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आगरा: कोरोना से मर रहे लोगों को अंतिम विदाई देती है 'क्षेत्र बजाजा कमेटी'

कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा में सामाजिक संगठन क्षेत्र बजाजा कमेटी कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करा रही है. इस कमेटी ने 10 एंबुलेंस को इसी कार्य के लिए लगा दिया है. पूरी सुरक्षा के साथ क्षेत्र बजाजा कमेटी कोरोना संक्रमण से मृत लोगों का अंतिम संस्कार कराती है.

kshetra bajaja committee
क्षेत्र बजाजा कमेटी
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Published : Aug 9, 2020, 10:14 PM IST

आगरा: कोरोना वायरस ने जहां आम जनमानस को बुरी तरह प्रभावित किया है, वहीं इससे मौत के बाद परिवार के सदस्य मृतक के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाते हैं. ऐसे में लगातार समाजिक संगठन इस विषम परिस्थितियों में लोगों के लिए सहारा बने हुए हैं. आगरा के ही एक सामाजिक संगठन क्षेत्र बजाजा कमेटी इन दिनों लोगों के लिए मददगार साबित हो रहा है.

क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष से बातचीत.

इस कार्य में लगाईं 10 एम्बुलेंस
आपको बता दें कि क्षेत्र बजाजा कोरोना काल में शव को लाने, ले जाने से लेकर उनके अंतिम संस्कार को भी खुद ही कर रही है. अहम बात यह है कि संस्था के पास खुद की 25 एम्बुलेंस हैं, जिनमें से 10 एम्बुलेंस को कोरोना के उपयोग में लगाया गया है. जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस की संख्या को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए जो परिवार सक्षम हैं, उनसे लागत मूल्य का खर्चा लिया जा रहा है.

'विद्युत शवदाह गृह पर करते हैं अंतिम संस्कार'
कोरोना से मौत के बाद शव को परिवार के सदस्य खुद अंतिम संस्कार नहीं कर सकते हैं. ऐसे में विद्युत शवदाह गृह के माध्यम से कोरोना के शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष सुनील विकल ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि इस परिस्थितियों में हम जितना हो सकता है लोगों के लिए प्रयासरत हैं, इसलिए विद्युत शवदाह गृह पर भी स्टाफ है, जो अंतिम संस्कार की प्रकिया को पूरा करता है.

'पीपीई किट पहनकर किया जाता शव का अंतिम संस्कार'
क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष सुनील विकल ने बताया कि कोरोना को लेकर काफी रिस्क भी है, इसलिए हमने सभी स्टाफ को पीपीई किट भी मुहैया कराई है, जिसे पहनकर ही अंतिम संस्कार किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसके बाद पूरे एरिया का सैनिटाइज भी हम लोग खुद करते हैं, जिससे कि स्टाफ में कोरोना होने का खतरा न रहे. हालांकि डॉक्टर की टीम भी इस वक्त स्टाफ के साथ मौजूद रहती है.

'अस्थियों को रखते हैं सुरक्षित'
सुनील विकल ने बताया कि अंतिम संस्कार होने के बाद अस्थियों को भी सुरक्षित रखना बेहद जरुरी होता है, क्योंकि मृतक के परिजन उन अस्थियों को पवित्र नदी में प्रवाहित करते हैं.

135 साल से दे रहे सेवा
क्षेत्र बजाजा पिछले 135 वर्षों से आगरा की जनता के लिए मददगार बना हुआ है. अंतिम संस्कार से लेकर करीब 40 प्रकार की सुविधाओं को संचालित करता है. इसमें ताजगंज स्तिथ अंतिम संस्कार के लिए उपयोग होने वाली सभी सामग्री को मुहैया कराता है. वहीं लावारिश शव का पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराता है. इसके लिए होने वाले सभी खर्च खुद ही वहन करता है और इस कोरोना जैसी महामारी के विषम परिस्थितियों में भी संस्था आम लोगों को सुविधाएं दे रही है.

आगरा: कोरोना वायरस ने जहां आम जनमानस को बुरी तरह प्रभावित किया है, वहीं इससे मौत के बाद परिवार के सदस्य मृतक के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाते हैं. ऐसे में लगातार समाजिक संगठन इस विषम परिस्थितियों में लोगों के लिए सहारा बने हुए हैं. आगरा के ही एक सामाजिक संगठन क्षेत्र बजाजा कमेटी इन दिनों लोगों के लिए मददगार साबित हो रहा है.

क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष से बातचीत.

इस कार्य में लगाईं 10 एम्बुलेंस
आपको बता दें कि क्षेत्र बजाजा कोरोना काल में शव को लाने, ले जाने से लेकर उनके अंतिम संस्कार को भी खुद ही कर रही है. अहम बात यह है कि संस्था के पास खुद की 25 एम्बुलेंस हैं, जिनमें से 10 एम्बुलेंस को कोरोना के उपयोग में लगाया गया है. जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस की संख्या को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए जो परिवार सक्षम हैं, उनसे लागत मूल्य का खर्चा लिया जा रहा है.

'विद्युत शवदाह गृह पर करते हैं अंतिम संस्कार'
कोरोना से मौत के बाद शव को परिवार के सदस्य खुद अंतिम संस्कार नहीं कर सकते हैं. ऐसे में विद्युत शवदाह गृह के माध्यम से कोरोना के शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष सुनील विकल ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि इस परिस्थितियों में हम जितना हो सकता है लोगों के लिए प्रयासरत हैं, इसलिए विद्युत शवदाह गृह पर भी स्टाफ है, जो अंतिम संस्कार की प्रकिया को पूरा करता है.

'पीपीई किट पहनकर किया जाता शव का अंतिम संस्कार'
क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष सुनील विकल ने बताया कि कोरोना को लेकर काफी रिस्क भी है, इसलिए हमने सभी स्टाफ को पीपीई किट भी मुहैया कराई है, जिसे पहनकर ही अंतिम संस्कार किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसके बाद पूरे एरिया का सैनिटाइज भी हम लोग खुद करते हैं, जिससे कि स्टाफ में कोरोना होने का खतरा न रहे. हालांकि डॉक्टर की टीम भी इस वक्त स्टाफ के साथ मौजूद रहती है.

'अस्थियों को रखते हैं सुरक्षित'
सुनील विकल ने बताया कि अंतिम संस्कार होने के बाद अस्थियों को भी सुरक्षित रखना बेहद जरुरी होता है, क्योंकि मृतक के परिजन उन अस्थियों को पवित्र नदी में प्रवाहित करते हैं.

135 साल से दे रहे सेवा
क्षेत्र बजाजा पिछले 135 वर्षों से आगरा की जनता के लिए मददगार बना हुआ है. अंतिम संस्कार से लेकर करीब 40 प्रकार की सुविधाओं को संचालित करता है. इसमें ताजगंज स्तिथ अंतिम संस्कार के लिए उपयोग होने वाली सभी सामग्री को मुहैया कराता है. वहीं लावारिश शव का पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराता है. इसके लिए होने वाले सभी खर्च खुद ही वहन करता है और इस कोरोना जैसी महामारी के विषम परिस्थितियों में भी संस्था आम लोगों को सुविधाएं दे रही है.

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