आगरा: नये कृषि कानूनों के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ दिल्ली कूच कर रहे किसानों को प्रशासन ने आगरा-ग्वालियर हाइवे पर यूपी-राजस्थान सीमा के पास रोक दिया. जिसके बाद किसानों वहीं पर अपना डेरा डाल दिया है. किसानों के धरने पर बैठने की वजह से आगरा-ग्वालियर हाइवे पर यूपी-राजस्थान सीमा के पास काफी लम्बा जाम लग गया है. मेधा पाटकर के साथ दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों ने आगरा-धौलपुर बॉर्डर डेरा डाला रखा है.
मेधा पाटकर ने किसानों संग आगरा-ग्वालियर हाइवे डाला डेरा वार्ता का नहीं निकला कोई हल
जाम खुलवाने और किसानों काे प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए राजस्थान और यूपी के अधिकारी लगातार मेधा पाटकर के संपर्क में हैं. लेकिन, अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है. ऐसे में किसान हाइवे पर धरने पर बैठे हुए हैं. जिसकी वजह से आगरा-ग्वालियर हाइवे पर आगरा-धौलपुर बॉर्डर के पास काफी लंबा जाम लग गया है.
अधिकारियों से वार्ता करते मेधा पाटकर 'दिल्ली जाने दे सरकार'
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ दिल्ली कूच कर रहे किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने योगी सरकार से किसानों के काफिले को आगे जाने देने की मांग की है. उधर, आगरा के किसान भी मेधा पाटकर के काफिले में शामिल हो गए हैं.
हाइवे पर धरने पर बैठे प्रदर्शकारी मेधा पाटकर सैकड़ों किसानों के साथ दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए जा रही थीं. लेकिन, बुधवार रात यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर आगरा पुलिस ने सैयां के पास मेधा पाटकर और उनके साथ दिल्ली कूच कर रहे किसानों के काफिला रोक दिया था. किसानों के काफिले में यूपी की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया. जिसके बाद प्रदर्शकारियों ने बॉर्डर पर ही रात्रि में विश्राम किया. गुरुवार को भी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से कई बार वार्ता की, लेकिन वे अपने जिद पर अड़े रहे. प्रदर्शकारियों ने जमकर नारेबाजी भी की. लेकिन, आगरा पुलिस ने मगर उनके काफिले को आगे बढ़ने नहीं दिया.
आगरा-ग्वालियर हाइवे पर लगा जाम दो बार हाइवे को खोला गया मेधा पाटकर और उनके काफिले में शामिल लोगों से वार्ता करने के लिए आगरा पुलिस, धौलपुर कलेक्टर और पुलिस अधिकारी भी पहुंचे. अधिकारियों ने हाइवे जाम होने से लोगों को हो रही परेशानी को लेकर मेधा पाटकर से बातचीत की. इस पर दोपहर में एक घंटे के लिए हाइवे की एक लाइन को चालू की गई. इसके बाद शाम 5 बजे फिर दूसरी तरफ की लाइन को चालू किया गया. मगर, अभी भी हाइवे पर जाम के हालात बने हुए हैं. पुलिस-प्रशासन लगातार मेधा पाटकर और उनके काफिले में शामिल लोगों से बातचीत कर रहा है, लेकिन अभी कोई नतीजा नहीं निकला है.
'आगे नहीं जाने देंगे तो हम यहीं बैठेंगे'मेधा पाटकर का कहना है कि हम राजस्थान की भूमि पर हैं. हमसे बात करने यूपी के पुलिस-प्रशासन के अधिकारी आ रहा हैं. जो, लोग किसानों पर डंडे बरसाते हैं. वह हमसे बात करने आ रहे हैं. उन्हें हमें रोकने का कोई अधिकार ही नहीं है. राजस्थान के अधिकारी आए तो उन्होंने एंबुलेंस के फंसे होने की बात की. लेकिन, हमारे साथियों ने देखा तो कहीं भी कोई एंबुलेंस नहीं फंसी हुई है. यदि पुलिस हमारे से कहती है कि, हम एक बाजू ढीली करें तो दूसरी बाजू पुलिस-प्रशासन को भी हमारे लिए ढीली करनी होगी. जिससे हम यहां से जा सकें और दिल्ली के आंदोलन में शामिल हो सकें. यह जन आंदोलन देशव्यापी है, इसे रोका नहीं जाए. यदि योगी सरकार उन्हें आगे नहीं जाने देगी तो वह यहां पर ही डेरा डाले रहेंगे.