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'स्पेशल 26' की तर्ज पर व्यापारियों के ठिकानों पर मारते थे छापा, फिर ऐसे करते थे वसूली

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Published : Jun 7, 2023, 4:32 PM IST

आगरा में फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी, सीबीआई अफसर, दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम बनकर व्यापारियों से ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस की छापेमारी में फर्जी आई कार्ड के साथ 7 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.

आगरा
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आगरा: जनपद की पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर छापा मारकर वसूली करता था. पुलिस ने मंगलवार को सैंया कस्बा में वारदात करने से पहले ही गैंग के 7 सदस्यों को दबोच लिया. सभी आयकर विभाग की टीम बताकर लोगों के यहां पर छापा मारते थे. आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन, फर्जी आईडी कार्ड समेत अन्य सामान भी बरामद किया है.

फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी गिरफ्तारः एसीपी सैंया पीयूषकांत राय ने बताया कि दिल्ली के फर्जी इनकम टैक्स अधिकारियों की टीम के छापा मारने की सूचना मिली थी. इस पर सैंया थाना पुलिस, सर्विलांस टीम ने सैंया चौराहा पर डेरा डाल दिया. पुलिस टीम ने एक सफेद स्कॉर्पियो को रोकने की कोशिश की. जिसके बाद चालक ने गाड़ी तेजी से बढ़ा ली. पुलिस द्वारा पीछा करने पर सभी लोग गाड़ी से निकल कर भागने लगे. जिस पर घेराबंदी करके 7 लोगों को पकड़ लिया गया. पुलिस की पूछताछ में हैरान करने वाली बात निकल सामने आई.


अधिकारी बनकर करते थे वसूली: एसीपी ने बताया कि गिरफ्त में आए सातोंं आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह सभी फिल्म स्पेशल-26 की तरह फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी, सीबीआई अफसर, दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम बनकर उद्यमियों के प्रतिष्ठानों या आवास पर छापा मारते हैं. जहां गड़बड़ी होने की संभावना होती है. वहां पर काला धन होने का आरोप लगाकर ब्लैकमेल करते हैं. जिससे व्यापारी घबरा जाते हैं. हमारे झांसे में आ जाता है और मोटी रकम देता है. व्यापारी से वसूली करके फरार हो जाते हैं. इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं.


पुलिस को भी बताया इनकम टैक्स अधिकारी: एसीपी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में ठगों ने अपना नाम जितेंद्र कुमार, रितेश कुमार, गुलाम हसन, वसीम, वीरू, गुलफाम अली और सुशील कुमार बताया है. इसके साथ ही आरोपियों के पास से फर्जी आईडी कार्ड भी बरामद किया है. पुलिस हिरासत में आए आरोपियों ने पहले खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताया था. पुलिस की सख्ती के बाद ठग वीरू, गुलफाम अली और सुशील ने बताया कि जब कोई उन्हें रोकता या टोकता था तो उन्हें फर्जी आई कार्ड दिखा देते हैं.


हर वारदात पर दूसरी फर्जी आईडीः सैंया थाना के प्रभारी निरीक्षक समरेश सिंह ने बताया कि पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि वह असिस्टेंट कमिश्नर समेत अन्य विभाग के अधिकारियों की फर्जी आईडी गंज डुंडवारा कासगंज निवासी दिनकर मिश्रा उपलब्ध कराता है. हर छापे पर आईडी कार्ड बदली जाती है. जिससे किसी को शक न हो. इसके साथ ही जाकिर नगर दिल्ली निवासी इमरान गिरोह को टारगेट खोज करता है. दिनकर मिश्रा ने सोमवार को फर्जी आईडी उन्हें आगरा में उपलब्ध कराई थी. आईडी का फोटो धुंधली रखते हैं. जिससे उनका चेहरा स्पष्ट नहीं दिखे. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि कितने व्यापारियों के यहां छापा मारकर ठगी की है. गिरोह के दूसरे फरार ठगों की तलाश में भी पुलिस टीम लगी है.

इमरान करता था व्यापारियों की रेकी: रितेश कुमार ने पुलिस को बताया कि आयकर अधिकारियों की फर्जी टीम को कहां छापा मारना होता था. इसकी रेकी इमरान करता था. इमरान उन्हें इनपुट देता था. जिसमें व्यापारी की कमाई, उसकी आय का अनुमान और तमाम बातें बताई जाती थी. इसके बाद इमरान छानबीन कर दो से तीन सप्ताह में व्यापारी की कमाई का पूरी जानकारी जुटाकर देता है. इसी डिटेल्स के आधार पर फर्जी आयकर, जीएसटी या सीबीआई की टीम वहां छापा मारती थी. छापेमारी का पूरा खर्च भी इमरान और दिनकर उठाते हैं.

