आगरा : ताजनगरी में एक बार फिर आवारा कुत्ता के काटने से एक मासूम बच्ची की मौत हो गई. मासूम को 15 दिन पहले गांव में कुत्ता ने काट लिया था. मगर, मासूम के बताने पर भी परिजन ने उसे एआरवी का इंजेक्शन नहीं लगवाया था. उन्होंने गांव में ही कुत्ता काटने पर झांड फूंक कराया था. अचानक शनिवार देर शाम मासूम की तबियत बिगड़ती तो परिजन आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से चिकित्सक ने मासूम की गंभीर हालत देखकर आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. आगरा पहुंचने से पहले ही शनिवार देर रात रास्ते में ही मासूम ने दम तोड़ दिया. पहले भी आगरा में कुत्ता काटने से मासूम की मौत हो चुकी हैं. फिर, भी ग्रामीण क्षेत्र में आज भी किसी के कुत्ता के काटने पर निशुल्क एआरवी लगवाने की अपेक्षा इलाज के नाम पर झाड़ फूंक पर जोर दिया जाता है.
बता दें कि, बाह के गांव चौसिंगी निवासी धर्मेन्द्र की आठ वर्षीय बेटी पूनम की मौत हुई है. करीब 15 दिन पहले मासूम पूनम गांव की एक परचून की दुकान से सामान लेने गई थी. तभी रास्ते में गांव के कुत्तों ने उसे घेर लिया. एक कुत्ता ने उसे काट लिया था. जब लहूलुहान मासूम घर पर पहुंची तो परिजन को कुत्ता के काटने की जानकारी दी. इस पर धर्मेंद्र और उसकी पत्नी निशा ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. निशा ने मासूम पूनम को एआरवी नहीं लगवाए. उसने गांव में ही कुत्ता काटने पर पूनम की झाड़ फूंक कराई थी. जबकि, उसे एआरवी लगवाया जाना बेहद जरूरी था. मगर, परिजन ने ऐसा नहीं किया.
बाह सीएचसी अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि 'मासूम ने घर पर कुत्ता के काटने की परिजन को जानकारी दी थी. लेकिन, परिजन बच्ची को एआरवी लगवाने के लिए अस्पताल नहीं लाए. बल्कि, घर पर ही उसका इलाज किया. जबकि, कुत्ता, बिल्ली और बंदर के काटने पर तत्काल एआरवी लगवाना चाहिए. यह सरकारी अस्पताल में फ्री में लगाया जाता है.'