ETV Bharat / state

यमुना के जलस्तर से आगरा में बाढ़, लेकिन ताजमहल को मिल रही संजीवनी, जानिए कैसे

यमुना के बढ़े जलस्तर से राजधानी दिल्ली के बाद अब आगरा में बाढ़ की स्थिति है. लोग दहशत में हैं, लेकिन यमुना में बाढ़ से ताजमहल को काफी फायदा हो रहा है. आइए जानते हैं कैसे.

taj mahal agra
taj mahal agra
author img

By

Published : Jul 20, 2023, 12:52 PM IST

ताजमहल के पास बाढ़ का पानी

आगराः देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आगरा तक यमुना उफान पर है. आगरा में यमुना खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जिससे तटवर्ती इलाकों बाढ़ वाले हालात हैं. मगर, ताजमहल की दीवार को छूकर कलकल कर रही कालिंदी से ताजमहल की नींव को संजीवनी मिली है. क्योंकि, ताज की बुनियाद दर्जनों कुओं पर टिकी है. इन कुओं में साल, महोगिनी, आबूनस की लकड़ियां लगी हैं, जिन्हें नमी की जरूरत रहती है. नमी से साल, आबनूस, महोगनी की लकड़ी को मजबूती मिलती है. इससे न तो ये लकड़ियां सिकुड़ती हैं और न ही फूलती हैं. आगरा में यमुना का जलस्तर जिताना बढ़ रहा है. उससे ताजमहल की नींव के कुओं की लकड़ी को उतनी ज्यादा नमी मिल रही है. इस नींव के मजबूत होने से ताजमहल की उम्र बढ़ रही है.

गौरतलब है कि मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाया था. यह साल 1632 से बनना शुरू हुआ था और 1653 में बनकर तैयार हुआ था. यमुना किनारे ताजमहल बनाने की खास वजह वास्तुकला थी. क्योंकि, ताजमहल की नींव में कुएं हैं. इन पर इस पूरी इमारत का वजन टिका है. इन कुओं में साल, आबनूस जैसी लकड़ियों के लट्ठे डाले गए थे. इसी से इसकी नींव डालकर कुएं बनाए गए हैं, जिससे उनमें यमुना के पानी की नमी पहुंच सके. वहीं बीते कुछ समय से गर्मी के मौसम में यमुना का पानी ताजमहल से 100 मीटर दूर चला जाता है. इससे ताज की बुनियाद को नमी कम मिलती है.

taj mahal agra
ताजमहल के बढ़ते जलस्तर से ताजमहल की नींव होती है मजबूत

लकड़ी की कराई गई थी जांचः एएसआई में वरिष्ठ संरक्षण सहायक डॉ. आरके दीक्षित ने बताया कि ताजमहल की बुनियाद में कुएं हैं. इनमें साल, महोगिनी और आबूनस की लकड़ियां हैं. जिन्हें नमी की जरूरत रहती है. जब ताजमहल को बनाया जा रहा था, तब उसकी उम्र 400 साल आंकी गई थी. इसके बाद से ताजमहल अब भी उसी तरह खड़ा है. क्योंकि, नींव की लकड़ियों को नमी मिल रही है. उन्होंने बताया कि सिकंदरा स्मारक में बने एक कुंआ में मिली लकड़ी की जांच कराने पर वो 'साल' की निकली थी. इससे ताजमहल की नींव 900 साल तक सुरक्षित रहेगी.

नमी के लिए बाढ़ की जरूरत नहींः एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डाॅ. राजकुमार पटेल ने बताया कि, ताजमहल की नींव में लगी साल की लकड़ी को नमी यमुना के बढ़े जलस्तर से मिल जाती है. इसके बाढ़ आने की जरुरत नहीं है. इसके साथ ही ताजमहल के गार्डन में पानी का इस्तेमाल किया जाता है. वो भी लकड़ियों की नींव को नमी देता है. ताजमहल परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से बारिश का पानी संचित किया जाता है. वो भी खूब लकड़ियों तक नमी पहुंचाने का काम करता है.

इतिहास की किताबों में कुंओं का जिक्रः वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि यमुना का बढ़ा जलस्तर या बाढ़ भले ही जनजीवन के लिए आफत है. मगर, ताजमहल के लिए बहुत मुफीद है. इसकी वजह यह है कि ताजमहल की नींव कुंओं पर आधारित हैं. इन कुओं में लकड़ी है. यमुना जलस्तर बढ़ने से नींव की लकड़ी और मजबूत होंगी. उन्होंने बताया कि आगरा के मशहूर इतिहासकार केके पाण्डेय ने भी अपनी पुस्तक में ताजमहल की नींव में 42 कुएं होने का जिक्र किया है. अन्य इतिहासकार की पुस्तकों में भी ताजमहल की नींव कुओं पर आधारित होना की बात लिखी गई है.

