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आहत पुलवामा शहीद की पत्नी बोली- सरकार से नहीं थी वादा खिलाफी की उम्मीद, परिवार से आज मुलाकात करेंगे जयंत चौधरी - आगरा खबर

पुलवामा में शहीद हुए आगरा के कौशल कुमार रावत के परिवार को दिया गया आश्वासन अभी तक प्रशासन पूरा नहीं कर सका है. प्रशासन की लापरवाही और वादा खिलाफी से शहीद का परिवार आहत है. रविवार को सीएम से मिलने जा रही शहीद की पत्नी और बेटे को पुलिस ने थाने में बैठा दिया था. ऐसे में आज रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) के अध्यक्ष जयंत चौधरी शहीद के परिवार से मिलने आ रहे हैं.

परिवार से आज मुलाकात करेंगे जयंत चौधरी
परिवार से आज मुलाकात करेंगे जयंत चौधरी
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Published : Aug 10, 2021, 10:47 AM IST

आगरा: पुलवामा शहीद कौशल कुमार रावत का परिवार सरकार, जिला प्रशाासन की वादा खिलाफी और पुलिस के रवैया से बेहद आहत है. शहीद की पत्नी और परिवार ने ऐलान किया है कि, वे अब शहीद की प्रतिमा अनावारण भाजपा नेता और प्रशासनिक अधिकारियों से नहीं कराएंगे. हर बार भाजपा नेता, पुलिस और प्रशासन उन्हें झूठे आश्वासन देता और फिर भूल जाता है. उन्हें रविवार को सीएम से मिलने नहीं दिया गया. वहीं, शहीद परिवार को लेकर यूपी की राजनीति गरमा गई है. जहां सपा मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी से सोमवार को मोबाइल पर बात की तो अब मंगलवार दोपहर रालोद के मुखिया जयंत चौधरी शहीद कौशल कुमार के परिवार से मिलने आ रहे हैं. इससे पुलिस, प्रशासन और भाजपाइयों में खलबली मची हुई है.

शहीद की पत्नी से मिलेंगे जयंत चौधरी
रालोद की जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर ने बताया कि, रालोद के मुखिया जयंत चौधरी मंगलवार दोपहर करीब दो बजे दिल्ली से आगरा आ रहे हैं. वे शहीद कौशल कुमार रावत के गांव कहरई पहुंचेगे. जयंत चौधरी शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी और परिवार से मुलाकात करेंगे. उनके साथ पुलिस और प्रशासन के बर्ताव की जानकारी लेंगे. वहीं, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को शहीद की पत्नी ममता रावत से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि, वो एक दो दिन में आगरा आने और शहीद परिवार से मिलने की बात कही है.

शहीद की पत्नी
शहीद की पत्नी

इस वजह से आहत है शहीद का परिवार
शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत का कहना है कि, परिवार के साथ अपनी मांग को लेकर तीन दिन धरने पर बैठी थी. उस समय डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से फोन पर बात हुई थी और जिला प्रशासन ने 20 जुलाई 2021 तक सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था. डीएम और एडीएम ने मांग पूरी होने के कागज पर हस्ताक्षर उनसे करवा लिए. मगर, अभी तक केवल स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा गया है. न शस्त्र लाइसेंस दिया गया और न ही जमीन आवंटित हुई है. बिजली कनेक्शन और चौराहे का नामकरण भी नहीं किया है. हद तो यह है कि, अब अधिकारी उनका फोन तक नहीं उठाते हैं. प्रशासन की लापरवाही और वादा खिलाफी की शिकायत रविवार को सीएम योगी से करना चाहते थे. मगर, पुलिस ने पहले नजरबंद किया. इसके बाद थाना और सर्किट हाउस में बैठाए रखा. सीएम से मिलने नहीं दिया.

भाजपा नेता से नहीं कराएंगे प्रतिमा का अनावरण
शहीद कौशल कुमार रावत के बेटे अभिषेक का कहना है कि, पिता की प्रतिमा का अनावरण भी अभी तक नहीं हुआ है. अब परिवार ने निर्णय किया है कि, भाजपा के किसी भी नेता से प्रतिमा का अनावरण नहीं कराएंगे. शहीद पिता कौशल कुमार रावत की प्रतिमा का अनावरण सेना के अधिकारी या किसी और दल के नेता से कराएंगे.

