आगरा: शहर के वार्ड संख्या 82 आनंद नगर नई आबादी में गंदगी का अंबार लगा है. यहां नगर निगम के सफाई कर्मचारी कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठाते. स्थानीय लोगों का आरोप है कि निगम के कर्मचारी महीने में 15 दिन भी साफ-सफाई के लिए नहीं आते, जिसकी वजह से कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. ताज नगरी को स्वच्छ बनाने के लिए महापौर नवीन जैन ने स्लोगन तो लिखवा दिया 'नवीन आगरा क्लीन आगरा ' लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है.
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से लोग परेशान
लोगों ने बताया कि क्षेत्र में पेयजल के लिए नल तो हैं, लेकिन नलों से गंदा और बदबूदार पानी निकलता है. नगर निगम क्षेत्र होने के बावजूद पीने के पानी के लिए टंकी की व्यवस्था नहीं है, जिससे क्षेत्रीय लोगों को साफ पानी नहीं मिल पा रहा है. आरोप है कि तमाम मूलभूत सुविधाओं से वंचित बस्ती की समस्याओं को जानने के लिए कोई जनप्रतिनिधि नहीं आता. इतना ही नहीं जलकल विभाग ने क्षेत्र में सीवर लाइन तो बिछा दी है, लेकिन रोड नहीं बनाई, जिससे आए-दिन बड़े-बुजुर्ग गिरकर चोटिल हो जाते हैं.
बहरहाल, एक तरफ स्मार्ट सिटी के लिए करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कई क्षेत्रों में नारकीय हालात की वजह से जनता को समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है.