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आगरा में जल पर हुआ योग,जानिए क्या है खासियत

पूरे विश्व में 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है. इसके चलते आगरा में गुरुवार को जल योग का आयोजन किया गया. जिले के एकमात्र जल योगी हरेश चतुर्वेदी ने जल योग का प्रर्दशन किया. योग को लेकर हरेश चतुर्वेदी कहना है कि योग सतयुग काल का इतिहास है.

जल में योग करते हुए जलयोगी हरेश चतुर्वेदी
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Published : Jun 20, 2019, 11:06 PM IST

आगरा: विश्व योग दिवस से ठीक एक दिन पहले ताजनगरी आगरा में गुरुवार को पानी के ऊपर योग करने का आयोजन किया गया. जिले के एकमात्र जल योगी हरेश चतुर्वेदी ने गुरुवार को जल योग का प्रदर्शन किया. जलयोगी हरेश के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग का उत्थान किया है. उनके अलावा योग पर किसी ने काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि जल योग सतयुग काल का इतिहास है.

आगरा में जल योग का हुआ आयोजन
आखिर कौन है हरेश चतुर्वेदी...
  • ताजनगरी आगरा के हरेश चतुर्वेदी बीते तीस सालों से जल पर तरह-तरह के योगासन कर रहे हैं.
  • उन्होंने कहा कि जल योग करना साधु संतों की संगत से आया है.
  • ऐतिहासिक तीर्थ राज बटेश्वर में रहने वाले हरेश साधु-संतों की संगत में रहते थे.
  • साधुओं से पानी पर तैरने आदि की कहानियां सुनकर जल पर योग करने का अभ्यास शुरू कर दिया.
  • हरेश ने कहा कि योग तब तक पूरा नहीं होता जब तक आध्यात्म नहीं होता है.
  • राम रक्षा सूत्र में भगवान भोलेनाथ ने भगवान श्रीराम को लंका जाने के लिए समुद्र में मार्ग लेने के समय देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जल पर पद्मासन करने को कहा था.
  • जल योग का अस्तित्व सतयुग के समय का है. योग किसी को तुरंत नहीं आता है पर लगातार अभ्यास से यह सीखा जा सकता है.
  • उन्होंने योग दिवस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की.
  • हरेश पानी पर पचास तरह के आसन कर सकते हैं,जिनमे से प्राणायाम,पद्मासन,ब्रह्मासन,तड़कासन,गरुड़ासन आदि मुख्य हैं.

आगरा: विश्व योग दिवस से ठीक एक दिन पहले ताजनगरी आगरा में गुरुवार को पानी के ऊपर योग करने का आयोजन किया गया. जिले के एकमात्र जल योगी हरेश चतुर्वेदी ने गुरुवार को जल योग का प्रदर्शन किया. जलयोगी हरेश के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग का उत्थान किया है. उनके अलावा योग पर किसी ने काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि जल योग सतयुग काल का इतिहास है.

आगरा में जल योग का हुआ आयोजन
आखिर कौन है हरेश चतुर्वेदी...
  • ताजनगरी आगरा के हरेश चतुर्वेदी बीते तीस सालों से जल पर तरह-तरह के योगासन कर रहे हैं.
  • उन्होंने कहा कि जल योग करना साधु संतों की संगत से आया है.
  • ऐतिहासिक तीर्थ राज बटेश्वर में रहने वाले हरेश साधु-संतों की संगत में रहते थे.
  • साधुओं से पानी पर तैरने आदि की कहानियां सुनकर जल पर योग करने का अभ्यास शुरू कर दिया.
  • हरेश ने कहा कि योग तब तक पूरा नहीं होता जब तक आध्यात्म नहीं होता है.
  • राम रक्षा सूत्र में भगवान भोलेनाथ ने भगवान श्रीराम को लंका जाने के लिए समुद्र में मार्ग लेने के समय देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जल पर पद्मासन करने को कहा था.
  • जल योग का अस्तित्व सतयुग के समय का है. योग किसी को तुरंत नहीं आता है पर लगातार अभ्यास से यह सीखा जा सकता है.
  • उन्होंने योग दिवस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की.
  • हरेश पानी पर पचास तरह के आसन कर सकते हैं,जिनमे से प्राणायाम,पद्मासन,ब्रह्मासन,तड़कासन,गरुड़ासन आदि मुख्य हैं.
Intro:विश्व योग दिवस से एक दिन पूर्व ताजनगरी आगरा में आज पानी के ऊपर योग का आयोजन किया गया।आगरा के एकमात्र जल योगी हरेश चतुर्वेदी ने आज जल योग का प्रदर्शन किया।जलयोगी हरेश के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग का उत्थान कियाया है और उनके अलावा योग पर किसी ने काम नही किया है।जल योग के बारे में सतयुग काल का इतिहास है।


Body:ताजनगरी आगरा के हरेश चतुर्वेदी बीते तीस सालों से जल पर तरह तरह के योगासन कर रहे हैं।उनके अनुसार उन्हें जल योग करना साधु संतों की संगत से आया है।ऐतिहासिक तीर्थ राज बटेश्वर में रहने वाले हरेश साधु संतों की संगत में रहते थे और साधुओं के पानी पर तैरने आदि की कहानियां सुनकर उनके मन मे ऐसी इच्छा जागी और उन्होंने जल पर योग करने का अभ्यास शुरू कर दिया।उन्होंने बताया कि योग तब तक पूरा नही होता जब तक आध्यात्म नही होता है।उन्होंने इस पर काफी प्रयास किया और जब उन्होंने राम रक्षा सूत्र पढ़ा तो पता चला कि भगवान भोलेनाथ ने भगवान श्रीराम को लंका जाने के लिए समुद्र में मार्ग लेने के समय देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जल पर पद्मासन करने को कहा था।इसका मतलब है कि जल योगा का अस्तित्व सतयुग के समय का है।योग किसी को तुरंत नही आता है पर लगातार अभ्यास से यह सीखा जा सकता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने योग दिवस की जमकर तारीफ की।आज जब उन्हें देखने के लिए लोग आए तो उनके करतब की तरीफ किये बिना नही रह सके।हरेश पानी पर पचास तरह के आसन कर सकते हैं,जिनमे से प्राणायाम,पद्मासन,ब्रह्मासन,तड़कासन,गरुड़ासन आदि मुख्य हैं।हरेश के अनुसार यह एक तपस्या है और इसके लिए लगातार अभ्यास जरूरी है।

बाईट हरेश चतुर्वेदी

बाईट डा मारिया मोहन प्रिंसिपल डा मारिया स्कूल


Conclusion:ताजनगरी आगरा में हुए हरेश चतुर्वेदी के योगासन को देखकर हर कोई ने दांतो तले उंगलियां दबा ली,अगर इस योग को आगे बढ़ाया जाए तो यह एक नई विधा के रूप में विश्व पर छा जाएगा।
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