इसे भी पढ़ें-तीन तलाक का मामला: पूर्व मंत्री चौधरी बशीर ने लगाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी, 11 अगस्त को होगी सुनवाई

पुलवामा में हुआ थे शहीद
बता दें कि, ताजगंज थाना के गांव कहरई निवासी कौशल कुमार रावत सीआरपीएफ में तैनात थे. उनकी तैनाती सीआरपीएफ की सिलीगुड़ी में बटालियन नंबर 115 में तैनाती थी. मगर, उनका स्थानांतरण सीआरपीएफ की बटालियन में किया गया था. 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहनों पर आतंकी हमला किया था. जिसमें कौशल कुमार समेत सीआरपीएफ के कई जवान शहीद हो गए. शहीद के परिवार का आरोप है कि, सरकार ने आज तक कोई वादा पूरा नहीं किया है. अपनी मांग को लेकर शहीद की पत्नी और परिवार ने धरना भी दिया था.

आगरा: पुलवामा शहीद कौशल कुमार रावत का परिवार सरकार, जिला प्रशाासन की वादा खिलाफी और पुलिस के रवैया से बेहद आहत है. शहीद की पत्नी और परिवार ने ऐलान किया है कि, वे अब शहीद की प्रतिमा अनावारण भाजपा नेता और प्रशासनिक अधिकारियों से नहीं कराएंगे. हर बार भाजपा नेता, पुलिस और प्रशासन उन्हें झूठे आश्वासन देता और फिर भूल जाता है. उन्हें रविवार को सीएम से मिलने नहीं दिया गया. वहीं, शहीद परिवार को लेकर यूपी की राजनीति गरमा गई है. जहां सपा मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी से सोमवार को मोबाइल पर बात की तो अब मंगलवार दोपहर रालोद के मुखिया जयंत चौधरी शहीद कौशल कुमार के परिवार से मिलने आ रहे हैं. इससे पुलिस, प्रशासन और भाजपाइयों में खलबली मची हुई है.

शहीद की पत्नी से मिलेंगे जयंत चौधरी
रालोद की जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर ने बताया कि, रालोद के मुखिया जयंत चौधरी मंगलवार दोपहर करीब दो बजे दिल्ली से आगरा आ रहे हैं. वे शहीद कौशल कुमार रावत के गांव कहरई पहुंचेगे. जयंत चौधरी शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी और परिवार से मुलाकात करेंगे. उनके साथ पुलिस और प्रशासन के बर्ताव की जानकारी लेंगे. वहीं, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को शहीद की पत्नी ममता रावत से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि, वो एक दो दिन में आगरा आने और शहीद परिवार से मिलने की बात कही है.

शहीद की पत्नी
शहीद की पत्नी

इस वजह से आहत है शहीद का परिवार
शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत का कहना है कि, परिवार के साथ अपनी मांग को लेकर तीन दिन धरने पर बैठी थी. उस समय डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से फोन पर बात हुई थी और जिला प्रशासन ने 20 जुलाई 2021 तक सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था. डीएम और एडीएम ने मांग पूरी होने के कागज पर हस्ताक्षर उनसे करवा लिए. मगर, अभी तक केवल स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा गया है. न शस्त्र लाइसेंस दिया गया और न ही जमीन आवंटित हुई है. बिजली कनेक्शन और चौराहे का नामकरण भी नहीं किया है. हद तो यह है कि, अब अधिकारी उनका फोन तक नहीं उठाते हैं. प्रशासन की लापरवाही और वादा खिलाफी की शिकायत रविवार को सीएम योगी से करना चाहते थे. मगर, पुलिस ने पहले नजरबंद किया. इसके बाद थाना और सर्किट हाउस में बैठाए रखा. सीएम से मिलने नहीं दिया.

भाजपा नेता से नहीं कराएंगे प्रतिमा का अनावरण
शहीद कौशल कुमार रावत के बेटे अभिषेक का कहना है कि, पिता की प्रतिमा का अनावरण भी अभी तक नहीं हुआ है. अब परिवार ने निर्णय किया है कि, भाजपा के किसी भी नेता से प्रतिमा का अनावरण नहीं कराएंगे. शहीद पिता कौशल कुमार रावत की प्रतिमा का अनावरण सेना के अधिकारी या किसी और दल के नेता से कराएंगे.

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पुलवामा में हुआ थे शहीद
बता दें कि, ताजगंज थाना के गांव कहरई निवासी कौशल कुमार रावत सीआरपीएफ में तैनात थे. उनकी तैनाती सीआरपीएफ की सिलीगुड़ी में बटालियन नंबर 115 में तैनाती थी. मगर, उनका स्थानांतरण सीआरपीएफ की बटालियन में किया गया था. 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहनों पर आतंकी हमला किया था. जिसमें कौशल कुमार समेत सीआरपीएफ के कई जवान शहीद हो गए. शहीद के परिवार का आरोप है कि, सरकार ने आज तक कोई वादा पूरा नहीं किया है. अपनी मांग को लेकर शहीद की पत्नी और परिवार ने धरना भी दिया था.

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