आगरा: सावन के तीसरे सोमवार को ताज नगरी में दशहरा घाट पर पारंपरिक नृत्य और मल्हार उत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर पहले महिलाओं ने भगवान श्री कृष्ण और राधा के स्वरूपों की पूजा की. उसके बाद फिर उन्हें झूला झुलाया. इस अवसर पर स्थानीय लोगों के साथ ही देसी विदेशी पर्यटक भी यमुना की आरती में शामिल हुए.
सावन माह में ताजमहल के पास गाई गई मल्हार-
- ताजमहल के पूर्वी गेट पर स्थित दशहरा घाट पर शाम पांच बजे लोगों की भीड़ जमा होने लगी.
- घाट पर महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी लोग इकट्ठा हुए.
- महिलाओं ने पहले भगवान श्री कृष्ण और राधा के स्वरूप की पूजा की और उनकी आरती उतारी.
- इसके बाद उन्हें राधा-कृष्ण को झूला झुलाया गया.
- स्थानीय लोगों ने मिलकर गीत और पारंपरिक मल्हार गाया.
- सभी ने यमुना की आरती की, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ ही देशी-विदेशी पर्यटकों भी शामिल थे.
- सभी लोगों ने यमुना में दीप प्रवाहित किए और मनोकामनाएं मांगी.
सावन माह हिन्दू धर्म में अहम है. आज रिमझिम सावन की फुहार में भगवान श्री कृष्ण के स्वरूपों का पूजन किया गया और आरती उतारी गई. महिलाओं ने पारंपरिक गीत मल्हार गाए और फिर यमुना मैया की आरती उतारी.
-अलका सिंह,नटरांजलि थिएटर की डॉयरेक्टर
यमुना मैया की आरती और हिंदू धर्म की परंपराओं को देख कर बहुत ही अच्छा लगा है. ताजमहल के पास में इस तरह से सांस्कृतिक और भक्ति के कार्यक्रम ने मुझे भावविभोर कर दिया है.
-सजको, जापानी पर्यटक