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20 वर्षों से नहीं पूरी हुई पुल की मांग, ट्यूब के सहारे चंबल नदी पार करने को मजबूर हैं लोग

आगरा के बाह और पिनाहट तहसील के बीच से बहने वाली चंबल नदी पर पुल न होने के कारण लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. एक परिवार के ट्यूब के सहारे नदी पार करने का वीडियो वायरल हुआ है.

ट्यूब के सहारे चंबल नदी पार करते राहगीर.
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Published : Feb 3, 2019, 4:21 PM IST

आगरा : चंबल नदी के केंजर घाट पर रोजाना नदी के आर-पार जाने के लिए लोग जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं. मोटरसाइकिल की ट्यूब के सहारे ग्रामीण नदी के आर-पार आते-जाते हैं. इस दौरान ग्रामीणों पर मगरमच्छों के हमले का खतरा भी रहता है.

दरअसल, आगरा जिले की बाह और पिनाहट तहसील के बीच से चंबल नदी बहती है. नदी के किनारे से रोजाना सैकड़ों लोग मध्य प्रदेश जाते हैं और मध्य प्रदेश के लोग यहां आते हैं. नदी पर पुल न होने के कारण लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी को पार करते हैं. कई बार नदी पर पुल बनाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर होने के कारण यह मांग शासन और प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच पाती है.

जानकारी देते नदी पार करने वाले राहगीर.
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राहगीरों के नदी पार करने का तरीका भी जोखिम भरा है. ऐसे ही नदी पार करते हुए एक परिवार का वीडियो वायरल हुआ है, जो मात्र एक ट्यूब के सहारे मोटरसाइकिल समेत नदी पार कर रहा है. आपको बता दें कि चंबल नदी में मगरमच्छ, डॉल्फिन समेत तमाम जलीय जीव है, जो कभी भी लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और साथ ही साथ एक ट्यूब के सहारे लोगों का नदी पार करना कभी भी बड़े हादसे को दावत दे सकता है. वहीं जब ट्यूब के सहारे नदी पार करने वाले परिवार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 20 वर्षों से सरकार से पुल की मांग की जा रही है, लेकिन न तो इस पर शासन ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने. मजबूरन हम लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं.

आगरा : चंबल नदी के केंजर घाट पर रोजाना नदी के आर-पार जाने के लिए लोग जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं. मोटरसाइकिल की ट्यूब के सहारे ग्रामीण नदी के आर-पार आते-जाते हैं. इस दौरान ग्रामीणों पर मगरमच्छों के हमले का खतरा भी रहता है.

दरअसल, आगरा जिले की बाह और पिनाहट तहसील के बीच से चंबल नदी बहती है. नदी के किनारे से रोजाना सैकड़ों लोग मध्य प्रदेश जाते हैं और मध्य प्रदेश के लोग यहां आते हैं. नदी पर पुल न होने के कारण लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी को पार करते हैं. कई बार नदी पर पुल बनाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर होने के कारण यह मांग शासन और प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच पाती है.

जानकारी देते नदी पार करने वाले राहगीर.
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राहगीरों के नदी पार करने का तरीका भी जोखिम भरा है. ऐसे ही नदी पार करते हुए एक परिवार का वीडियो वायरल हुआ है, जो मात्र एक ट्यूब के सहारे मोटरसाइकिल समेत नदी पार कर रहा है. आपको बता दें कि चंबल नदी में मगरमच्छ, डॉल्फिन समेत तमाम जलीय जीव है, जो कभी भी लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और साथ ही साथ एक ट्यूब के सहारे लोगों का नदी पार करना कभी भी बड़े हादसे को दावत दे सकता है. वहीं जब ट्यूब के सहारे नदी पार करने वाले परिवार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 20 वर्षों से सरकार से पुल की मांग की जा रही है, लेकिन न तो इस पर शासन ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने. मजबूरन हम लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं.

Intro:चंबल नदी के केन्जर घाट पर रोजाना नदी के उस पार जाने के लिए लोग जान जोखिम में डालने हैं। आज यहां मात्र 1 ट्यूब के सहारे मोटरसाइकिल समेत पूरा परिवार नदी को पार करते हुए दिखाई दिया ।पूछने पर उनका कहना था की 20 साल से पुल की मांग हो रही है लेकिन प्रशासन कभी इस ओर ध्यान नहीं देता है। मजबूरन जाना लोग जान जोखिम में डालकर चंबल पार करते हैं।




Body:आपको बता दें के आगरा की बाह तहसील और पिनाहट तहसील में चंबल नदी के किनारे से रोजाना सैकड़ो लोग मध्य प्रदेश जाते हैं और मध्य प्रदेश के लोग यहां आते हैं।यहां तमाम बार पुल की मांग की जा चुकी है, लेकिन वह मांग आज तक पूरी नहीं हुई है ।इसके चलते रोजाना तमाम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं, ऐसे ही नदी पार करते हुए एक परिवार का वीडियो वायरल हुआ है जो मात्र एक ट्यूब के सहारे एक परिवार मोटरसाइकिल समेत नदी पार कर रहा है।यहां आपको यह भी बता दे चंबल नदी में घड़ियाल मगरमच्छ डॉल्फिन समेत तमाम जलीय जीव है,जो कभी भी लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और साथ ही साथ एक ट्यूब के सहारे परिवार को नदी पार करने पर कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

बाईट रामदेव


Conclusion:03 agra jokhim ka safar स्लग से एफटीपी 100 किमी दूर देहात का मामला है
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