आगरा: उत्तर प्रदेश के सरकारी विभाग अपनी लचर कार्यप्रणाली के लिए जगजाहिर हैं. यही रवैया उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग का है. चंबल नदी से सटे मध्यप्रदेश और पिनाहट की सीमा को जोड़ने वाले पैंटून पुल के निर्माण की निर्धारित समयावधि बीत गई है, लेकिन उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है. इससे पिनाहट से मध्यप्रदेश आने व जाने वालों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें लगभग 100 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है. वहीं, दिन भर नदी के दोनों तरफ घाटों पर भीड़ लगी रही.
चंबल नदी से सटे आगरा जनपद के कस्बा पिनाहट और मध्यप्रदेश के उसैत घाट को बरसात के सीजन के बाद जलस्तर घटने पर पैंटून पुल के जरिए हर साल जोड़ा जाता है. इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश शासन ने लोक निर्माण विभाग आगरा को दे रखी है. लोगों की सहूलियत और उनके आवागमन के लिए पैंटून पुल का निर्माण 15 अक्टूबर से लेकर 15 जून तक के लिए बनाया जाता है. वहीं वर्ष में चार माह के लिए बारिश के दिनों में हटा दिया जाता है. इस दौरान स्टीमर के सहारे ही आवागमन रहता है. यह पुल पिनाहट क्षेत्र के लगभग 130 से अधिक गांवों को जोड़ता है.
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इस वर्ष पैंटून पुल निर्माण की समयसीमा 15 अक्टूबर निकलने के एक सप्ताह के बावजूद भी लोक निर्माण विभाग द्वारा पुल निर्माण नहीं कराया गया है. वहीं विभाग द्वारा अभी तक पुल निर्माण के लिए कोई तैयारियां भी शुरू नहीं की गई हैं. ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए अभी भी सिर्फ स्ट्रीमर का ही सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं जानकारों की मानें तो बीते दिनों अचानक हुई बरसात के कारण चंबल नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिसके कारण पैंटून पुल निर्माण में देरी हो रही है. वहीं, भारी समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों का मानना है कि चंबल का सामान्य जलस्तर बढ़ने पर भी पीपों की संख्या बढ़ाकर पुल बनाया जा सकता है, ताकि उन्हें समस्या से निजात मिल सके.