आगराः जनपद के कस्बा बाह के एक मैरिज होम में रविवार को एक अनोखी शादी संपन्न हुई. इस शादी में न कोई हल्दी लगाई गई और न दूल्हा घोड़ी पर बैठा. बिना बैंडबाजा और बारात केवल 17 मिनट में शादी संपन्न हो गई. इस शादी से समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने का संदेश दिया गया.
संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी कस्बा जरार निवासी शैलेंद्र कुमार दास (पुत्र मनोज दास) ने शिल्पी दासी (पुत्री कौशल किशोर दास) निवासी नगला उदी फिरोजाबाद के साथ रविवार को अपने परिजनों के बीच विधि-विधान से शादी की. गुरबाणी के साथ 33 करोड़ देवताओं का आह्वान कर सात फेरे हुए.
शादी के दौरान संत रामपाल के अनुयायियों ने बताया कि समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. शादियों में दान-दहेज जैसी कुरीतियों समेत नशा, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और मदिरा के सेवन मिटाने के लिए गांव-गांव और शहर-शहर सत्संग कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. दान-दहेज, मृत्यु-भोज आदि बंद हो. ऐसी कुरीतियां समाज से दूर की जाएं. शादियों में दहेज के कारण हिंदुस्तान में युवतियां आत्महत्या कर लेती हैं. कई महिलाओं को जीवन भर दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है.
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उन्होंने बताया कि बेटी की शादी के लिए दहेज देने को पिता कर्ज लेता है. बाद में जीवन भर उस कर्ज को चुकाता है. लोगों को संदेश दिया गया कि घर में बेटी है तो उसके पालन-पोषण, शिक्षा और उसके बिना-दहेज के विवाह पर पैसे खर्च किए जाएं. संत रामपाल जी महाराज ने अपने सभी अनुयायियों को आदेश दिया कि वे विवाह सादर तरीके से करें और अन्य लोगों को भी संदेश दें.
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