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आगरा: पाती के साथ अब डाकिया हॉस्पिटल तक पहुचाएंगे टीबी जांच के सैंपल

टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट आगरा में शुरू किया जा रहा है. इसमें डाक विभाग अपनी अहम भूमिका निभाएगा. स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग एक साथ मिलकर टीबी के मरीजों की जांच के लिए काम करेंगे. इससे टीबी के मरीजों की जांच सही समय पर की जा सकेगी.

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Published : Jun 26, 2019, 8:31 PM IST

टीबी मुक्त भारत अभियान.

आगरा: जिले में लोगों की 'पाती' के साथ डाकिया अब जल्द ही टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल का भी संकलन करेंगे. बलगम के सैंपल की जांच अत्याधुनिक सीबीनॉट से की जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के मिशन में अब डाकिया भी अहम भूमिका निभाएंगे.

टीबी मुक्त भारत मिशन को लेकर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने डाक विभाग के साथ हाथ मिलाया है. अब टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुंचाने में डाक विभाग अहम भूमिका निभाएगा.

पायलट प्रोजेक्ट आगरा में होगा शुरू.
  • पायलट प्रोजेक्ट जुलाई में प्रदेश के आगरा, बदायूं चंदौली और लखनऊ में शुरू हुआ.
  • इन जिलों में डाकिया लोगों की पाती के साथ ही टीबी मरीजों के सैंपल को सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुचाएंगे.
  • आगरा में भी डाकिया टीबी के मरीजों के जांच के लिए बलगम के सैंपल सरकारी हॉस्पिटल तक पहुंचाएंगे.
  • इससे टीबी के मरीजों के बलगम सैंपल की जांच बेहतर होगी.
  • इस प्रोजेक्ट से डाक विभाग की आमदनी भी बढ़ेगी.

आगरा में भी पायलट प्रोजेक्ट की होगी शुरूआत

  • टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट आगरा में शुरू किया जा रहा है.
  • इसमें डाक विभाग अपनी अहम भूमिका निभाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग एक साथ मिलकर टीबी के मरीजों की जांच के लिए काम करेंगे.
  • इससे टीबी के मरीजों की जांच सही समय पर की जा सकेगी.
  • जिले में टीबी के मरीजों के बलगम की जांच के लिए सीबीनॉट की चार मशीनें हैं.
  • इन मशीनों से 2 घंटे में बलगम की जांच रिपोर्ट मिल जाती है.
  • जिले के दूरदराज के टीबी मरीजों के सैंपल सीबीनॉट मशीन के सेंटर्स पर पहुंचने में देरी होती है.
  • इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग ने साथ मिलकर काम करने की पहल की है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि

आगरा में शुरू होने वाले पायलट प्रोजेक्ट को लेकर डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इससे दोनों विभाग के कर्मचारियों में सही तरह से सामंजस्य बन सकेगा. क्योंकि डाकिया जिले में टीबी के बलगम के सैंपल को स्पूटम सेंटर्स से लेकर आएंगे. शासन की ऐसी मंशा है कि आगरा में यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो फिर प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा.

आगरा में टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल कलेक्शन के 33 सेंटर हैं. इन सेंटर्स के नजदीकी डाकघर से एक पोस्टमैन को इन सेंटर से बलगम के सैंपल कलेक्शन की जिम्मेदारी दी जाएगी. डाकिया 12 बजे 2 बजे तक इन सभी सेंटर्स से बलगम के सैंपल कलैक्ट करेगा और सभी सैंपल को डाकघर लाकर बुक करेगा. फिर हम 24 घंटे में बलगम के सैंपल को आगरा में सीबीनॉट मशीन सेंटर्स पर जमा कराएंगे.
-मोना यासमीन, डाक विभाग की प्रवर अधीक्षक

आगरा: जिले में लोगों की 'पाती' के साथ डाकिया अब जल्द ही टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल का भी संकलन करेंगे. बलगम के सैंपल की जांच अत्याधुनिक सीबीनॉट से की जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के मिशन में अब डाकिया भी अहम भूमिका निभाएंगे.

टीबी मुक्त भारत मिशन को लेकर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने डाक विभाग के साथ हाथ मिलाया है. अब टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुंचाने में डाक विभाग अहम भूमिका निभाएगा.

पायलट प्रोजेक्ट आगरा में होगा शुरू.
  • पायलट प्रोजेक्ट जुलाई में प्रदेश के आगरा, बदायूं चंदौली और लखनऊ में शुरू हुआ.
  • इन जिलों में डाकिया लोगों की पाती के साथ ही टीबी मरीजों के सैंपल को सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुचाएंगे.
  • आगरा में भी डाकिया टीबी के मरीजों के जांच के लिए बलगम के सैंपल सरकारी हॉस्पिटल तक पहुंचाएंगे.
  • इससे टीबी के मरीजों के बलगम सैंपल की जांच बेहतर होगी.
  • इस प्रोजेक्ट से डाक विभाग की आमदनी भी बढ़ेगी.

