आगरा : ताजनगरी आगरा के पुष्पांजलि क्लाउड वैली नैनो सिटी कॉलोनी में 6 दिन से लाइट नहीं आ रही है. कॉलोनी के 90 परिवार अंधेरे में रहने के साथ अब पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. बिजली नहीं आने से बच्चों की अपनी ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं पा रही है. लोगों ने पुष्पांजलि बिल्डर से लेकर जिले में बैठे अधिकारियों से भी शिकायत की है. मगर, अब तक लाइट नहीं आई है.
दरअसल, पुष्पांजलि क्लाउड वैली नैनो सिटी कॉलोनी में 90 परिवार रहते हैं. कॉलोनी में 6 दिन से लाइट नहीं है. बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी परेशान हैं. लोगों की समस्या कोई सुनने वाला नहीं है.
यूं किया विरोध
यहां रहने वाले परिवार अपनी पीड़ा लगातार जिम्मेदार अधिकारी और डेवलपर्स से कर रहे हैं. सुनवाई न होने पर मंगलवार को लोग खाली पानी के बर्तनों को घर के बाहर रखकर नाराजगी दिखाई. साथ ही कॉलोनी वासी एकत्रित होकर खाली पानी के बर्तनों को हाथ में लेकर विरोध किया. लोगों ने पुष्पांजलि बिल्डर्स और अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
कॉलोनी की रहने वाली डॉ सुनैनी चतुर्वेदी ने बताया कॉलोनी में मकान खरीदने से पहले बिल्डर्स ने काफी सुविधाएं देने की बात कही थी. लेकिन कोई भी सुविधा उन्हें नहीं मिल रही है. न बिजली की सुविधा है, न पानी की. बिल्डर द्वारा आए दिन बिजली काटी जाती है. दो महीने में तीन बार बिजली इसी तरीके से काटी गई है. जबकि वो सभी लोग अपना बिल समय पर भरते हैं. आज छठवां दिन है, और लाइट नहीं आ रही है. इसके कारण पानी भी नहीं आ रहा है. वो लोग पानी का टैंकर बुलाकर गुजारा कर रहे हैं.
यहां के निवासी फौरन सिंह ने बताया कि वो इस कॉलोनी में पांच साल से रह रहे हैं. पांच साल से यहां बिजली और पानी की बहुत समस्या है. अभी 6 दिन से लाइट नहीं आ रही है. इसीलिए उन्हें टैंकर से पानी मंगाना पड़ रहा है. हर महीने वो लाइट का बिल भी दे रहे हैं. फिर भी 6 दिन से लाइट कटी हुई है.
इसी तरह शौर्य गुप्ता ने बताया कि कॉलोनी में लाइट बहुत दिनों से नहीं आ रही है. इसकी वजह से ऑनलाइन क्लास भी नहीं चल रही है. क्योंकि मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं. ऑनलाइन क्लास फिर कैसे लें. सीमा ने बताया कि वो कंपटीशन की तैयारी कर रही हैं. लाइट की वजह से न फोन चार्ज हो रहा है न लैपटॉप. इस वजह से वो ऑनलाइन क्लास भी नहीं ले पा रही हैं. उनका कहना था कि उनका एक हफ्ते बाद एग्जाम है. यहां हर 15 दिन बाद यही हावल रहता है. चार-पांच दिन के लिए लाइट काटी जाती है जबकि वे लोग हर महीने बिल भी देते हैं.