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आलू की बंपर पैदावार से किसान खुश, लागत से कम कीमत मिलने पर सरकार से खफा - bumper crop of potatoes

यूपी के आगरा में इस बार आलू की बंपर पैदावार हुई है, जिससे किसान खुश हैं. लेकिन सरकार ने जो एसएसपी तय किया है, वह फसल की लागत से कम होने के कारण निराश हैं.

आगरा में आलू किसान बंपर पैदावार के बाद भी निराश.
आगरा में आलू किसान बंपर पैदावार के बाद भी निराश.
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Published : Mar 14, 2023, 10:45 PM IST

आगरा में आलू किसान बंपर पैदावार के बाद भी निराश.

आगराः आलू की बंपर पैदावार से किसान अपने खेतों से खुश है. मगर, आलू का अच्छा भाव नहीं मिलने से किसान निराश है. आलू किसानों की पीड़ा है कि इस बार आलू के भाव और सरकार की एमएसपी उन्हें कर्जदार बना रही है. सरकार ने आलू की 650 रुपये प्रति कुंतल की एमएसपी जारी करके किसान के घाव पर नमक लगाने का काम किया है. जबकि किसान की प्रति कुंतल लागत 950-1000 रुपये है. आलू की एमएसपी को लेकर किसान एक ओर सरकार से नाराज है तो दूसरी ओर किसान नेता राकेशा टिकैत और सपा मुखिया पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आलू की एमएसपी पर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने अपनी पीड़ा साझा की और सरकार से मांग की है कि आलू की एमएसपी को लागत से ज्यादा घोषित करें.

आलू की खेती में इतनी आती है लागत.
आलू की खेती में इतनी आती है लागत.

बता दें कि यूपी में आगरा आलू की खेती का गढ़ और सबसे बड़ा उत्पादक जिला है. इस बार आगरा में आलू की बंपर पैदावार हुई है. जिससे आलू किसानों के चेहरे पर खुशी गई. लेकिन सरकार की 650 रुपये प्रति कुंतल एमएसपी से किसान दुखी है. क्योंकि, आलू की खेती में प्रति कुंतल 950 से 1000 रुपये की लागत आई है. इसलिए आलू राजा इस बार किसान को रंक बना रहा है.

जानिए आलू का भाव साल दर साल कैसा रहा.
जानिए आलू का भाव साल दर साल कैसा रहा.

किसान कर्जदार और बर्बाद हो गयाः किसान धर्मेंद्र ने बताया कि सरकार ने जो एमएसपी जारी किया है, उससे ज्यादा तो लागत आ रही है. इस एमएसपी से तो किसान बर्बाद हो जाएगा. किसान को आत्महत्या करनी पड़ेगी. बच्चों की पढ़ाई के लिए भी पैसे नहीं है. जबकि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया था. किसान रामचंद्र ने बताया कि, आलू की बंपर पैदावार हुई है. आलू खुदाई में टाइम भी लग रहा है और मजदूरी भी ज्यादा जा रही है. यह बात सब कोई समस्या नहीं है. सबसे बड़ी समस्या एमएसपी कम होना है. इससे किसान बर्बाद हो रहा है और कर्जदार हो रहा है. लेबर ठेकेदार विजय पाल सिंह ने बताया कि जो महिला मजदूर को पहले 250 रुपये मिलते थे. अभी उसे 300 मिल रहे हैं. पुरुषों को 400 रुपये दे रहे हैं. अधिक पैदावार की वजह से काम भी खूब मिल रहा है.

सरकार ने आलू की 650 रुपये प्रति कुंतल की एमएसपी जारी करने से किसान दुखी हैं.
सरकार ने आलू की 650 रुपये प्रति कुंतल की एमएसपी जारी करने से किसान दुखी हैं.

