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आगरा: चंबल के बीहड़ों में बाढ़ का कहर, दो की मौत

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में आई बाढ़ ग्रामीणों के लिए आफत बनी हुई है. बाढ़ की वजह से गांव के दो लोगों की जान चली गई.

चंबल के बीहड़ों में बाढ़ का कहर.
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Published : Sep 19, 2019, 9:10 PM IST

आगरा: जिले के बाह, पिनाहट, जेतपुर क्षेत्र में चंबल नदी में आई बाढ़ के चलते तटवर्ती इलाकों के कई गांव प्रभावित हुए हैं. समय से उपचार नहीं मिलने पर दो की जान भी चली गई. चंबल की बाढ़ से परेशान ग्रामीणों को अब पानी से होने वाली संक्रमित बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण अब उन पर जान का खतरा मंडराने लगा है.

चंबल के बीहड़ों में बाढ़ का कहर.

बाढ़ ने ली दो की जान

चंबल की तलहटी में बसा गांव गुड़ा निवासी शेर सिंह को मंगलवार को अचानक तेज बुखार आया. रात में दवा की कोई व्यवस्था नहीं थी. आने जाने के रास्ते सारे बंद थे. मोटर बोट की भी व्यवस्था नहीं थी. बुधवार सुबह शेर सिंह की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई. काफी देर बाद मोटर बोट गांव पहुंची तब तक युवक की हालत नाजुक हो चुकी थी. ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई. जहां बोर्ड द्वारा प्रशासनिक कर्मचारी गांव पहुंचे और परिजनों के साथ बीमार युवक को तत्काल एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह भिजवाया. जहां अस्पताल में डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया.

दूसरा मामला गांव पुरा शिवलाल का है, जहां 19 वर्षीय मंजू की भी 3 दिन से बुखार आने से मौत हो गई. बाढ़ के पानी से आने जाने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण गांव में कोई इलाज नहीं हो सका और युवती को कोई उपचार नहीं पानी के कारण युवती की मौत हो गई.

ग्रामीणों में आक्रोश

उपचार नहीं मिलने से युवक और युवती की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है. परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने कहा कि प्रशासन के दावे नाकाम हैं. बाढ़ से प्रभावित गांव में अब संक्रमित बीमारियां फैल रही है. वायरल बुखार की चपेट में कई गांव के लोग बीमार पड़े हुए हैं और उन्हें सरकारी दवा असर नहीं कर रही है. ग्रामीण मदद नहीं मिल पाने के कारण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हर संभव मदद की गुहार लगाई है.

खतरे के निशान से ऊपर है जल स्तर

चंबल नदी का जलस्तर अब 136 मीटर से 134 मीटर पर पहुंच गया है. नदी अभी भी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तैनात है और बाढ़ पीड़ितों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है.

आगरा: जिले के बाह, पिनाहट, जेतपुर क्षेत्र में चंबल नदी में आई बाढ़ के चलते तटवर्ती इलाकों के कई गांव प्रभावित हुए हैं. समय से उपचार नहीं मिलने पर दो की जान भी चली गई. चंबल की बाढ़ से परेशान ग्रामीणों को अब पानी से होने वाली संक्रमित बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण अब उन पर जान का खतरा मंडराने लगा है.

चंबल के बीहड़ों में बाढ़ का कहर.

बाढ़ ने ली दो की जान

चंबल की तलहटी में बसा गांव गुड़ा निवासी शेर सिंह को मंगलवार को अचानक तेज बुखार आया. रात में दवा की कोई व्यवस्था नहीं थी. आने जाने के रास्ते सारे बंद थे. मोटर बोट की भी व्यवस्था नहीं थी. बुधवार सुबह शेर सिंह की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई. काफी देर बाद मोटर बोट गांव पहुंची तब तक युवक की हालत नाजुक हो चुकी थी. ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई. जहां बोर्ड द्वारा प्रशासनिक कर्मचारी गांव पहुंचे और परिजनों के साथ बीमार युवक को तत्काल एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह भिजवाया. जहां अस्पताल में डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया.

दूसरा मामला गांव पुरा शिवलाल का है, जहां 19 वर्षीय मंजू की भी 3 दिन से बुखार आने से मौत हो गई. बाढ़ के पानी से आने जाने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण गांव में कोई इलाज नहीं हो सका और युवती को कोई उपचार नहीं पानी के कारण युवती की मौत हो गई.

ग्रामीणों में आक्रोश

उपचार नहीं मिलने से युवक और युवती की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है. परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने कहा कि प्रशासन के दावे नाकाम हैं. बाढ़ से प्रभावित गांव में अब संक्रमित बीमारियां फैल रही है. वायरल बुखार की चपेट में कई गांव के लोग बीमार पड़े हुए हैं और उन्हें सरकारी दवा असर नहीं कर रही है. ग्रामीण मदद नहीं मिल पाने के कारण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हर संभव मदद की गुहार लगाई है.

