आगराः अपने वास्तुशिल्प के लिए विश्वविख्यात और दुनिया के सात आश्चर्यों में एक है आगरा में स्थित ताजमहल. इसकी जिस खूबसूरती को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं उस पर खतरा पैदा हो गया है. अब इसके सफेद संगमरमर पत्थर पर हरे, भूरे और काले धब्बे पड़ गए हैं. इन धब्बों की वजह है गोल्डी काइरोनोमस. गोल्डी काइरोनोमस कीड़े के हमले से ताजमहल की खूबसूरती को खतरा पैदा हो गया है.
दरअसल, यमुना के गिरते जलस्तर और बढ़ते प्रदूषण से पानी में फास्फोरस की मात्रा अधिक हो गई है. यही फास्फोरस वाला यमुना का दलदल ताजमहल को बदरंग करने वाले कीड़े गोल्डी काइरोनोमस के लिए संजीवनी है.
किया गया था निरीक्षण
यमुना में प्रदूषण और ताजमहल को लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के पर्यावरणविद अधिवक्ता एमसी मेहता और नीरी के चेयरमैन डॉ. एसके गोयल ने ताजमहल और यमुना का निरीक्षण किया था. दोनों अधिकारियों ने पाया कि ताजमहल के पास यमुना में पानी कम है, इसलिए वहां दलदल बन गया है. इस दलदल और गंदगी से बदबू आती है. इसी दलदल में गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा का कुनबा पनप गया है. जो, लगातार ताजमहल पर अपनी गंदगी छोड़ता है. इससे ताजमहल पर दाग लग रहे हैं.
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डिस्टल वाटर से धुलते हैं ताज के दाग
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि एएसआई की विज्ञान शाखा लगातार ताजमहल की सुंदरता की मॉनिटरिंग करती है. जब भी गोल्डी काइरोनोमस कीड़े की वजह से ताजमहल पर दाग धब्बे पड़ते हैं तो उन्हें डिस्टल वाटर से धो दिया जाता है. अगर हम अभी की बात करें तो मौसम में बदलाव आया है. गर्मी बढ़ रही है. ऐसे में यमुना में पानी कम है. यमुना में दलदल और कीचड़ है. इसमें गोल्डी काइरोनोमस कीड़े की पैदाइश बढ़ जाती है. हर बार इससे निपटने के लिए ताजमहल को डिस्टल वाटर से साफ करते हैं. यह एक रूटीन प्रक्रिया की तरह बन गया है.
यमुना में जाता है नाले का पानी
आगरा में पानी के अभाव में यमुना सिसक रही है. आगरा के छोटे-बड़े 91 नाले हैं. इनमें 29 नाले टैप हैं. बाकी नालों का पानी सीधा यमुना में जाता है. इससे यमुना प्रदूषित हो रही है. इससे यमुना के दलदल में पनपने वाले गोल्डी काइरोनोमस से ताजमहल पर दाग पड़ रहे हैं. वहीं, ताजमहल की नींव भी कमजोर हो रही है.