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आगरा हिंसा: डीजीपी का आया फोन और इंस्पेक्टर सहित 4 हो गए निलंबित - डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी

आगरा में अवैध खनन की ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से चालक की मौत के बाद हुए बवाल को लेकर एसएसपी ने पहले ताजगंज इंस्पेक्टर और तोरा चौकी प्रभारी सहित पूरी पुलिस चौकी को लाइन हाजिर कर दी थी. मगर नए साल पर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का फोन आते ही एसएसपी बबलू कुमार और सख्त हो गए.

मोटरसाइकिल जली.
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Published : Jan 2, 2021, 8:10 AM IST

Updated : Jan 2, 2021, 9:01 AM IST

आगरा : ताजनगरी में अवैध खनन की ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से चालक की मौत के बाद हुए बवाल को लेकर एसएसपी ने पहले ताजगंज इंस्पेक्टर और तोरा चौकी प्रभारी सहित पूरी पुलिस चौकी को लाइन हाजिर कर दी थी. मगर नए साल पर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का फोन आते ही एसएसपी बबलू कुमार और सख्त हो गए. पुलिस की गोपनीय रिपोर्ट भी आ गई. इस पर एसएसपी ने डीजीपी की नाराजगी और गोपनीय रिपोर्ट पर इंस्पेक्टर ताजगंज नरेंद्र कुमार, तोरा चौकी प्रभारी मनोज पंवार, सिपाही अजय पाल, सिपाही मनोज को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही तोरा पुलिस चौकी के सात सिपाही लाइन हाजिर कर दिए.

यूं हुई निलंबन की कार्रवाई

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि गोपनीय रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि ताजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र कुमार ने दो बड़ी लापरवाही की. पहली समय रहते पुलिस फोर्स की मांग नहीं की. दूसरी जब बवाल हुआ, उस दौरान इंस्पेक्टर नरेंद्र मूकदर्शक बने रहे. इस वजह से उग्र भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया. सीओ सदर महेश कुमार को ऑटो से भागना पड़ा था, जिसमें एसीएम गिर गए. इसलिए इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार को निलम्बित किया गया. वहीं, तोरा पुलिस चौकी प्रभारी मनोज पंवार, सिपाही अजयपाल व मनोज का निलंबन इसलिए किया गया, क्योंकि मृतक पवन के परिजनों ने खनन से अवैध वसूली का आरोप लगाया था.

50 से ज्यादा बवाली चिन्हित

एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर बवाली चिन्हित किए जा रहे हैं. अब तक 50 बवाली चिन्हित किए जा चुके हैं. बवाली गांव छोड़ गए हैं. पुलिस ने शुक्रवार रात छापेमारी की, लेकिन चिंहित बवाली अपने घरों पर नहीं मिले हैं. बवाली अपनी रिश्तेदारी में भाग गए हैं.

दो मुकदमे दर्ज कराए गए

एसएसपी बबलू कुमार ने ताजगंज थाना में बवाल के दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए हैं. जिसमें एक मुकदमा फतेहाबाद रोड पर स्थित हॉस्पिटल के सामने हंगामा और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करने का है. दूसरा मुकदमा तोरा पुलिस चौकी पर उपद्रव करने और आगजनी का है. दोनों में 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है.

यह था मामला

करभना, ताजगंज निवासी 22 वर्षीय पवन यादव गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे ट्रैक्टर-ट्राली लेकर यमुना से बालू लेकर आ रहा था. शिल्पग्राम रोड पर एसटीपी के पास पुलिस की चीता मोबाइल पर तैनात सिपाहियों ने ट्रैक्टर-ट्राली रुकवाने का प्रयास किया. लेकिन पवन ने ट्रैक्टर-ट्राली को दौड़ा दिया जिससे बेकाबू ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई. इस घटना में पवन नीचे दब गया. पुलिस और स्थानीय लोगों ने पवन को फतेहाबाद रोड पर स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया. परिजन और भीड़ हॉस्पिटल पहुंच गई. ट्रैक्टर चालक पवन की मौत के बाद भीड़ ने पुलिकर्मियों पर हमला बोल दिया. पुलिसकर्मियों की पिटाई की. गुस्साई भीड़ तोरा पुलिस चौकी पर पहुंच गई. शव को फतेहाबाद रोड पर रखकर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा किया. लोगों ने पुलिस चौकी में तोड़ फोड़ कर दी, वहीं पुलिस कर्मियों को भी पीटा.