दिल्ली में होगी किसान महापंचायतः भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने बताया कि किसानों की 950 से 1000 रुपये प्रति कुंतल लागत आ रही है. सरकार ने 650 रुपये एमएसपी है. जो किसान के लिए बहुत कम है. इसलिए अब दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन की 20 मार्च को महापंचायत होगी. जिसमें किसानों के हक की बात की जाएगी. आलू का सही मूल्य दिलाने के लिए राकेश टिकैत दिल्ली में महापंचायत कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-Varanasi News: बनारस में पर्यटकों के साथ बढ़ी भिखारियों की संख्या, अब बने परेशानी का सबब

आगरा में आलू किसान बंपर पैदावार के बाद भी निराश.

आगराः आलू की बंपर पैदावार से किसान अपने खेतों से खुश है. मगर, आलू का अच्छा भाव नहीं मिलने से किसान निराश है. आलू किसानों की पीड़ा है कि इस बार आलू के भाव और सरकार की एमएसपी उन्हें कर्जदार बना रही है. सरकार ने आलू की 650 रुपये प्रति कुंतल की एमएसपी जारी करके किसान के घाव पर नमक लगाने का काम किया है. जबकि किसान की प्रति कुंतल लागत 950-1000 रुपये है. आलू की एमएसपी को लेकर किसान एक ओर सरकार से नाराज है तो दूसरी ओर किसान नेता राकेशा टिकैत और सपा मुखिया पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आलू की एमएसपी पर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने अपनी पीड़ा साझा की और सरकार से मांग की है कि आलू की एमएसपी को लागत से ज्यादा घोषित करें.

आलू की खेती में इतनी आती है लागत.
आलू की खेती में इतनी आती है लागत.

बता दें कि यूपी में आगरा आलू की खेती का गढ़ और सबसे बड़ा उत्पादक जिला है. इस बार आगरा में आलू की बंपर पैदावार हुई है. जिससे आलू किसानों के चेहरे पर खुशी गई. लेकिन सरकार की 650 रुपये प्रति कुंतल एमएसपी से किसान दुखी है. क्योंकि, आलू की खेती में प्रति कुंतल 950 से 1000 रुपये की लागत आई है. इसलिए आलू राजा इस बार किसान को रंक बना रहा है.

जानिए आलू का भाव साल दर साल कैसा रहा.
जानिए आलू का भाव साल दर साल कैसा रहा.

किसान कर्जदार और बर्बाद हो गयाः किसान धर्मेंद्र ने बताया कि सरकार ने जो एमएसपी जारी किया है, उससे ज्यादा तो लागत आ रही है. इस एमएसपी से तो किसान बर्बाद हो जाएगा. किसान को आत्महत्या करनी पड़ेगी. बच्चों की पढ़ाई के लिए भी पैसे नहीं है. जबकि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया था. किसान रामचंद्र ने बताया कि, आलू की बंपर पैदावार हुई है. आलू खुदाई में टाइम भी लग रहा है और मजदूरी भी ज्यादा जा रही है. यह बात सब कोई समस्या नहीं है. सबसे बड़ी समस्या एमएसपी कम होना है. इससे किसान बर्बाद हो रहा है और कर्जदार हो रहा है. लेबर ठेकेदार विजय पाल सिंह ने बताया कि जो महिला मजदूर को पहले 250 रुपये मिलते थे. अभी उसे 300 मिल रहे हैं. पुरुषों को 400 रुपये दे रहे हैं. अधिक पैदावार की वजह से काम भी खूब मिल रहा है.

सरकार ने आलू की 650 रुपये प्रति कुंतल की एमएसपी जारी करने से किसान दुखी हैं.
सरकार ने आलू की 650 रुपये प्रति कुंतल की एमएसपी जारी करने से किसान दुखी हैं.

दिल्ली में होगी किसान महापंचायतः भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने बताया कि किसानों की 950 से 1000 रुपये प्रति कुंतल लागत आ रही है. सरकार ने 650 रुपये एमएसपी है. जो किसान के लिए बहुत कम है. इसलिए अब दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन की 20 मार्च को महापंचायत होगी. जिसमें किसानों के हक की बात की जाएगी. आलू का सही मूल्य दिलाने के लिए राकेश टिकैत दिल्ली में महापंचायत कर रहे हैं.

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