आगरा : जनपद के थाना बाह क्षेत्र के कोटपुरा गांव में भागवत कथा सुनने गई एक मां का 7 वर्षीय बेटा खेलते समय अचानक लापता हो गया था. पुत्र को खोजने के लिए मां ने दर-दर की ठोकरें खाईं. थाने से लेकर आस-पास के जिलों तक खोजबीन की, लेकिन उसका बेटा कहीं नहीं मिला. 7 साल बाद एक किसान के यहां उसका बेटा मिला. किसान बच्चे का पालन पोषण कर रहा था. पुलिस ने लिखा पढ़ी के बाद बच्चे को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया.
7 वर्ष बाद आई दिवाली
दरअसल, बाह थाना क्षेत्र के कोटपुरा गांव निवासी विशुनादेवी पत्नी धर्म सिंह 7 साल पहले गांव में ही भागवत कथा सुनने गई थी. उनके साथ में उनका 7 साल का बेटा सोनू भी गया था. भागवत सुनने के दौरान खेलते समय सोनू अचानक लापता हो गया. विशुना देवी ने आस-पास के गांव, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित तमाम रिश्तेदारों के यहां बच्चे की तलाश की लेकिन उसका बेटा कहीं नहीं मिला.
बाह थाने में लापता पीड़ित परिवार ने बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कराई. पुलिस ने आगरा, दिल्ली, फिरोजाबाद, इटावा, एटा, मैनपुरी आदि जिलों के स्टेशन, बस अड्डों की खाक छानी मगर गायब बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका. मां विशुना ने हार नहीं मानी. दौदापुरा गांव में सोमवार को मां को उसके बेटे ने पहचान लिया. मां-बेटे मिलकर बहुत खुश हुए. जानकारी पुलिस को देने के बाद क्षेत्रीय पुलिस द्वारा पुत्र को बरामद कर उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.
किसान को रोता हुआ मिला था पुत्र
मां से बिछड़ने के बाद बच्चा रोते हुए दोदापुरा के निवासी किसान भूपेंद्र सिंह को मिला. उन्होंने बच्चे से पूछा तो वह कुछ नहीं बता पाया. वह लगातार रो रहा था. इस पर वह बच्चे को अपने घर ले आए. यहां उन्होंने 7 साल तक उसका पालन पोषण किया. 7 वर्ष के बाद किशोर ने अपनी मां को पहचान लिया. इस पर किसान भूपेंद्र भी बहुत प्रसन्न हुए. क्षेत्राधिकारी बाह जगमोहन बटोला एवं थानाध्यक्ष बीआर दीक्षित ने पूछताछ एवं छानबीन के बाद लिखा पढ़ी करते हुए किशोर को परिजनों के हवाले कर दिया.