आगरा: जनपद के कस्बा पिनाहट घाट चंबल नदी पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले पैन्टून पुल का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. जबकि नियम अनुसार 15 अक्टूबर को पुल पर आवागमन चालू हो जाना था. किंतु अभी तक यहां पुल बनाने का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है. ऐसे में सर्वाधिक दिक्कत आम यात्रियों के साथ-साथ बटेश्वर जाने वाले लोगों को हो रही है.
वर्तमान में विश्व प्रसिद्ध बटेश्वर का पशु मेला आयोजित किया जा रहा है. इस मेले में सम्मिलित होने के लिए बड़ी संख्या में पशु व्यापारी अंबाह, दिमनी, पोरसा, मुरैना से बटेश्वर जाते है. पशु व्यापारियों द्वारा पशुओं की खरीद और बिक्री की जाती है किंतु पुल निर्माण न होने के कारण इन पशु व्यापारियों को 200 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाकर बटेश्वर जाना पड़ रहा है. जबकि पुल चालू होने की स्थिति में बटेश्वर तक पहुंचने की दूरी अंबाह, दिमनी, पोरसा से मात्र 65 से 70 किलोमीटर है.
चंबल नदी के पिनाहट उसेद घाट पर प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर से 14 जून तक पांटून पुल से आवागमन होता है. बारिश में दुर्घटना की आशंका के चलते 15 जून से इस पुल को 4 माह के लिये हटा दिया जाता है. इसके बाद पुल का निर्माण कार्य 1 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाता है जो लगभग 15 अक्टूबर तक तैयार होकर आवागमन के लिए खोल दिया जाता है किंतु इस बार पुल बनाने की प्रक्रिया अभी तक चालू नहीं हुई है. जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वर्तमान में पुल चालू न होने के कारण बाह, पिनाहट, आगरा, बटेश्वर, शमशाबाद, फिरोजाबाद, राजाखेड़ा के लोगों को भी लगभग 100 से 120 किलोमोटर का अतिरिक्त लंबा चक्कर लगाकर अंबाह, पोरसा,दिमनी आना पड़ रहा है. इसी तरह अंबाह, पोरसा, दिमनी, मुरैना आदि इलाके के लोगों को लंबा सफर तय करके राजस्थान होकर पिनाहट जाना पड़ रहा है. इतना लंबा सफर करने से जहां लोगों की हालत भी खराब हो जाती है. वहीं उनको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है और समय की भी बर्बादी हो रही है.
उक्त पुल के बन जाने से चंबल पार करने पर यहां के आसपास के लोगों की दूरी व समय दोनों की बचत होती है. इस पुल के जरिए छोटे से लेकर बड़े वाहनों का एक दूसरे के राज्यों में आवागमन होता है. पुल का निर्माण कार्य शुरू न होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. लोगों का कहना है कि विभाग की लापरवाही के चलते निर्धारित समय सीमा के 25 दिन गुजरने के बाद हुई यहां पुल का निर्माण प्रारंभ नहीं हो सका है.
ग्रामीण दीपक तोमर के अनुसार बटेश्वर मेला में हर साल हजारों लोग जाते हैं ऐसे में पूल चालू न होने के कारण लोग शॉर्टकट लेने के चक्कर में नदी में नावों का सहारा भी लेते हैं जिससे हादसा भी हो सकता है. क्षेत्रीय विधायक रानी पक्षालिका सिंह ने लोगों की मांग पर पीडब्लूडी की अधिकारिओ से वार्ता की और जल्द से जल्द प्लाटून पूल को चालू करवाने को कहा.
उन्होंने बताया की पीडब्लूडी की अधिकारियों द्वारा उन्हें 20 नवंबर तक प्लाटून पूल चालू करने का भरोसा दिलाया है. वहीं, पीडब्लूडी के एक्सईएन प्रदीप कुमार ने बताया जल स्तर बढ़ने की वजह से प्लाटून पूल के निर्माण में देरी हुई है. जल्द ही काम शुरू करवाकर 20 नवंबर तक प्लाटून पूल चालू करा दिया जाएगा.
इसे भी पढे़ं- यहां लोग आने-जाने के लिए आज भी लेते हैं नाव का सहारा, आठ साल में भी नहीं पूरा सका पुल निर्माण