग' की कड़ियां पुलिस ने सुलझाना शुरू कर दिया है. पुलिस के मुताबिक चाइनीज गजट को ताबीज में फिट किया गया था. जिसकी मदद से दिल्ली में बैठे लोग आगरा में परीक्षा दे रहे मेडिकल स्टूडेंट्स को नकल करा रहे थे. पुलिस ने दिल्ली और आगरा से नकल कराने वाले लोगों को चिन्हित कर लिया है. इधर, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन की शिकायत पर हरिपर्वत पुलिस ने आईटी एक्ट और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
दरअसल डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा में एफएच मेडिकल कॉलेज के 90 छात्रों का परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस बनाया गया था. मंगलवार सुबह ऑफ्थलमॉलॉजी (नेत्र विज्ञान) की परीक्षा थी. दो कक्षों में स्टूडेंट परीक्षा दे रहे थे, तभी करीब सुबह साढ़े नौ बजे कक्ष निरीक्षक ने कई छात्रों को धीरे-धीरे बोलते देखा तो हाईटेक नकल के खेल का खुलासा हुआ. इन परीक्षार्थियों को पकड़ कर पुलिस के सुपुर्द किया गया है.
ऐसे हो रही थी नकल
एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि मेडिकल स्टूडेंटस हाईटेक तरीके से नकल करते रंगेहाथ पकड़े गए हैं. उन्हें बाहर से प्रश्नों के उत्तर बताए जा रहे थे. पकड़े गए सभी 10 स्टूडेंट्स के गले में विशेष 'ताबीज' था. जिसमें हाईटेक रिसीवर और ट्रांसमिशन लगा हुआ था. दूसरा उपकरण इयरिंग एड है, जो ब्लू टूथ से कनेक्ट था. जिसके जरिए बाहर बैठे नकल गिरोह के लोग छात्रों को नकल करा रहा थे.
सभी की उत्तर पुस्तिका सील
हाईटेक नकल की खबर मिलते ही कुलपति प्रो. अशोक मित्तल और कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्रा मौके पर पहुंच गए. दोनों ने मौके पर पहुंच कर नकलचियों की उत्तर पुस्तिकाएं सील कराईं. पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने रंगे हाथ नकल करते पकड़े गए मेडिकल स्टूडेंट से पूछताछ में खुलासा किया है कि, पांच लोग उन्हें हाईटेक तरीके से नकल करा रहे थे. यह सभी उनके सीनियर हैं. इनमें से दो दिल्ली में पीजी की तैयारी कर रहे हैं. जबकि, तीन सीनियर एफएच मेडिकल कॉलेज के हैं. एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर नकलची मेडिकल स्टूडेंटस नदीम अली, राहुल यादव, मोहित सैनी, नावेद हसन, दीपक सिंह, कुणाल शर्मा, राहुल बाबू, मोहित यादव, अमित यादव, हनी जसवानी के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके साथ ही हाईटेक तरीके से नकल कराने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी है.