ये भी पढ़ेंः आगरा के लोगों को 35 साल से रबर डैम का इंतजार, 4 बार शिलान्यास के बाद भी नहीं शुरू हो सका काम

ताजमहल के पास बाढ़ का पानी

आगराः देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आगरा तक यमुना उफान पर है. आगरा में यमुना खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जिससे तटवर्ती इलाकों बाढ़ वाले हालात हैं. मगर, ताजमहल की दीवार को छूकर कलकल कर रही कालिंदी से ताजमहल की नींव को संजीवनी मिली है. क्योंकि, ताज की बुनियाद दर्जनों कुओं पर टिकी है. इन कुओं में साल, महोगिनी, आबूनस की लकड़ियां लगी हैं, जिन्हें नमी की जरूरत रहती है. नमी से साल, आबनूस, महोगनी की लकड़ी को मजबूती मिलती है. इससे न तो ये लकड़ियां सिकुड़ती हैं और न ही फूलती हैं. आगरा में यमुना का जलस्तर जिताना बढ़ रहा है. उससे ताजमहल की नींव के कुओं की लकड़ी को उतनी ज्यादा नमी मिल रही है. इस नींव के मजबूत होने से ताजमहल की उम्र बढ़ रही है.

गौरतलब है कि मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाया था. यह साल 1632 से बनना शुरू हुआ था और 1653 में बनकर तैयार हुआ था. यमुना किनारे ताजमहल बनाने की खास वजह वास्तुकला थी. क्योंकि, ताजमहल की नींव में कुएं हैं. इन पर इस पूरी इमारत का वजन टिका है. इन कुओं में साल, आबनूस जैसी लकड़ियों के लट्ठे डाले गए थे. इसी से इसकी नींव डालकर कुएं बनाए गए हैं, जिससे उनमें यमुना के पानी की नमी पहुंच सके. वहीं बीते कुछ समय से गर्मी के मौसम में यमुना का पानी ताजमहल से 100 मीटर दूर चला जाता है. इससे ताज की बुनियाद को नमी कम मिलती है.

taj mahal agra
ताजमहल के बढ़ते जलस्तर से ताजमहल की नींव होती है मजबूत

लकड़ी की कराई गई थी जांचः एएसआई में वरिष्ठ संरक्षण सहायक डॉ. आरके दीक्षित ने बताया कि ताजमहल की बुनियाद में कुएं हैं. इनमें साल, महोगिनी और आबूनस की लकड़ियां हैं. जिन्हें नमी की जरूरत रहती है. जब ताजमहल को बनाया जा रहा था, तब उसकी उम्र 400 साल आंकी गई थी. इसके बाद से ताजमहल अब भी उसी तरह खड़ा है. क्योंकि, नींव की लकड़ियों को नमी मिल रही है. उन्होंने बताया कि सिकंदरा स्मारक में बने एक कुंआ में मिली लकड़ी की जांच कराने पर वो 'साल' की निकली थी. इससे ताजमहल की नींव 900 साल तक सुरक्षित रहेगी.

नमी के लिए बाढ़ की जरूरत नहींः एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डाॅ. राजकुमार पटेल ने बताया कि, ताजमहल की नींव में लगी साल की लकड़ी को नमी यमुना के बढ़े जलस्तर से मिल जाती है. इसके बाढ़ आने की जरुरत नहीं है. इसके साथ ही ताजमहल के गार्डन में पानी का इस्तेमाल किया जाता है. वो भी लकड़ियों की नींव को नमी देता है. ताजमहल परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से बारिश का पानी संचित किया जाता है. वो भी खूब लकड़ियों तक नमी पहुंचाने का काम करता है.

इतिहास की किताबों में कुंओं का जिक्रः वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि यमुना का बढ़ा जलस्तर या बाढ़ भले ही जनजीवन के लिए आफत है. मगर, ताजमहल के लिए बहुत मुफीद है. इसकी वजह यह है कि ताजमहल की नींव कुंओं पर आधारित हैं. इन कुओं में लकड़ी है. यमुना जलस्तर बढ़ने से नींव की लकड़ी और मजबूत होंगी. उन्होंने बताया कि आगरा के मशहूर इतिहासकार केके पाण्डेय ने भी अपनी पुस्तक में ताजमहल की नींव में 42 कुएं होने का जिक्र किया है. अन्य इतिहासकार की पुस्तकों में भी ताजमहल की नींव कुओं पर आधारित होना की बात लिखी गई है.

ये भी पढ़ेंः आगरा के लोगों को 35 साल से रबर डैम का इंतजार, 4 बार शिलान्यास के बाद भी नहीं शुरू हो सका काम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.