आगरा में भी पायलट प्रोजेक्ट की होगी शुरूआत

  • टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट आगरा में शुरू किया जा रहा है.
  • इसमें डाक विभाग अपनी अहम भूमिका निभाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग एक साथ मिलकर टीबी के मरीजों की जांच के लिए काम करेंगे.
  • इससे टीबी के मरीजों की जांच सही समय पर की जा सकेगी.
  • जिले में टीबी के मरीजों के बलगम की जांच के लिए सीबीनॉट की चार मशीनें हैं.
  • इन मशीनों से 2 घंटे में बलगम की जांच रिपोर्ट मिल जाती है.
  • जिले के दूरदराज के टीबी मरीजों के सैंपल सीबीनॉट मशीन के सेंटर्स पर पहुंचने में देरी होती है.
  • इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग ने साथ मिलकर काम करने की पहल की है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि

आगरा में शुरू होने वाले पायलट प्रोजेक्ट को लेकर डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इससे दोनों विभाग के कर्मचारियों में सही तरह से सामंजस्य बन सकेगा. क्योंकि डाकिया जिले में टीबी के बलगम के सैंपल को स्पूटम सेंटर्स से लेकर आएंगे. शासन की ऐसी मंशा है कि आगरा में यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो फिर प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा.

आगरा में टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल कलेक्शन के 33 सेंटर हैं. इन सेंटर्स के नजदीकी डाकघर से एक पोस्टमैन को इन सेंटर से बलगम के सैंपल कलेक्शन की जिम्मेदारी दी जाएगी. डाकिया 12 बजे 2 बजे तक इन सभी सेंटर्स से बलगम के सैंपल कलैक्ट करेगा और सभी सैंपल को डाकघर लाकर बुक करेगा. फिर हम 24 घंटे में बलगम के सैंपल को आगरा में सीबीनॉट मशीन सेंटर्स पर जमा कराएंगे.
-मोना यासमीन, डाक विभाग की प्रवर अधीक्षक

Intro:आगरा.
जिले में लोगों की 'पाती' के साथ डाकिया अब जल्द ही टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल भी का संकलन करेंगे. जिससे बलगम के सैंपल की जांच अत्याधुनिक सीबीनॉट से की जा सके. प्रधानमंत्री मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के मिशन में अब डाकिया भी अहम भूमिका निभाएंगे. टीबी मुक्त भारत मिशन को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डाक विभाग के साथ हाथ मिलाया है. अब टीवी के मरीजों के बलगम के सैंपल सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुंचाने में डाक विभाग अहम भूमिका निभाएगा. यह का पायलट प्रोजेक्ट जुलाई में प्रदेश के आगरा, बदायूं चंदौली और लखनऊ में शुरू हुआ. इन जिलों में डाकिया अब लोगों की पाती के साथ ही टीबी के मरीजों के सैंपल को सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुचाएंगे. आगरा में 31 प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से टीबी के मरीजों के जांच के लिए बलगम के सैंपल भी सरकारी हॉस्पिटल तक पहुंचाएंगे. इससे जहां टीबी के मरीजों के बलगम सैंपल जांच बेहतर होगी, वहीं, डाक विभाग की आमदनी भी बढ़ेगी.


Body:आगरा जिले में टीबी के मरीजों के बलगम की जांच के लिए अत्याधुनिक सीबीनॉट चार मशीनें हैं. जो अलग सेंटर्स पर हैं. इन मशीनों से 2 घंटे में बलगम की जांच रिपोर्ट मिल जाती है. मगर अभी भी जिले के दूरदराज के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से टीबी के मरीजों के बलगम की जांच के सैंपल सीबीनॉट मशीन के सेंटर्स पर पहुंचने में देरी होती है. इसे देखते ही पायलट प्रोजेक्ट तैयार करके चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग में साथ मिलकर काम करने की पहल की है.

जिला क्षय रोग अधिकारी (आगरा) डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि, आगरा में शुरू होने वाले पायलट प्रोजेक्ट को लेकर डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. जिससे जिससे दोनों विभाग के कर्मचारियों में सही तरह से सामंजस्य बन सके. क्योंकि, डाकिया जिले में टीबी के बलगम के सैंपल को
स्पूटम सेंटर्स से लेकर आएंगे. शासन की ऐसी मंशा है कि, आगरा में यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो फिर प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा.


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आगरा डाक विभाग की प्रवर अधीक्षक मोना यासमीन ने बताया कि, आगरा में टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल कलेक्शन के 33 सेंटर हैं. इन सेंटर्स के नजदीकी डाकघर से एक पोस्टमैन (डाकिया) को इन सेंटर से बलगम के सैंपल कलेक्शन की जिम्मेदारी दी जाएगी. डाकिया 12 बजे 2 बजे तक इन सभी सेंटर्स से बलगम के सैंपल कलैक्ट करेगा. सभी सैंपल को डाकघर लाकर बुक करेगा. फिर हम 24 घंटे में बलगम के सैंपल को आगरा में सीबीनॉट मशीन सेंटर्स पर जमा कराएंगे.



Conclusion:टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट आगरा में शुरू किया जा रहा है. जिसमें डाक विभाग अपनी अहम भूमिका निभाएगा. स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग अब एक साथ मिलकर के टीबी के मरीजों की जांच के लिए काम करेंगे. जिससे टीबी के मरीजों को मरीजों की जांच सही समय पर की जा सके और उन्हें टीवी का उपचार मिल सके. जिससे 2025 तक भारत टीवी मुक्त हो सकें.
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इसमें पहली बाइट जिला क्षय रोग अधिकारी (आगरा) डॉ. यूबी सिंह की और दूसरी बाइट आगरा डाक विभाग की प्रवर अधीक्षक मोना यासमीन की है.

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श्यामवीर सिंह
आगरा
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