खतरे के निशान से ऊपर है जल स्तर

चंबल नदी का जलस्तर अब 136 मीटर से 134 मीटर पर पहुंच गया है. नदी अभी भी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तैनात है और बाढ़ पीड़ितों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है.

Intro:आगरा.
जिले के बाह, पिनाहट, जेतपुर क्षेत्र में चंबल नदी में आई बाढ़ से चलते तटवर्ती इलाकों के दर्जनों गांव प्रभावित हैं. समय पर उपचार नहीं मिलने से दो की जान भी चली गई. क्योंकि
तटवर्ती के गांव गुड़ा,रानीपुरा,भटपुरा, शिमराई, भगवानपुरा, शिवलाल का पुरा, झरना पूरा, डाल का पुरा, उमरेठापुरा, बीच का पुरा, रेहा, कछियारा, डगौरा सहित अन्य गांव में चंबल की बाढ़ आफत बनकर आई है. चंबल की बाढ़ से परेशान ग्रामीणों को अब पानी से होने वाली संक्रमित बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण अब उन्हें अपनी जान का भी खतरा मंडराने लगा है.
Body:बुखार से युवक और युवती की मौत
थाना खेड़ा राठौर क्षेत्र के चंबल की तलहटी में बसा गांव गुड़ा निवासी शेर सिंह को मंगलवार को अचानक तेज बुखार आया. रात में दवा की कोई व्यवस्था नहीं थी, आने जाने के रास्ते सारे बंद थे. मोटर बोट की भी व्यवस्था नहीं थी, जिससे युवक को तत्काल बुखार की दवाई दिलवाई जा सकी. बुधवार सुबह शेर सिंह की तबीयत अचानक अधिक बिगड़ गई, काफी देर बाद मोटर बोट गांव पहुंची तब तक युवक की हालत नाजुक हो चुकी थी, ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई. जहां बोर्ड द्वारा प्रशासनिक कर्मचारी गांव पहुंचे और परिजनों के साथ बीमार युवक को तत्काल एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह भिजवाया, लेकिन तब तक युवक की हालत नाजुक हो चुकी थी. अस्पताल में डॉक्टरों ने बीमार युवक को मृत घोषित कर दिया. इससे घर में कोहराम मच गया. दूसरा मामला चंबल की बाढ़ से ग्रस्त गांव पुरा शिवलाल की 19 वर्षीय मंजू की भी 3 दिन से बुखार आने से मौत हो गई. बाढ़ के पानी से आने जाने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण गांव में कोई इलाज नहीं हो सका और युवती को कोई उपचार नहीं पानी के कारण, युवती की मौत हो गई.

ग्रामीणों में आक्रोश
उपचार नहीं मिलने से युवक और युवती की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है. परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. कहा कि, प्रशासन के दावे नाकाम है. उनके दावों को फेल बताया, बाढ़ से प्रभावित गांव में अब संक्रमित बीमारियां फैल रही है. घर घर चारपाई बिछी हुई है वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमें फेल साबित हो रही है, वायरल बुखार की चपेट में कई गांव के लोग दर्जनों की संख्या में बीमार पड़े हुए हैं और उन्हें सरकारी दवा असर नहीं कर रही है, ग्रामीण मदद नहीं मिल पाने के कारण आक्रोशित हैं,ग्रामीणों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हर संभव मदद की गुहार लगाई है.

वीर बहादुर सिंह ने बताया कि, गांव का रास्ता बाद हो गया है. इसलिए मेरे भाई की मौत हो गई है. पहले गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम आई थी, कुछ लोगों को दवा देकर गई थी, अगर समय पर मेरे भाई को उपचार मिल जाता तो बच जाता.

100 से ज्यादा बीमार
ग्रामीण मनोज कुमार ने बताया कि, गांव में चिकित्सा विभाग की टीम जरूर आई थी, उन्होंने कुछ गांव के लोगों को दवा दी, कुछ को नहीं. यही वजह रही कि अभी गांव में 100 से ज्यादा लोग बीमार है. इनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं. स्टीमर समय पर नहीं पहुंच पाता है. इस बारे में एसडीएम को बताया लेकिन वह अभी तक गांव में नहीं आए है.

खतरे का निशान से ऊपर है जल स्तर
एडीएम आपदा प्रबंधन रमेश चंद्र ने बताया कि,
अब चंबल नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है. चंबल का जलस्तर दो मीटर कम हुआ है. अब 136 मीटर से 134 मीटर पर पहुँच गया है,अभी भी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है. चम्बल नदी जिला प्रशासन की टीम कर रही है. बाढ़ पीड़ितों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तैनात है.
Conclusion:बीहड़ में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है, लोग बेघर हो गए हैं. घर छोड़ कर के जंगल में रहने को मजबूर है. और अब बीमारियों का कहर भी लोगों को अपनी चपेट में लेने लगा है. दो लोगों की इलाज के अभाव में मौत से जिला प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है.

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बाइट वीर बहादुर सिंह मृतक का भाई ।
बाइट मनोज कुमार ग्रामीण।
बाइट रमेश चंद्र, एडीएम वित्त एवं राजस्व आगरा।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357।
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