आगरा : अपर जिला जज नीरज गौतम ने दोहरा हत्याकांड (माता-पिता की कुल्हाड़ी से हत्या) के आरोपी बेटे रामशंकर समेत दो नातियों को दोषी करार दिया. तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 45 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने दस गवाह और साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी माना है.
यह था मामला : घटना 18 जनवरी 2020 की है. बाह थाना क्षेत्र के गांव जसोल निवासी कुलवीर सिंह अपने बेटे अभिनव व माता-पिता के साथ रहता था. कुलवीर उसका बड़ा भाई रामशंकर अपने परिवार के साथ किराए पर रहता है. वादी ने बाह थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें आरोप था कि बड़े भाई रामशंकर का पिता से दुकान को लेकर विवाद था. घटना वाले दिन दोपहर डेढ़ बजे रामशंकर बेटे अमित, अजीत के साथ आया. तीनों के हाथें में डंडा, कुल्हाड़ी, लाठी थी. आरोपियों ने दुकान खाली करने के लिए कहा. इस पर पिता डालचंद और मां रामकली ने कहा कि, दुकान हमारी है. इस पर तीनों ने कुल्हाड़ी, लाठी से मारना शुरू कर दिया. माता-पिता पर इतने वार किए कि पिता डालचंद की मौके पर मौत हो गई. मां रामकली गंभीर रूप से घायल हो गईं.
जंगल में भाग गए थे आरोपी : वादी कुलवीर ने बाह थाना में दर्ज कराए मुकदमे में लिखा था कि जब शोर शराबा सुनकर पड़ोसी जमा हुए तो हमलावर पिता-पुत्र मौके से जंगल की ओर भाग निकले. आनन-फानन में मां रामकली को अस्पताल लेकर भागा. मगर, उन्होंने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया. आगरा पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतेन्दर सिंह ने बताया कि, मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने मौके से साक्ष्य जुटाये. अनुसंधान अच्छी तरह से किया. गवाह और साक्ष्यों के आधार पर ही कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
सगे नाती ने अभियुक्त के पक्ष में गवाही दी : सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शर्मा ने बताया कि, 'कोर्ट में वादी समेत 10 गवाह और हत्या से जुड़े सबूत प्रस्तुत किए गए, लेकिन मृतक डालचंद और रामकली का एक सगा नाती अभिषेक कोर्ट में पक्षद्रोही हो गया. उसने अभियुक्त के पक्ष में गवाही दी. जिस पर पक्षद्रोही गवाह से लंबी जिरह हुई. कोर्ट में दलील दी कि अभियुक्तगणों का अपराध गंभीर है. वृद्ध माता-पिता की कुल्हाड़ी से काटकर जघन्य हत्या की है. ये अपराध दर्दनाक और बिरलतम श्रेणी में आता है. इसलिए सभी आरोपितों को फांसी की सजा दी जाए. इस मामले में आरोपी अजीत हाईकोर्ट से जमानत पर था. अन्य आरोपी जेल में थे. तीनों को सजा सुनाने के बाद जेल भेजा गया.'