आगरा : ताजनगरी में अवैध खनन की ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से चालक की मौत के बाद हुए बवाल को लेकर एसएसपी ने पहले ताजगंज इंस्पेक्टर और तोरा चौकी प्रभारी सहित पूरी पुलिस चौकी को लाइन हाजिर कर दी थी. मगर नए साल पर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का फोन आते ही एसएसपी बबलू कुमार और सख्त हो गए. पुलिस की गोपनीय रिपोर्ट भी आ गई. इस पर एसएसपी ने डीजीपी की नाराजगी और गोपनीय रिपोर्ट पर इंस्पेक्टर ताजगंज नरेंद्र कुमार, तोरा चौकी प्रभारी मनोज पंवार, सिपाही अजय पाल, सिपाही मनोज को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही तोरा पुलिस चौकी के सात सिपाही लाइन हाजिर कर दिए.

यूं हुई निलंबन की कार्रवाई

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि गोपनीय रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि ताजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र कुमार ने दो बड़ी लापरवाही की. पहली समय रहते पुलिस फोर्स की मांग नहीं की. दूसरी जब बवाल हुआ, उस दौरान इंस्पेक्टर नरेंद्र मूकदर्शक बने रहे. इस वजह से उग्र भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया. सीओ सदर महेश कुमार को ऑटो से भागना पड़ा था, जिसमें एसीएम गिर गए. इसलिए इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार को निलम्बित किया गया. वहीं, तोरा पुलिस चौकी प्रभारी मनोज पंवार, सिपाही अजयपाल व मनोज का निलंबन इसलिए किया गया, क्योंकि मृतक पवन के परिजनों ने खनन से अवैध वसूली का आरोप लगाया था.

50 से ज्यादा बवाली चिन्हित

एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर बवाली चिन्हित किए जा रहे हैं. अब तक 50 बवाली चिन्हित किए जा चुके हैं. बवाली गांव छोड़ गए हैं. पुलिस ने शुक्रवार रात छापेमारी की, लेकिन चिंहित बवाली अपने घरों पर नहीं मिले हैं. बवाली अपनी रिश्तेदारी में भाग गए हैं.

दो मुकदमे दर्ज कराए गए

एसएसपी बबलू कुमार ने ताजगंज थाना में बवाल के दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए हैं. जिसमें एक मुकदमा फतेहाबाद रोड पर स्थित हॉस्पिटल के सामने हंगामा और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करने का है. दूसरा मुकदमा तोरा पुलिस चौकी पर उपद्रव करने और आगजनी का है. दोनों में 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है.

यह था मामला

करभना, ताजगंज निवासी 22 वर्षीय पवन यादव गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे ट्रैक्टर-ट्राली लेकर यमुना से बालू लेकर आ रहा था. शिल्पग्राम रोड पर एसटीपी के पास पुलिस की चीता मोबाइल पर तैनात सिपाहियों ने ट्रैक्टर-ट्राली रुकवाने का प्रयास किया. लेकिन पवन ने ट्रैक्टर-ट्राली को दौड़ा दिया जिससे बेकाबू ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई. इस घटना में पवन नीचे दब गया. पुलिस और स्थानीय लोगों ने पवन को फतेहाबाद रोड पर स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया. परिजन और भीड़ हॉस्पिटल पहुंच गई. ट्रैक्टर चालक पवन की मौत के बाद भीड़ ने पुलिकर्मियों पर हमला बोल दिया. पुलिसकर्मियों की पिटाई की. गुस्साई भीड़ तोरा पुलिस चौकी पर पहुंच गई. शव को फतेहाबाद रोड पर रखकर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा किया. लोगों ने पुलिस चौकी में तोड़ फोड़ कर दी, वहीं पुलिस कर्मियों को भी पीटा.

Last Updated : Jan 2, 2021, 9:01 AM IST
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