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Metro In Agra: आगरा में दौड़ती मेट्रो और लिफ्ट एक्सीलरेटर अब बनाएगी बिजली, जानें कैसे

आगरा में मेट्रो की सौगात अब लोगों को जल्दी ही मिलने वाली है. जी हां इसको लेकर काम तेज गति से चल भी रहा है. वहीं, इस मेट्रो की खासियत ये है कि वह अब बिजली भी बनाएगी. इतना ही नहीं बल्कि लिफ्ट एक्सीलरेटर से भी बिजली बचेगी और बनेगी.

Metro In Agra
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Published : Mar 10, 2023, 6:13 PM IST

आगरा मेट्रो की खासियत

आगरा: ताजनगरी में पहली मेट्रो आ गई है, जो आगरा के प्रायोरिटी काॅरिडेर फतेहाबाद रोड के स्टेशन ताजमहल पूर्वी गेट से जामा मस्जिद के बीच दौड़ेगी. अभी अन्य मेट्रो ट्रेन भी आएंगी. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के अधिकारियों की मानें तो आगरा में हर पांच मिनट में जनता को मेट्रो मिलेगी. सबसे खास बात यह है कि आगरा मेट्रो खुद बिजली भी बनाएगी. जब मेट्रो ट्रैक पर फर्राटा भरेगी तो रीजनरेटिंग ब्रेकिंग सिस्टम से बिजली बनाएगी. आगरा मेट्रो ट्रेन अपने सफर में यदि 1000 यूनिट खर्च करेगी तो 350 यूनिट बिजली फिर से पैदा की जा सकेगी. जिससे पीछे आ रही मेट्रो को रफ्तार मिलेगी. बल्कि मेट्रो के साथ ही हर स्टेशन पर लगने वाली लिफ्ट एक्सीलरेटर भी बिजली जनरेट करेंगे.

दरअसल, पीएम मोदी ने 7 दिसंबर 2020 को आगरा मेट्रो परियोजना का वर्चुअली शिलान्यास किया था, जो कि 8380 करोड रुपए की है. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने यूरोपियन निवेश बैंक से 4500 करोड़ रुपये का ऋण लिया है. यूपीएमआरसी की योजना 2024 तक आगरा में मेट्रो दौड़ाने की है. इसके चलते 6 किमी. के मेट्रो ट्रैक बनाने का काम तेजी से चल रहा है. जबकि एक मेट्रो का आगरा में प्रवेश भी हो गया है.

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मेट्रो की पूजा पाठ

रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस मेट्रो
यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा के मुताबिक, आगरा में जो मेट्रो चलेंगी उनमें रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया है. इसकी वजह से मेट्रो ट्रेन में जैसे ही ब्रेक लगाया जाएगा तो उससे बिजली पैदा होगी. यह बिजली दोबारा से इस्तेमाल की जाएगी. आगरा मेट्रो ट्रेन में जो तकनीक है. उसके मुताबिक, रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से आगरा मेट्रो ट्रेन अपनी खपत की 35 प्रतिशत बिजली जनरेट करेगी.

एक्सीलेटर भी बनाएंगे बिजली
यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा ने कहा आगरा मेट्रो स्टेशन पर यात्री सुविधा के लिए जो लिफ्ट एक्सीलेटर लगाए जा रहे हैं. उनमें भी रीजेनरेटिव सिस्टम लगे होंगे. जिससे लिफ्ट एक्सीलेटर भी खुद की खपत की 35 प्रतिशत बिजली जनरेट करेगी. रीजेनरेटिव सिस्टम के तहत हर लिफ्ट में बिजली की खपत और उत्पादन के आंकलन के लिए मीटर भी लगाए जाएंगे.

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आगरा में मेट्रो

आगरा में 29.4 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक
ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है. जिसमें 27 स्टेशन होंगे. पहला मेट्रो कॉरिडोर ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14.25 किमी लंबा है. जिसमें 13 स्टेशन हैं. इस कॉरिडोर में छह एलिवेटिड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं. इसके प्रायोरिटी ट्रैक बनाने का काम फतेहाबाद रोड से जामा मस्जिद तक तेजी से चल रहा है. आगरा मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 15.40 किमी. लंबा है. जिसमें 14 ऐलीवेटेड मेट्रो स्टेशन होंगे.

पहला कॉरिडोर: सिकंदरा-ताज पूर्वी गेट के स्टेशन
सिकंदरा, गुरु का ताल, आईएसबीटी बस स्टैंड, आरबीएस डिग्री कॉलेज, राजा की मंडी, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा का किला, ताज महल पश्चिमी गेट, फतेहाबाद रोड, बसई, ताज ईस्ट गेट है.

दूसरा कॉरिडोर: आगरा कैंट से कालिंदी विहार के स्टेशन
आगरा कैंट, सदर बाजार, प्रतापपुरा, आगरा जिला कलेक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), संजय प्लेस, एमजी रोड, नेहरू नगर, सुल्तान गंज, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, मंडी समीति, कालिंदी विहार है.

आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट पर नजर

  • 8379 करोड़ रुपए का मेट्रो प्रोजेक्ट.
  • 4300 करोड़ रुपए का ऋण यूरोपियन निवेश बैंक.
  • 1820 करोड़ रुपए से बन रहे सात भूमिगत स्टेशन.
  • 273 करोड़ रुपए से बन रहे तीन एलिवेटिड स्टेशन.
  • 112 करोड़ रुपए से बन रही पीएसी मैदान में डिपो.
  • 29 किमी. लंबाई के दो मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे शहर में.
  • 27 मेट्रो स्टेशन दो मेट्रो कॉरिडोर के ट्रैक पर बनेंगे.
  • 20 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड स्टेशन.

