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आगरा: पर्यावरण प्रदूषण से निजात दिला रहे ईको फ्रेंडली गणेशा - eco friendly ganesha

उत्तर प्रदेश के आगरा क्रिएटिव क्लब ने एक ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा तैयार किया है, जिसका विसर्जन घर की क्यारी में करने से यमुना प्रदूषण को रोका जा सकता है. साथ ही गणेश विसर्जन के समय शहर में लगने वाले जाम से भी निजात पाई जा सकती है.

शहर में क्रिएटिव क्लब ने किया कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Aug 21, 2019, 8:45 AM IST

आगरा: जिले के क्रिएटिव क्लब ने ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा तैयार किया है, जिनको विसर्जित करने के लिए लोगों को यमुना नदी तक जाने की जरूरत नहीं होगी. लोग इन्हें घर के गार्डन या क्यारियों में विसर्जित कर सकते हैं. साथ ही इससे विसर्जन के दौरान शहर में लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी.

ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा दूर करेंगे पर्यावरण प्रदूषण.

इसे भी पढ़ें :- आगराः यमुना नदी में बढ़ रहा जलस्तर, जल्द बन सकते हैं बाढ़ के हालात

प्रदूषण नियंत्रण में सहायक होंगे गणपति
देहली गेट स्थित होटल गोवर्धन में आगरा क्रिएटिव क्लब ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था. क्लब की सदस्य ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश में भी गणपति जी को घर-घर विराजमान किया जाने लगा है. पीओपी और रासायनिक रंगों से बने गणपति को यमुना में विसर्जित करने से यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है.

ट्री गणेशा लाएंगे हरियाली

गणपति को मिट्टी, गेरू और चूने सहित सिर्फ प्राकृतिक रंगों से बनाया गया है. इन्हें बनाते समय मिट्टी में सीजनल फलों और सब्जियों के बीज डाल दिए जाने के कारण इन्हें ट्रीगणेशा का नाम दिया गया है.

6 इंच से लेकर पांच फीट तक के गणेश जी तैयार किए गए हैं. इनको अपने घर के गार्डन में भी विसर्जित करने से क्यारी की हरियाली बढ़ती है.

इस अवसर पर पिछले वर्ष ट्री गणेशा की सवार्धिक मूर्ति लेने वाली पूनम गोसाई का दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. योगिता शर्मा, श्रवण कुमार, शैलेन्द्र नरवाल, विशाल झा, दीपक राजपूत, अमित कोहली, विपुल खंडेलवाल, रुचि द्विवेदी, रंजन शर्मा उपस्थित रहे.

आगरा: जिले के क्रिएटिव क्लब ने ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा तैयार किया है, जिनको विसर्जित करने के लिए लोगों को यमुना नदी तक जाने की जरूरत नहीं होगी. लोग इन्हें घर के गार्डन या क्यारियों में विसर्जित कर सकते हैं. साथ ही इससे विसर्जन के दौरान शहर में लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी.

ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा दूर करेंगे पर्यावरण प्रदूषण.

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प्रदूषण नियंत्रण में सहायक होंगे गणपति
देहली गेट स्थित होटल गोवर्धन में आगरा क्रिएटिव क्लब ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था. क्लब की सदस्य ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश में भी गणपति जी को घर-घर विराजमान किया जाने लगा है. पीओपी और रासायनिक रंगों से बने गणपति को यमुना में विसर्जित करने से यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है.

ट्री गणेशा लाएंगे हरियाली

गणपति को मिट्टी, गेरू और चूने सहित सिर्फ प्राकृतिक रंगों से बनाया गया है. इन्हें बनाते समय मिट्टी में सीजनल फलों और सब्जियों के बीज डाल दिए जाने के कारण इन्हें ट्रीगणेशा का नाम दिया गया है.

6 इंच से लेकर पांच फीट तक के गणेश जी तैयार किए गए हैं. इनको अपने घर के गार्डन में भी विसर्जित करने से क्यारी की हरियाली बढ़ती है.

इस अवसर पर पिछले वर्ष ट्री गणेशा की सवार्धिक मूर्ति लेने वाली पूनम गोसाई का दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. योगिता शर्मा, श्रवण कुमार, शैलेन्द्र नरवाल, विशाल झा, दीपक राजपूत, अमित कोहली, विपुल खंडेलवाल, रुचि द्विवेदी, रंजन शर्मा उपस्थित रहे.

Intro:आगरा। इस बार आप के एक फोन पर ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा आपके घर आकर विराजमान हो जाएंगे और उनको विसर्जित करने के लिए आपको यमुना नदी तक जाने की जरूरत भी नहीं होगी। इन्हें आप अपने घर के गार्डन या क्यारियों में ही विसर्जित कर पाएंगे और आर्शिवाद स्वरूप गणपति आपके घर में फूल महकाएंगे,मौसमी सब्जियों से आपके घर को हरा-भरा कर देंगे। साथ ही आपको विसर्जन के दौरान शहर भर में लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी।


Body:यह आगरा क्रिएटिव क्लब के प्रयास का नतीजा है। देहली गेट स्थित होटल गोवर्धन में आगरा क्रिएटिव क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जानकारी देते हुए क्लब की ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से उत्तरप्रदेश में भी गणपति जी को घर-घर विराजमान किया जाने लगा है। पीओपी ओर रासायनिक रंगों से बने गणपति को यमुना में विसर्जित करने से पहले से दम तोड़ रही यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। रिवर कनेक्ट अभियान से जुड़े होने के कारण समस्या से निजात पाने के प्रयास में उनके क्लब ने ट्रीगणेशा को तैयार किया। जिन्हें मिट्टी और गेरू व चूने सहित सिर्फ प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इन्हें बनाते समय मिट्टी में सीजनल फलों व सब्जियों के बीज डाल दिए जाते हैं। इन्हें ट्रीगणेशा का नाम दिया गया है। जिनके विसर्जन से घर की क्यारी व गार्डन में हरियाली बढ़ती है और यमुना भी प्रदूषित होने से बच सकती है। 6 इंच से लेकर पांच फीट तक के गणेश जी तैयार किए गए हैं। यमुना में प्रदूषण स्तर कम करने के साथ गणेश विसर्जन से लगने वाले जाम से भी शहर को ट्री गणेशा निजात दिलाएंगे। इस अवसर पर पिछले वर्ष ट्री गणेशा की सवार्धिक मूर्ति लेने वाली पूनम गोसाई का दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. योगिता शर्मा, श्रवण कुमार, शैलेन्द्र नरवाल, विशाल झा, दीपक राजपूत, अमित कोहली, विपुल खंडेलवाल, रुचि द्विवेदी, रंजन शर्मा उपस्थित रहे।


बाईट-डॉ चारु सदस्य क्रिएटिव क्लबConclusion:
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