यह भी पढ़ें- आगरा के हृदय विदारक अग्निकांड में दो मासूम बहनें जिंदा जलीं, छह माह का मासूम भी झुलसा

आगरा: जनपद की पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर छापा मारकर वसूली करता था. पुलिस ने मंगलवार को सैंया कस्बा में वारदात करने से पहले ही गैंग के 7 सदस्यों को दबोच लिया. सभी आयकर विभाग की टीम बताकर लोगों के यहां पर छापा मारते थे. आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन, फर्जी आईडी कार्ड समेत अन्य सामान भी बरामद किया है.

फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी गिरफ्तारः एसीपी सैंया पीयूषकांत राय ने बताया कि दिल्ली के फर्जी इनकम टैक्स अधिकारियों की टीम के छापा मारने की सूचना मिली थी. इस पर सैंया थाना पुलिस, सर्विलांस टीम ने सैंया चौराहा पर डेरा डाल दिया. पुलिस टीम ने एक सफेद स्कॉर्पियो को रोकने की कोशिश की. जिसके बाद चालक ने गाड़ी तेजी से बढ़ा ली. पुलिस द्वारा पीछा करने पर सभी लोग गाड़ी से निकल कर भागने लगे. जिस पर घेराबंदी करके 7 लोगों को पकड़ लिया गया. पुलिस की पूछताछ में हैरान करने वाली बात निकल सामने आई.


अधिकारी बनकर करते थे वसूली: एसीपी ने बताया कि गिरफ्त में आए सातोंं आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह सभी फिल्म स्पेशल-26 की तरह फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी, सीबीआई अफसर, दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम बनकर उद्यमियों के प्रतिष्ठानों या आवास पर छापा मारते हैं. जहां गड़बड़ी होने की संभावना होती है. वहां पर काला धन होने का आरोप लगाकर ब्लैकमेल करते हैं. जिससे व्यापारी घबरा जाते हैं. हमारे झांसे में आ जाता है और मोटी रकम देता है. व्यापारी से वसूली करके फरार हो जाते हैं. इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं.


पुलिस को भी बताया इनकम टैक्स अधिकारी: एसीपी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में ठगों ने अपना नाम जितेंद्र कुमार, रितेश कुमार, गुलाम हसन, वसीम, वीरू, गुलफाम अली और सुशील कुमार बताया है. इसके साथ ही आरोपियों के पास से फर्जी आईडी कार्ड भी बरामद किया है. पुलिस हिरासत में आए आरोपियों ने पहले खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताया था. पुलिस की सख्ती के बाद ठग वीरू, गुलफाम अली और सुशील ने बताया कि जब कोई उन्हें रोकता या टोकता था तो उन्हें फर्जी आई कार्ड दिखा देते हैं.


हर वारदात पर दूसरी फर्जी आईडीः सैंया थाना के प्रभारी निरीक्षक समरेश सिंह ने बताया कि पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि वह असिस्टेंट कमिश्नर समेत अन्य विभाग के अधिकारियों की फर्जी आईडी गंज डुंडवारा कासगंज निवासी दिनकर मिश्रा उपलब्ध कराता है. हर छापे पर आईडी कार्ड बदली जाती है. जिससे किसी को शक न हो. इसके साथ ही जाकिर नगर दिल्ली निवासी इमरान गिरोह को टारगेट खोज करता है. दिनकर मिश्रा ने सोमवार को फर्जी आईडी उन्हें आगरा में उपलब्ध कराई थी. आईडी का फोटो धुंधली रखते हैं. जिससे उनका चेहरा स्पष्ट नहीं दिखे. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि कितने व्यापारियों के यहां छापा मारकर ठगी की है. गिरोह के दूसरे फरार ठगों की तलाश में भी पुलिस टीम लगी है.

इमरान करता था व्यापारियों की रेकी: रितेश कुमार ने पुलिस को बताया कि आयकर अधिकारियों की फर्जी टीम को कहां छापा मारना होता था. इसकी रेकी इमरान करता था. इमरान उन्हें इनपुट देता था. जिसमें व्यापारी की कमाई, उसकी आय का अनुमान और तमाम बातें बताई जाती थी. इसके बाद इमरान छानबीन कर दो से तीन सप्ताह में व्यापारी की कमाई का पूरी जानकारी जुटाकर देता है. इसी डिटेल्स के आधार पर फर्जी आयकर, जीएसटी या सीबीआई की टीम वहां छापा मारती थी. छापेमारी का पूरा खर्च भी इमरान और दिनकर उठाते हैं.

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