आगरा: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और शीतलहर चल रही है. जिससे दिन और रात का तापमान एकदम गिर गया है. पहाड़ों की बर्फबारी से मैदानी इलाकों में ठिठुरन भी बढ़ी है. सर्दी के सितम से तमाम लोगों का दिल दगा दे रहा है. सर्दी में हार्ट अटैक के केस बढ़े हैं. नए साल में आपका हार्ट हेल्दी रहे. इसको लेकर ईटीवी भारत ने आगरा के एसएन मेडिकल काॅलेज के सीनियर कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डाॅ. सुशील कुमार सिंघल से खास बातचीत की.
उन्होंने बताया कि, ठंड में हार्ट की आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं. जिससे हार्ट तक ब्लड धीरे-धीरे पहुंचता है. नतीजा हार्ट को पंपिंग अधिक करनी होती है. इसलिए, मौसम में हार्ट डिजीज के मरीजों के साथ ही हाई बीपी, शुगर, मोटापा, थायराइड, धूम्रपान और शराब पीने वालों को ज्यादा सावधान रहना चाहिए. इन लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा क्योंः दरअसल, सर्दियों की सुबह हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. तापमान कम, कोहरा और ठिठुरन से शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं. जिससे खून बहने का रास्ता कम हो जाता है. जिसकी वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने में समस्या होती है. जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट की मांसपेशियों पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ता है. जिससे अधिकतर लोगों को सीने में दर्द की शिकायत होती है. जिसे एनजाइना कहते हैं. यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. ओवर एक्सरसाइज भी नहीं करनी चाहिए. इससे भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है.
इन लोगों को अधिक खतरा
- हार्ट डिजीज के मरीज.
- डायबिटीज के मरीज.
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज.
- मोटापे का शिकार लोग.
- धूम्रपान करने वाले लोग.
- शराब का सेवन करने वाले.
- अलसुबह ना टहलें.
सर्दी में हार्ट अटैक से बचाएंगे ये तरीके
- धूप निकलने पर ही मॉर्निग वॉक करें.
- घर में ही फिजिकली एक्टिव रहें.
- सुबह-शाम को हेल्दी डाइट लें.
- गर्म चीजों का सेवन अधिक करें.
- जंक फूड्स पूरी तरह अवॉइड करें.
- गर्म कपड़े पहनकर घर से बाहर निकलें.
- हार्ट के पेशेंट अपनी दवाइयां समय पर लें.
- जिम में ज्यादा इंटेंस एक्सरसाइज ना करें.
- बॉडी बनाने में सप्लीमेंट्स का सेवन न करें.
- समय-समय पर हार्ट का चेकअप कराएं.
हार्ट के रोगी व्यायाम जरूर करेंः सीनियर कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डाॅ. सुशील कुमार सिंघल बताते हैं कि, जिन मरीजों को हार्ट से संबंधी कोई परेशानी है, उन्हें अलसुबह टहलने नहीं जाना चाहिए. जब धूप निकल आए तब टहलें. योग करें, होम वर्कआउट या मेडिटेशन करें. दिल के रोगी को सप्ताह में 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए. यदि आप ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, विटामिन डी, ब्लड शुगर, किडनी, वैस्कुलर जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं तो सर्दियों में इसका खास ख्याल रखें. समय-समय पर अपने वाइटल की जांच करते रहें.
स्ट्रेस लेवल को मैनेज करेंः डाॅ. सुशील कुमार सिंघल बताते हैं कि सर्दियों में अक्सर तनाव और चिंता का स्तर बढ़ जाता है. जब भी अवसाद, चिंता या तनाव का अनुभव होता है तो हृदय गति और रक्तचाप बढ़ता है. जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह कम होता है. शरीर कोर्टिसोल के उच्च स्तर का उत्पादन करता है. जो एक तनाव हार्मोन है. सर्दियो में यदि शरीर में कोई बदलाव हो तो नजरंअदाज न करें. जैसे, यदि छाती के मध्य या बाईं ओर दर्द होना, सांस फूलना, दांत दर्द करना, सिर दर्द करना, थकान महसूस होने जैसे यदि लक्षण के नजर आएं तो तुरंत हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें.
स्वस्थ आहार लेंः यदि आप दिल के मरीज हैं तो सर्दियों में खुद की सेहत का ज्यादा ध्यान रखना होगा. सबसे पहले अपनी डाइट पर ध्यान दें. डाइट में मौसमी फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट, बिना स्किन के पोल्ट्री और मछली, नट्स को शामिल करें.
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