आगराः जनपद में कोरोना महामारी की वजह से हाईस्कूल और इंटर मीडिएट की यूपी बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को उनके प्री बोर्ड परीक्षाओं के प्रदर्शन के अनुसार अंक प्रतिशत दिए गए थे. जिनमें हजारों की संख्या में छात्रों की मार्कशीट में अंक नही थे.
इस कारण कई छात्रों को शिक्षण संस्थानों ने बिना अंक वाली मार्कशीट पर दाखिला देने से इनकार कर दिया. इसके बाद बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों द्वारा अंको की मांग को लेकर आगरा की सड़कों पर आंदोलन शुरु किया. रविवार को यह आंदोलन विश्वप्रसिद्ध ताजमहल की चौखट तक पहुंच गया और इसकी गूंज विदेश में भी सुनाई देने लगी.
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प्रदेश में कोरोना महामारी की वजह से जनपद में यूपी बोर्ड परिक्षा सत्र 2020-21 में छात्रों को उनके प्री बोर्ड परीक्षाओं के प्रदर्शन के अनुसार अंक प्रतिशत दिया गया था. इनमें आगरा जनपद के करीब 1500 बच्चों की मार्कशीट में अंक नहीं थे. छात्रों की मार्कशीट में सिर्फ प्रमोट लिखा था. इसे लेकर छात्र अन्य स्कूलों में दाखिला लेने पहुंचे, तो शिक्षण संस्थानों ने छात्रों को बिना अंक वाली मार्कशीट पर दाखिला देने से इनकार कर दिया.
इस कारण तमाम छात्रों का भविष्य अंधर में लटक गया. इन छात्रों में से 128 छात्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार से मार्कशीट में संशोधन कराने की गुजारिश की, लेकिन छात्रों की मांग को अनसुना कर दिया गया. हताश 128 छात्रों ने यूपी सरकार के खिलाफ 'मेरी आवाज सुनों' अभियान छेड़ दिया. रविवार को छात्रों का यह आंदोलन सड़क से विश्वप्रसिद्ध ताज महल तक पहुंच गया. यहां छात्रों ने अपनी बात मनवाने के लिए सरकार से गुहार लगाई.
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