आगरा : एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. हड़ताल के कारण मंगलवार को SNMC की ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाएं गड़बड़ा गई हैं. हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की वजह से मरीजों को न समय पर उपचार मिल रहा है और न ही जांच हो रही है.
अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे भी नहीं हो रहे हैं. जिससे मरीजों की बीमारी और तकलीफ दोनों ही बढ़ गई हैं. जूनियर डॉक्टर्स नीट पीजी-2021 की काउंसलिंग की मांग और दिल्ली में जूनियर्स डॉक्टर्स के साथ पुलिस की बदसलूकी के मामले को लेकर डॉक्टरों ने इमरजेंसी का भी कार्य बहिष्कार कर दिया है. इससे पहले भी जूनियर डॉक्टर्स ने ओपोडी और आईपीडी में कार्य बहिष्कार किया था.
जूनियर डॉ. सूरज कुमार ने बताया कि, हम लोग लगातार नीट पीजी काउंसलिंग की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. जिस तरह से दिल्ली में जूनियर डॉक्टरों के साथ दिल्ली पुलिस ने बदसलूकी की. इसके चलते अब डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दीं हैं.
वहीं जूनियर डॉ. दिनेश का कहना है कि, देश भर के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और रेजीमेंट डॉक्टर एसोसिएशन के मिले निर्देश पर ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी सेवाएं नहीं देने का ऐलान किया है. इस बारे में एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. जूनियर डॉक्टर्स, सेकंड ईयर, थर्ड ईयर के जूनियर डॉक्टर्स के साथ ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी हमारी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं.
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की ओर से इमरजेंसी और आईसीयू में कार्य बहिष्कार कर दिया है. इसे देख कर सीनियर रेजिडेंट, संकाय सदस्य, नॉन पीजी जेआर, इंटर्न मुख्य रूप से सेवाएं देंगे. इन सभी की ड्यूटी लगाई गई है. इसके साथ ही सहयोग के लिए डीएम एलटी, बी फार्मा और डी फार्मा के छात्रों की भी ड्यूटी लगाई गई है. फिर भी जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जाएंगी.
बता दें कि नीट पीजी परीक्षा जनवरी-2021 में और उसकी काउंसलिंग मई-2021 में होनी थी. जूनियर डॉक्टर्स को प्रथम वर्ष में प्रवेश मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले कोरोना और फिर ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया.
इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 6 जनवरी-2022 में होनी है. इसी बात को लेकर जूनियर डॉक्टर्स अब हड़ताल पर चले गए हैं. उनकी मांग है कि, नीट पीजी की काउंसलिंग कराई जाए. बीते सोमवार को दिल्ली में जूनियर डॉक्टर के साथ पुलिस ने अभद्रता की थी. इसके चलते अब जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन तेज हो गया है.
ओपीडी और आईपीडी के मरीजों की बढ़ेंगी मुश्किलें
एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने के लिए प्रतिदिन फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा, इटावा, हाथरस, धौलपुर, मुरैना समेत अन्य जिलों के मरीज आते हैं. ये मरीज अलग-अलग विभागों में भर्ती होते हैं. ओपीडी में प्रतिदिन करीब 2000 मरीज आते हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार करने से ओपीडी, इमरजेंसी और आईसीयू में भर्ती मरीजों की मुश्किलें बढ़ेंगी.
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