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बीएएमएस में कॉपी बदलने के मामले में पुलिस का खुलासा, कई गैंग दीमक की तरह चाट रहे थे आगरा विश्वविद्यालय को - बीएमएस की ताजी न्यूज

डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (DBRAU) के बीएएमएस (BAMS) संकाय की कॉपी बदलने के मामले में पुलिस ने एक और अहम खुलासा किया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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पुलिस ने दी यह जानकारी.
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Published : Oct 10, 2022, 7:52 PM IST

आगरा: डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (DBRAU) के बीएएमएस (BAMS) संकाय की कॉपी बदलने के मामले में सोमवार को एसपी सिटी ने खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में 4 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है. इसमें 3 लोग विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं जबकि एक आरोपी कॉपी बदलने के लिए दूसरे गैंग में भी काम करता था. एसपी सिटी बताया ने कि कई गैंग मिलकर यूनिवर्सिटी को दीमक की तरह चाटते आ रहे हैं.

उन्होंने सोमवार को बताया कि बीएएमएस और एमबीबीएस की कॉपी अदला-बदली करने के मामले में पहले ही चार लोगों को जेल भेजा जा चुका था. मुख्य सरगना राहुल पाराशर ने कोर्ट में सरेंडर किया था जहां पूछताछ में अहम जानकारी मिली, जिसके बाद आगरा पुलिस ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी शिव कुमार दिवाकर, विक्रम सिंह, उमेश और शैलेंद्र हैं. शिवकुमार इस गैंग के अलावा दूसरे गैंग के लिए भी कार्य करता है. कई गैंग यूनिवर्सिटी में काम करते हैं. यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों का इसमें पूरा सहयोग रहता है.

पुलिस ने दी यह जानकारी.
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि तीन आरोपी आगरा विवि के कर्मचारी हैं. इसमें भीकम सिंह छलेसर कैंपस स्थित एजेंसी का कर्मचारी है. इसका कॉपी बदलने में रोल पाया गया है. इसके अलावा उमेश विवि के मूल्यांकन केंद्र का कर्मचारी है. इसकी भी कॉपी बदलने में भूमिका मिली है. वहीं, शैलेंद्र विवि के फार्मेसी विभाग का कर्मचारी है, वह कॉपी बदलने वाले गैंग को ब्लैक कॉपी उपलब्ध करवाता था.

बता दें किआगरा विवि में परीक्षाएं सेमेस्टर वाइज कराई जा रही थी. 20 अगस्त से बीएससी और बीए फर्स्ट ईयर की द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं हो रही थी. 27 अगस्त को बीएएमएस थर्ड ईयर की परीक्षा होने के बाद कॉपियों की अदला-बदली करते हुए ऑटो ड्राइवर देवेंद्र पकड़ा गया था. इसके बाद यूनिवर्सिटी द्वारा ड्राइवर पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने ड्राइवर देवेंद्र को रिमांड पर लिया. इसके बाद ड्राइवर देवेंद्र ने डॉ अतुल यादव नाम के व्यक्ति का खुलासा किया. पुलिस ने इस मामले में दोनों ही आरोपियों को जेल भेज दिया था. जिसके कुछ सप्ताह बाद पुलिस ने बीएएमएस के छात्र पुनीत और दलाली का काम करने वाला दुर्गेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस इस मामले में चार आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी थी. मामला हाईलाइट होने पर सीएम ने खुद मामले को संज्ञान में लिया और जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया.

ये भी पढ़ेंः सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने मेदांता में ली अंतिम सांस, अखिलेश ने कहा- नेता जी नहीं रहे

आगरा: डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (DBRAU) के बीएएमएस (BAMS) संकाय की कॉपी बदलने के मामले में सोमवार को एसपी सिटी ने खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में 4 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है. इसमें 3 लोग विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं जबकि एक आरोपी कॉपी बदलने के लिए दूसरे गैंग में भी काम करता था. एसपी सिटी बताया ने कि कई गैंग मिलकर यूनिवर्सिटी को दीमक की तरह चाटते आ रहे हैं.

उन्होंने सोमवार को बताया कि बीएएमएस और एमबीबीएस की कॉपी अदला-बदली करने के मामले में पहले ही चार लोगों को जेल भेजा जा चुका था. मुख्य सरगना राहुल पाराशर ने कोर्ट में सरेंडर किया था जहां पूछताछ में अहम जानकारी मिली, जिसके बाद आगरा पुलिस ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी शिव कुमार दिवाकर, विक्रम सिंह, उमेश और शैलेंद्र हैं. शिवकुमार इस गैंग के अलावा दूसरे गैंग के लिए भी कार्य करता है. कई गैंग यूनिवर्सिटी में काम करते हैं. यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों का इसमें पूरा सहयोग रहता है.

पुलिस ने दी यह जानकारी.
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि तीन आरोपी आगरा विवि के कर्मचारी हैं. इसमें भीकम सिंह छलेसर कैंपस स्थित एजेंसी का कर्मचारी है. इसका कॉपी बदलने में रोल पाया गया है. इसके अलावा उमेश विवि के मूल्यांकन केंद्र का कर्मचारी है. इसकी भी कॉपी बदलने में भूमिका मिली है. वहीं, शैलेंद्र विवि के फार्मेसी विभाग का कर्मचारी है, वह कॉपी बदलने वाले गैंग को ब्लैक कॉपी उपलब्ध करवाता था.

बता दें किआगरा विवि में परीक्षाएं सेमेस्टर वाइज कराई जा रही थी. 20 अगस्त से बीएससी और बीए फर्स्ट ईयर की द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं हो रही थी. 27 अगस्त को बीएएमएस थर्ड ईयर की परीक्षा होने के बाद कॉपियों की अदला-बदली करते हुए ऑटो ड्राइवर देवेंद्र पकड़ा गया था. इसके बाद यूनिवर्सिटी द्वारा ड्राइवर पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने ड्राइवर देवेंद्र को रिमांड पर लिया. इसके बाद ड्राइवर देवेंद्र ने डॉ अतुल यादव नाम के व्यक्ति का खुलासा किया. पुलिस ने इस मामले में दोनों ही आरोपियों को जेल भेज दिया था. जिसके कुछ सप्ताह बाद पुलिस ने बीएएमएस के छात्र पुनीत और दलाली का काम करने वाला दुर्गेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस इस मामले में चार आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी थी. मामला हाईलाइट होने पर सीएम ने खुद मामले को संज्ञान में लिया और जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया.

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