आगराः जनपद के प्रमुख तीर्थ बटेश्वर (bateshwar) में यमुना नदी पर रिवरफ्रंट (riverfront) बनना चाहिए. इससे जल यातायात के साथ पर्यटन का विकास होगा. साथ ही क्षेत्र लोगों को रोजगार भी मिलेगा. पर्यावरण शुद्धिकरण के साथ विकास की संभावना भी बढ़ेंगी. यह कहना है पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह (former minister aridaman singh ) का. उन्होंने इस संदर्भ में सरकार से मांग की है.
ताजनगरी यानी आगरा (agra) जिले में बटेश्वर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं. अब पूर्व मंत्री ने इसके विकास एवं रिवरफ्रंट बनाने की मांग उठाई है. पूर्व मंत्री एवं तीर्थ स्थल ट्रस्ट बटेश्वर के चेयरमैन अरिदमन सिंह ने कहा है कि बाह क्षेत्र में बसी ब्रज की काशी यानी बटेश्वर की मंदिर शृंखला पर यमुना में रिवरफ्रंट बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि महाभारत कालीन शौरीपुर बटेश्वर में तत्कालीन भदावर नरेश बदन सिंह ने एक कोस लंबा बांध बनवाकर यमुना के बहाव को मोड़ा था. इसी बांध पर स्थित शिव मंदिर शृंखला पर यमुना के किनारे रिवरफ्रंट के निर्माण से जलयातायात को बढ़ावा मिलेगा.
इससे बटेश्वर में पर्यटन विकास के साथ ही तीर्थ के विकास का भी रास्ता साफ हो सकेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि रिवरफ्रंट बनने से यमुना किनारे हरियाली रहेगी. इससे नदी की तलहटी से उड़ने वाली धूल रुकने से पर्यावरण की सेहत में सुधार होगा. इतना ही नहीं, पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
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बता दें कि हर साल बटेश्वर में उत्तर भारत का प्रमुख पशु एवं लोक मेला लगता है. शिव मंदिर शृंखला के दर्शन पूजन के लिए लाखों की भीड़ जुटती है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के गांव की विरासत का विकास के द्वार भी रिवरफ्रंट के बनने से खुलेंगे. क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. अरिदमन सिंह ने कहा है कि सरकार को जल्द से जल्द, इस मांग पर ध्यान देना चाहिए.