आगरा: यूपी में टूरिस्ट सीजन चल रहा है. सीएम योगी सोमवार को पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर आगरा को करोड़ों रुपये की सौगात देंगे. जिसमें आगरा और मथुरा के हेलीपोर्ट से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर ताजमहल, आगरा किला और मथुरा-वृन्दावन के मन्दिरों की 'उड़न खटोले' यानी हेलीकॉप्टर से 'हवाई दर्शन' की सेवा भी शामिल है. जिसके लिए यूपी सरकार का मेसर्स राजस ऐयरोस्पोर्ट्स एडवेंचर प्राइवेट लि. से हेलीकॉप्टर के संचालन का 30 साल का करार हुआ है. जिसके तहत नोएडा से बटेश्वर तक की ट्रायल फ्लाइट आज होगी. अभी तक फर्म ने हेलीकॉप्टर से ताजमहल, आगरा किला और मथुरा-वृन्दावन के मंदिरों का 'हवाई दर्शन' कराने की सेवा का किराया जारी नहीं किया है. लेकिन, हेलीकॉप्टर की एक घंटे की हवाई उड़ान का किराया दो लाख रुपये हो सकता है.
योगी सरकार ने आगरा और मथुरा में पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के लिए हेलीपोर्ट का निर्माण कराया. दोनों जिले में बने हेलीपोर्ट से अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर मेसर्स राजस ऐयरोस्पोर्ट्स एडवेंचर प्राइवेट लि. हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन शुरू कर रही है. जिसके लिए यूपी सरकार का फर्म से 30 साल का करार हुआ है. फर्म हर साल हेलीकॉप्टर सेवा संचालन के एवज में 25 लाख रुपये का भुगतान करेगी. पर्यटन विभाग ने फर्म को हेलीपोर्ट हैंडओवर कर दिया है. अब फर्म ही हेलीपोर्ट पर जरूरी व्यवस्थाएं संभालेगी. इस सेवा की पर्यटन विभाग मॉनिटरिंग करेगा. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि हेलीकाॅप्टर की सुविधा शुरू होने से जहां पर्यटकों को नया रोमांच मिलेगा, वहीं आगरा और मथुरा में पर्यटन कारोबार का भी ऊंची उड़ान भरेगा.
सैलानियों का रोमांच होगा दोगुना: आगरा और मथुरा में हेलीकाॅप्टर के संचालन के टेंडर पर कैबिनेट की मुहर लगने से आगरा और मथुरा के पर्यटन कारोबारी बेहद खुश हैं. क्योंकि, जो सैलानी ताजमहल, आगरा किला, मथुरा और वृंदावन के मंदिरों का हवाई दर्शन करेंगे. उनका रोमांच दोगुना होगा.
पीडब्ल्यूडी ने बनाया है हेलीपोर्ट: योगी सरकार ने आगरा और मथुरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार साल 2017-18 में आगरा को लेकर हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट तैयार किया था. जिसके लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और इनर रिंग रोड (यमुना एक्सप्रेस-वे) के पास गांव मदरा में 5 एकड़ से ज्यादा जमीन अधिकृत की गई. तब 4.95 करोड़ रुपये में हेलीपैड बनाने का काम पीडब्ल्यूडी विभाग ने शुरू किया था.
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2019 में पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास: दरअसल, पीएम मोदी ने 9 जनवरी-2019 को कोठी मीना बाजार मैदान की जनसभा से हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट का विधिवत शिलान्यास किया था. तब अक्टूबर-2020 में हेलीपोर्ट बनकर तैयार होना था. 2021 में नया एस्टीमेट 4.95 करोड़ रुपये से बढ़कर 7.9 करोड़ का भेजा गया था. कोरोना संक्रमण के चलते हेलीपोर्ट बनाने का काम रुक गया. फिर विभाग ने बजट मांगा था, तो फिर योगी सरकार ने आगरा हेलीपोर्ट और मथुरा के वृंदावन में हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल करने की प्लानिंग की. अब फर्म ने हेलीकाप्टर के संचालन के लिए अपनी तैयारी कर ली है.
पर्यटन विभाग की तैयारियां पूरी: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि, हेलीकॉप्टर सेवा के संचालन के कंपनी ने दो करोड रुपये की धनराशि जमा कराई है. हेलीपोर्ट से हेलीकाॅप्टर से पर्यटकों को आगरा के स्मारक, मथुरा वृंदावन के मंदिर के हवाई दर्शन कर सकेंगे. जिसकी पर्यटन विभाग ने पूरी तैयारियां कर लीं हैं. इस सेवा को लेकर बटेश्वर में कार्यक्रम हो रह हैं.
सरकार की 25 लाख सालाना की आमदनी: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि, फर्म मेसर्स राजस ऐयरोस्पोर्ट्स एडवेंचर प्राइवेट लि. को हेलीपोर्ट पर पुलिस थाना और चौकी के लिए भूमि की नि:शुल्क व्यवस्था करनी है. फर्म ही हेलीपोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिस बल का खर्चा देगी. हेलीपोर्ट से सेवा शुरू करने के एवज में फर्म हर साल 25 लाख रुपये पर्यटन विभाग को देगी. फर्म को 30 साल के लिए हेलीपोर्ट लीज पर देने का करार हुआ है. करार आगे 30 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
एक नजर आगरा के हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट पर
- 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर बनाया जा रहा है हेलीपोर्ट.
- 4.5 करोड रुपए का बजट अब तक जारी किया गया है.
- 7.9 करोड़ रुपए का रिवाइज्ड एस्टीमेट बनाकर भेजा था.
- एक हेलीपैड और हेलीकॉप्टर खड़े करने के लिए दो हैंगर बने.
-एडीए और यूपीडा ने हेलीपोर्ट बनाने के लिए जमीन दी है.
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