    यह भी पढ़ें- International Women Day: आगरा मेट्रो को धरातल पर ला रहीं ये इंजीनियर महिलाएं

आगरा मेट्रो की खासियत

आगरा: ताजनगरी में पहली मेट्रो आ गई है, जो आगरा के प्रायोरिटी काॅरिडेर फतेहाबाद रोड के स्टेशन ताजमहल पूर्वी गेट से जामा मस्जिद के बीच दौड़ेगी. अभी अन्य मेट्रो ट्रेन भी आएंगी. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के अधिकारियों की मानें तो आगरा में हर पांच मिनट में जनता को मेट्रो मिलेगी. सबसे खास बात यह है कि आगरा मेट्रो खुद बिजली भी बनाएगी. जब मेट्रो ट्रैक पर फर्राटा भरेगी तो रीजनरेटिंग ब्रेकिंग सिस्टम से बिजली बनाएगी. आगरा मेट्रो ट्रेन अपने सफर में यदि 1000 यूनिट खर्च करेगी तो 350 यूनिट बिजली फिर से पैदा की जा सकेगी. जिससे पीछे आ रही मेट्रो को रफ्तार मिलेगी. बल्कि मेट्रो के साथ ही हर स्टेशन पर लगने वाली लिफ्ट एक्सीलरेटर भी बिजली जनरेट करेंगे.

दरअसल, पीएम मोदी ने 7 दिसंबर 2020 को आगरा मेट्रो परियोजना का वर्चुअली शिलान्यास किया था, जो कि 8380 करोड रुपए की है. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने यूरोपियन निवेश बैंक से 4500 करोड़ रुपये का ऋण लिया है. यूपीएमआरसी की योजना 2024 तक आगरा में मेट्रो दौड़ाने की है. इसके चलते 6 किमी. के मेट्रो ट्रैक बनाने का काम तेजी से चल रहा है. जबकि एक मेट्रो का आगरा में प्रवेश भी हो गया है.

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मेट्रो की पूजा पाठ

रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस मेट्रो
यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा के मुताबिक, आगरा में जो मेट्रो चलेंगी उनमें रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया है. इसकी वजह से मेट्रो ट्रेन में जैसे ही ब्रेक लगाया जाएगा तो उससे बिजली पैदा होगी. यह बिजली दोबारा से इस्तेमाल की जाएगी. आगरा मेट्रो ट्रेन में जो तकनीक है. उसके मुताबिक, रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से आगरा मेट्रो ट्रेन अपनी खपत की 35 प्रतिशत बिजली जनरेट करेगी.

एक्सीलेटर भी बनाएंगे बिजली
यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा ने कहा आगरा मेट्रो स्टेशन पर यात्री सुविधा के लिए जो लिफ्ट एक्सीलेटर लगाए जा रहे हैं. उनमें भी रीजेनरेटिव सिस्टम लगे होंगे. जिससे लिफ्ट एक्सीलेटर भी खुद की खपत की 35 प्रतिशत बिजली जनरेट करेगी. रीजेनरेटिव सिस्टम के तहत हर लिफ्ट में बिजली की खपत और उत्पादन के आंकलन के लिए मीटर भी लगाए जाएंगे.

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आगरा में मेट्रो

आगरा में 29.4 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक
ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है. जिसमें 27 स्टेशन होंगे. पहला मेट्रो कॉरिडोर ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14.25 किमी लंबा है. जिसमें 13 स्टेशन हैं. इस कॉरिडोर में छह एलिवेटिड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं. इसके प्रायोरिटी ट्रैक बनाने का काम फतेहाबाद रोड से जामा मस्जिद तक तेजी से चल रहा है. आगरा मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 15.40 किमी. लंबा है. जिसमें 14 ऐलीवेटेड मेट्रो स्टेशन होंगे.

पहला कॉरिडोर: सिकंदरा-ताज पूर्वी गेट के स्टेशन
सिकंदरा, गुरु का ताल, आईएसबीटी बस स्टैंड, आरबीएस डिग्री कॉलेज, राजा की मंडी, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा का किला, ताज महल पश्चिमी गेट, फतेहाबाद रोड, बसई, ताज ईस्ट गेट है.

दूसरा कॉरिडोर: आगरा कैंट से कालिंदी विहार के स्टेशन
आगरा कैंट, सदर बाजार, प्रतापपुरा, आगरा जिला कलेक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), संजय प्लेस, एमजी रोड, नेहरू नगर, सुल्तान गंज, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, मंडी समीति, कालिंदी विहार है.

आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट पर नजर

  • 8379 करोड़ रुपए का मेट्रो प्रोजेक्ट.
  • 4300 करोड़ रुपए का ऋण यूरोपियन निवेश बैंक.
  • 1820 करोड़ रुपए से बन रहे सात भूमिगत स्टेशन.
  • 273 करोड़ रुपए से बन रहे तीन एलिवेटिड स्टेशन.
  • 112 करोड़ रुपए से बन रही पीएसी मैदान में डिपो.
  • 29 किमी. लंबाई के दो मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे शहर में.
  • 27 मेट्रो स्टेशन दो मेट्रो कॉरिडोर के ट्रैक पर बनेंगे.
  • 20 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड स्टेशन.

    यह भी पढ़ें- International Women Day: आगरा मेट्रो को धरातल पर ला रहीं ये इंजीनियर महिलाएं
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