आगराः पुलवामा हमले में शहीद हुए कौशल कुमार रावत का परिवार शासन और प्रशासन की वादा खिलाफी से आहत है. शहीद की वीरांगना ममता रावत की दो दिन पहले आगरा आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात नहीं कराई गई. इससे परिवार आहत है. इसकी जानकारी होने पर मंगलवार दोपहर राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी आगरा आए. वे मंगलवार को शहीद स्मारक पहुंचे. जहां शहीद को पुष्प अर्पित करके शहीद की वीरांगना ममता रावत से मिले.
सुनी पीड़ा, दिया आश्वासन
जयंत चौधरी ने शहीद की वीरांगना ममता रावत से बातचीत की. इसके बाद जयंत चौधरी ने कहा कि, हम उनके साथ खडे़ हैं. सरकार ने शहीद के परिवार के साथ जो आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया, उससे पूरे देश के लोगों में गुस्सा है. जयंत ने कहा कि, सात दिन में जिला प्रशासन ने शहीद के परिवार की मांग पूरी नहीं हुई तो रालोद आंदोलन करेगी. रालोद की स्थानीय इकाई डीएम कार्यालय का घेराव करेगी.
सरकार ने किया देश का अपमान
जयंत चौधरी ने कहा कि, शहीद परिवार की बात सुनकर ऐसा लगता है कि, सरकार ने जो वादे उनसे किए. अब वो उसे पूरा नहीं करना चाहती है. इन्हें केवल लिखा-पढ़ी में उलझाया जा रहा है. दो दिन पहले मुख्यमंत्री आगरा आए. शहीद के परिवार को सीएम से जिला प्रशासन ने मिलने नहीं दिया. शहीद की वीरांगना को थाने में बैठाकर उनके साथ आतंकियों और अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया. इससे परिवार में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि, जो भी पुलवामा के शहीदों की कद्र करता है, उनको सरकार के इस व्यवहार से चोट पहुंची है. सरकार ने ऐसा करके देश का अपमान किया है. ढाई साल बाद भी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं. इससे देश में नकारात्मक संदेश जा रहा है.जयंत चौधरी ने कहा कि, शहीद के परिवार की पीड़ा और समस्याओं को लेकर कल ही राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे. इसके साथ ही प्रदेश की राज्यपाल से भी मिलने का समय मांगेंगे.
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गरमाई राजनीति
शहीद कौशल कुमार रावत की वीरांगना के साथ जो व्यवहार जिला प्रशासन ने किया है. इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है. पहले जहां सपा मुखिया अखिलेश यादव ने वीरांगना ममता रावत से बात की. इसके बाद मंगलवार दोपहर जयंत चौधरी वीरांगना और शहीद के परिवार से मिलने पहुंचे. सपा के पदाधिकारी भी शहीद परिवार से मिले हैं. बसपा और कांग्रेस के स्थानीय नेता भी शहीद परिवार से मिले हैं. सभी ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. इससे भाजपा में खलबली मच गई है.
न जमीन दी और न असलाह का लाइसेंस
वीरांगना ममता रावत का कहना है कि, जिला प्रशासन ने न जमीन दी. न असलाह का लाइसेंस दिया है. न शहीद पति के नाम से द्वार बनाया है. हमें अन्य विभाग का पैसा भी नहीं मिला है. हर बार आश्वासन दिया जाता है. कोई भी सुनवाई नहीं होती है. सीएम से भी नहीं मिलने दिया. जब पुलवामा के शहीद परिवारों को हर जगह जमीन दी गई है तो हमारे साथ ऐसा फिर क्यों हो रहा है. एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि, शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत की सभी मांग पूरी हो गई हैं. जो मांगे बाकी हैं, वे भी जल्द पूरी हो जाएंगी.