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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा गुरु नानक नाम लेवा संगत

कोरोना काल में गुरु नानक नाम लेवा संगत लोगों की बढ़-चढ़कर सेवा कर रहा है. संगत ने फैसला लिया है कि अब कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी वह उठाएगा.

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा गुरु नानक नाम लेवा संगत
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा गुरु नानक नाम लेवा संगत
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Published : Jun 15, 2021, 8:36 PM IST

आगरा: जनपद में कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी लहर तक गुरु नानक नाम लेवा संगत के लोगों ने हर वक्त जरूरतमंदों की मदद की. फिर वो चाहे राशन पहुंचाना हो, ऑक्सीजन, दवाइयां, ऑक्सीमीटर, ब्लड या फिर लावारिस शवों का अंतिम संस्कार. हर तरीके से इस संगत ने लोगों की सहायता की. संगत के कोऑर्डिनेटर बंटी ग्रोवर ने बताया कि सेवा करने का मौका बड़े ही भाग्य वालों को मिलता है. बंटी ने कहा कि हमारी संगत शुरू से ही गुपचुप तरीके से बिना बताए लोगों की मदद करती आ रही है. अब संगत ने फैसला किया है कि कोरोना काल में अनाथ बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाएगी. जल्द ही डाटा तैयार कर बच्चों का एडमिशन करवाया जाएगा. साथ ही उनकी कॉपी-किताब का खर्चा भी संगत उठाएगी.

को-ऑर्डिनेटर बंटी ग्रोवर ने बताया कि आगरा में जितनी भी सोसाइटी हैं, जो गुरु नानक देव जी को मानती हैं, जो गुरु नानक नाम लेवा है, उन सोसाइटी को जोड़कर संगत बनाई गई है. गुरु नानक नाम लेवा संगत तीन समाज से मिलकर बनी है. इस संगत में सिख समाज, पंजाबी समाज, सिंधी समाज हैं. तीनों समाज मिलकर इस संगत से जुड़कर लोगों की मदद कर रहे हैं.

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा गुरु नानक नाम लेवा संगत
संगत से जुड़े रोहित कटयाल कोविड की दूसरी लहर के पहले दिन से लेकर अब तक आगरा में 200 परिवारों को राशन की किट उपलब्ध करा चुके हैं. महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने सोसाइटी को समझाकर एक जगह एकत्रित किया. जिस मरीज की जो भी मदद थी उनको पूरा किया. गगन सिंह बत्रा ने अपने युवा साथियों के साथ मिलकर लोगों को कोविड की दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर हर तरीके से मदद की तो वहीं परमजीत सिंह सरना व सत्येंद्र ईश्वरी किरण दोनों ने मिलकर ही युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों को योगा के प्रति जागरूक किया. सभी लोगों को ऑनलाइन योगा क्लास देना शुरू किया, जिससे लोग स्वस्थ रह सकें. अवतार सिंह गिल ने ऐसे लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया, जिनको कोई पूछने वाला भी नहीं था.संगत के लोगों ने निर्णय लिया कि प्रतापपुरा स्थित समाज के स्कूल डी बी संतोख सिंह खालसा इंटर कॉलेज में महामारी में अनाथ हुए अथवा जिनकी मां या पिता की महामारी के दौरान डेथ हुई है ऐसे बच्चों को संगत द्वारा निशुल्क शिक्षा दिलाई जाएगी. इन बच्चों का हर तरीके का खर्चा भी संगत उठाएगी. डाटा एकत्रित कर एडमिशन जल्द कराया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:Ram Barat Agra: नहीं निकलेगी राम बारात, जानिए वजह

आगरा: जनपद में कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी लहर तक गुरु नानक नाम लेवा संगत के लोगों ने हर वक्त जरूरतमंदों की मदद की. फिर वो चाहे राशन पहुंचाना हो, ऑक्सीजन, दवाइयां, ऑक्सीमीटर, ब्लड या फिर लावारिस शवों का अंतिम संस्कार. हर तरीके से इस संगत ने लोगों की सहायता की. संगत के कोऑर्डिनेटर बंटी ग्रोवर ने बताया कि सेवा करने का मौका बड़े ही भाग्य वालों को मिलता है. बंटी ने कहा कि हमारी संगत शुरू से ही गुपचुप तरीके से बिना बताए लोगों की मदद करती आ रही है. अब संगत ने फैसला किया है कि कोरोना काल में अनाथ बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाएगी. जल्द ही डाटा तैयार कर बच्चों का एडमिशन करवाया जाएगा. साथ ही उनकी कॉपी-किताब का खर्चा भी संगत उठाएगी.

को-ऑर्डिनेटर बंटी ग्रोवर ने बताया कि आगरा में जितनी भी सोसाइटी हैं, जो गुरु नानक देव जी को मानती हैं, जो गुरु नानक नाम लेवा है, उन सोसाइटी को जोड़कर संगत बनाई गई है. गुरु नानक नाम लेवा संगत तीन समाज से मिलकर बनी है. इस संगत में सिख समाज, पंजाबी समाज, सिंधी समाज हैं. तीनों समाज मिलकर इस संगत से जुड़कर लोगों की मदद कर रहे हैं.

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगा गुरु नानक नाम लेवा संगत
संगत से जुड़े रोहित कटयाल कोविड की दूसरी लहर के पहले दिन से लेकर अब तक आगरा में 200 परिवारों को राशन की किट उपलब्ध करा चुके हैं. महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने सोसाइटी को समझाकर एक जगह एकत्रित किया. जिस मरीज की जो भी मदद थी उनको पूरा किया. गगन सिंह बत्रा ने अपने युवा साथियों के साथ मिलकर लोगों को कोविड की दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर हर तरीके से मदद की तो वहीं परमजीत सिंह सरना व सत्येंद्र ईश्वरी किरण दोनों ने मिलकर ही युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों को योगा के प्रति जागरूक किया. सभी लोगों को ऑनलाइन योगा क्लास देना शुरू किया, जिससे लोग स्वस्थ रह सकें. अवतार सिंह गिल ने ऐसे लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया, जिनको कोई पूछने वाला भी नहीं था.संगत के लोगों ने निर्णय लिया कि प्रतापपुरा स्थित समाज के स्कूल डी बी संतोख सिंह खालसा इंटर कॉलेज में महामारी में अनाथ हुए अथवा जिनकी मां या पिता की महामारी के दौरान डेथ हुई है ऐसे बच्चों को संगत द्वारा निशुल्क शिक्षा दिलाई जाएगी. इन बच्चों का हर तरीके का खर्चा भी संगत उठाएगी. डाटा एकत्रित कर एडमिशन जल्द कराया जाएगा.

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