आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में सर्जरी कराने आए किशोर ने भर्ती नहीं करने पर पुलिस को बुला लिया. करीब 1 घंटे तक पुलिस और एसएन इमरजेंसी के चिकित्सकों में मरीज को भर्ती कराने को लेकर बातचीत हुई, लेकिन बाद में पुलिस ने भी हाथ खड़े कर दिए. पुलिस ने कहा कि जिस चिकित्सक को सर्जरी करनी है वह कोरोना से संक्रमित हैं. ऐसे में मरीज को भर्ती नहीं कर सकते हैं.
मरीज की मां का कहना है कि तीसरी बार इसी तरह से बिना सर्जरी कराए उनको वापस जाना पड़ रहा है. उन्हें अस्पताल से दवाएं भी नहीं मिली हैं. इस मामले में एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि इमरजेंसी प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई है कि किशोर को किस वजह से भर्ती नहीं किया गया.
अस्पताल में ही भटकते रहे मां-बेटे
धनौली निवासी सुधा बघेल शुक्रवार दोपहर 3 बजे अपने 16 वर्षीय बेटे प्रकाश बघेल को लेकर एसएन इमरजेंसी में आईं. प्रकाश की पेशाब की नली में इन्फेक्शन है, उसकी सर्जरी होनी है. शुक्रवार को इमरजेंसी में चिकित्सकों ने उसे देखा लेकिन, सर्जरी के लिए भर्ती करने से मना कर दिया. मां बेटे अस्पताल में ही भटकते रहे, चिकित्सकों से सर्जरी कराने के लिए भर्ती करने की गुहार लगाते रहे मगर कोई सुनवाई नहीं हुई.
परेशान होकर सुधा बघेल ने 112 नंबर पर पुलिस को फोन कर दिया. पुलिस भी एसएन इमरजेंसी पहुंच गई और डॉक्टरों से मरीज प्रकाश को भर्ती करने के लिए बातचीत की, लेकिन डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से साफ इनकार कर दिया. इस पर पुलिसकर्मियों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए और मां बेटे से सीएमओ से शिकायत करने के लिए कहा.
डॉक्टर हुए कोरोना संक्रमित
इस बारे में मरीज प्रकाश का कहना है कि उसकी सर्जरी होनी है. 15 दिन पहले वह आया था. तब कहा गया था कि जब आओगे तब भर्ती करके सर्जरी कर दी जाएगी, लेकिन आज उसे भर्ती नहीं किया गया है. उससे कहा गया कि जिन चिकित्सक को सर्जरी करानी है, वह कोरोना संक्रमित हो गए हैं. मरीज का कहना है कि उसे दवाएं भी नहीं दी गई.
मरीज की मां सुधा बघेल का कहना है कि वह दूसरी बार इस तरह से घर वापस लौट रही हैं. हर बार 200 रुपये किराया खर्च होता है, अस्पताल से उसे दवाएं भी नहीं मिली हैं. उसे बाहर से दवा खरीदनी है. सुधा ने बताया कि बेटे को भर्ती नहीं किया गया और यहां कोई सुनने वाला भी नहीं है. इस बारे में सीएम योगी से उनकी मांग है कि जो लोग काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें बर्खास्त किया जाए.