आगरा: इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव में मुक्ताकाश मंच से बुधवार रात निजामी बंधुओं ने समां बांध दिया. निजामी बंधुओं ने अपनी शानदार प्रस्तुति से महोत्सव में चार चांद लगा दिए. ईटीवी भारत से खास बातचीत में निजामी बंधुओं ने बताया कि हम काफी समय से यहां आना चाहते थे. इस मंच से कव्वाली सुनाना बड़ी उपलब्धि है, लेकिन आए दिन कव्वाली सुनने के लिए श्रोताओं की कमी चिंता का विषय है.
अपनी शानदार प्रस्तुति के लिए मशहूर निजामी बंधुओं ने कव्वालियों और हिंदी गानों से समा बांध दिया. उन्होंने अभिनेता सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान की मशहूर कव्वाली 'भर दे झोली या मोहम्मद' गाकर लोगों का दिल जीत लिया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर है कि जब हम ताज महोत्सव में प्रस्तुति देने आए हैं. हमे बहुत ही अच्छा लग रहा है. आजकल के देश के हालात पर हमारा बस यही कहना है कि 'ह से हिंदू बन गए, म से मुस्लिम बन गए. ह और म जब मिले तो हम बन गए.
29वें ताजमहोत्सव का दूसरा दिन निजामी बंधुओं के नाम रहा. शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच से शुरु हुआ कव्वालियों का दौर देर रात 12 बजे तक चलता रहा. मंच से कव्वालियों के साथ शेरो शायरी का दौर भी चलता रहा, जिस पर लोग झूमते नजर आए.
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