आगरा: जिले के बाह, पिनाहट, जेतपुर क्षेत्र में चंबल नदी में आई बाढ़ के चलते तटवर्ती इलाकों के कई गांव प्रभावित हुए हैं. समय से उपचार नहीं मिलने पर दो की जान भी चली गई. चंबल की बाढ़ से परेशान ग्रामीणों को अब पानी से होने वाली संक्रमित बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण अब उन पर जान का खतरा मंडराने लगा है.
बाढ़ ने ली दो की जान
चंबल की तलहटी में बसा गांव गुड़ा निवासी शेर सिंह को मंगलवार को अचानक तेज बुखार आया. रात में दवा की कोई व्यवस्था नहीं थी. आने जाने के रास्ते सारे बंद थे. मोटर बोट की भी व्यवस्था नहीं थी. बुधवार सुबह शेर सिंह की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई. काफी देर बाद मोटर बोट गांव पहुंची तब तक युवक की हालत नाजुक हो चुकी थी. ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई. जहां बोर्ड द्वारा प्रशासनिक कर्मचारी गांव पहुंचे और परिजनों के साथ बीमार युवक को तत्काल एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह भिजवाया. जहां अस्पताल में डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया.
दूसरा मामला गांव पुरा शिवलाल का है, जहां 19 वर्षीय मंजू की भी 3 दिन से बुखार आने से मौत हो गई. बाढ़ के पानी से आने जाने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण गांव में कोई इलाज नहीं हो सका और युवती को कोई उपचार नहीं पानी के कारण युवती की मौत हो गई.
ग्रामीणों में आक्रोश
उपचार नहीं मिलने से युवक और युवती की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है. परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने कहा कि प्रशासन के दावे नाकाम हैं. बाढ़ से प्रभावित गांव में अब संक्रमित बीमारियां फैल रही है. वायरल बुखार की चपेट में कई गांव के लोग बीमार पड़े हुए हैं और उन्हें सरकारी दवा असर नहीं कर रही है. ग्रामीण मदद नहीं मिल पाने के कारण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हर संभव मदद की गुहार लगाई है.
खतरे के निशान से ऊपर है जल स्तर
चंबल नदी का जलस्तर अब 136 मीटर से 134 मीटर पर पहुंच गया है. नदी अभी भी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तैनात है और बाढ़ पीड़ितों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है.