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आगरा: NGT ने 184 उद्योगों की अनुमति पर लगाई रोक, सवालों के घेरे में UPPCB

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आगरा के चमड़ा उद्योग समिति व्हाइट केटेगरी के 156 और ग्रीन केटेगरी के 28 उद्योगों को अनुमति देने पर रोक लगा दी है. एनजीटी ने यह रोक ताजनगरी के चिकित्सक डॉ. शरद गुप्ता की याचिका पर लगाई है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल.
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Published : Oct 8, 2020, 4:18 AM IST

आगरा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ताजनगरी के चमड़ा उद्योग समिति व्हाइट केटेगरी के 156 और ग्रीन केटेगरी के 28 उद्योगों को अनुमति देने पर रोक लगा दी है. एनजीटी ने यह रोक ताजनगरी के चिकित्सक डॉ. शरद गुप्ता की याचिका पर लगाई है. बता दें कि अब उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( यूपीपीसीबी) संशोधित की गई सूची के उद्योगों को अनुमति जारी नहीं कर सकता है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 28 जनवरी 2021को होगी.

आगरा के चिकित्सक डॉ. शरद गुप्ता ने एनजीटी में याचिका दायर की थी. इसमें डॉ. शरद गुप्ता ने केरल मामले में एनजीटी के आदेश को आधार बनाया था. डॉ. शरद गुप्ता ने 9 जनवरी-2019 को यूपीपीसीबी द्वारा सीपीसीबी की सूची में संशोधन करने पर आपत्ति जताई थी.

अनुमति पर लगाई रोक
इस मामले की सुनवाई में एनजीटी के चैयरमैन जस्टिस आदर्श गोयल, जस्टिस एसपी बांगड़ी और विशेषज्ञ सदस्य नगीन नंदा की बेंच ने सीपीसीबी और यूपीपीसीबी को नोटिस जारी किए हैं और एक सप्ताह में शपथ पत्र मांगा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी 2021 को होगी. तब तक यूपीपीसीबी संशोधित की गई सूची वाले उद्योगों को अनुमति जारी नहीं कर सकता है.

सीपीसीबी का काम नहीं कर सकता यूपीपीसीबी
याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने जो उद्योगों की कैटेगरी तय की थी. इसमें उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) कोई संशोधन नहीं कर सकता है और उनकी आपत्ति इसी एनजीटी को लेकर है, अगर ग्रीन कैटेगरी से कोई उद्योग व्हाइट कैटेगरी में करेगा तो वह सीपीसीबी ही कर सकता है न कि यूपीपीसीबी यह कर सकता है.

आगरा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ताजनगरी के चमड़ा उद्योग समिति व्हाइट केटेगरी के 156 और ग्रीन केटेगरी के 28 उद्योगों को अनुमति देने पर रोक लगा दी है. एनजीटी ने यह रोक ताजनगरी के चिकित्सक डॉ. शरद गुप्ता की याचिका पर लगाई है. बता दें कि अब उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( यूपीपीसीबी) संशोधित की गई सूची के उद्योगों को अनुमति जारी नहीं कर सकता है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 28 जनवरी 2021को होगी.

आगरा के चिकित्सक डॉ. शरद गुप्ता ने एनजीटी में याचिका दायर की थी. इसमें डॉ. शरद गुप्ता ने केरल मामले में एनजीटी के आदेश को आधार बनाया था. डॉ. शरद गुप्ता ने 9 जनवरी-2019 को यूपीपीसीबी द्वारा सीपीसीबी की सूची में संशोधन करने पर आपत्ति जताई थी.

अनुमति पर लगाई रोक
इस मामले की सुनवाई में एनजीटी के चैयरमैन जस्टिस आदर्श गोयल, जस्टिस एसपी बांगड़ी और विशेषज्ञ सदस्य नगीन नंदा की बेंच ने सीपीसीबी और यूपीपीसीबी को नोटिस जारी किए हैं और एक सप्ताह में शपथ पत्र मांगा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी 2021 को होगी. तब तक यूपीपीसीबी संशोधित की गई सूची वाले उद्योगों को अनुमति जारी नहीं कर सकता है.

सीपीसीबी का काम नहीं कर सकता यूपीपीसीबी
याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने जो उद्योगों की कैटेगरी तय की थी. इसमें उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) कोई संशोधन नहीं कर सकता है और उनकी आपत्ति इसी एनजीटी को लेकर है, अगर ग्रीन कैटेगरी से कोई उद्योग व्हाइट कैटेगरी में करेगा तो वह सीपीसीबी ही कर सकता है न कि यूपीपीसीबी यह कर सकता है.

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