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Doctor Strike: ओपीडी के साथ इमरजेंसी और ICU में नहीं देंगे जूनियर डॉक्टर्स सेवाएं

आगरा में एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के जूनियर डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार जारी है. नीट पीजी-2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर पहले जूनियर डॉक्टर्स ने ओपोडी में सेवाएं देना बंद किया. अब बुधवार से जूनियर डॉक्टर्स इमरजेंसी और आईसीयू में भी सेवाएं नहीं देंगे. इससे ओपीडी की तरह ही इमरजेंसी आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी.

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Published : Dec 8, 2021, 9:52 AM IST

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के जूनियर डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार जारी है. नीट पीजी-2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर पहले जूनियर डॉक्टर्स ने ओपोडी में सेवाएं देना बंद किया. जिससे मरीजों को परेशानी हुई. अब बुधवार से जूनियर डॉक्टर्स इमरजेंसी और आईसीयू में भी सेवाएं नहीं देंगे. जिससे ओपीडी की तरह ही इमरजेंसी आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को परेशानी होगी. जहां मरीजों को भटकना पड़ेगा. लेकिन, एसएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के चलते डॉक्टर्स, सीनियर रेजिडेंट, संकाय सदस्य, नॉन पीजी जेआर और अन्य लोगों की ड्यूटियां ओपीडी, आईसीयू और इमरजेंसी में लगाई हैं.

दरअसल, नीट पीजी परीक्षा जनवरी-2021 में और काउंसलिंग मई 2021 में होनी थी. जूनियर डॉक्टर्स को प्रथम वर्ष में प्रवेश मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले कोरोना और फिर ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई 6 जनवरी 2022 में होनी है. इसको लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने पहले ओपीडी में सेवाएं देना बंद किया. ओपीडी खुलने पर जूनियर डॉक्टर्स बाहर बैठ जाते थे. अब नीट पीजी की काउंसलिंग कराने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स कोविड अस्पताल के सामने ही बैठ गए हैं.

ओपीडी और आईपीडी के मरीजों की बढ़ेगी मुश्किल

एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने के लिए प्रतिदिन फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा, इटावा, हाथरस, धौलपुर, मुरैना समेत अन्य जिलों के मरीज आते हैं. जो अलग-अलग विभागों में भर्ती भी होते हैं. ओपीडी में करीब 2 हजार मरीज आते हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार करने से ओपीडी, इमरजेंसी और आईसीयू में भर्ती मरीजों की मुश्किलें बढ़ेंगी.

एनआईसीयू और पीआईसीयू में देंगे सेवाएं

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ.अनुपम यादव ने बताया कि, SNMC के बाल रोग विभाग के एनआईसीयू और पीआईसीयू में जूनियर डॉक्टर्स सेवाएं देंगे. यह फैसला बच्चों को परेशानी न हो. इसलिए लिया गया है. यहां चार जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई है. जिसकी जानकारी SNMC के प्राचार्य को दे दी है. वहीं, एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनुराग मोहन ने बताया कि, देशभर के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और रेजीमेंट डॉक्टर एसोसिएशन के मिले निर्देश पर ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी और आईसीयू में सेवाएं नहीं देने का ऐलान किया है. इस बारे में एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अवगत करा दिया गया है.

जरूरत पड़ने पर लेंगे चिकित्सा विभाग के डॉक्टर्स की सेवाएं

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि, जूनियर डॉक्टरों की ओर से इमरजेंसी और आईसीयू में कार्य बहिष्कार करने की सूचना दी है. इसे देख कर सीनियर रेजिडेंट, संकाय सदस्य, नॉन पीजी जेआर, इंटर्न मुख्य रूप से सेवाएं देंगे. इन सभी की ड्यूटियां लगाई गई हैं. इसके साथ ही सहयोग के लिए डीएम एलटी, बी फार्मा और डी फार्मा के छात्रों की भी ड्यूटी लगाई गई है. फिर भी जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जाएंगी.

इसे भी पढे़ं- IMA के डॉक्टरों का देशव्यापी प्रदर्शन, डॉक्टरों को सुरक्षा के लिए बने कानून

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के जूनियर डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार जारी है. नीट पीजी-2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर पहले जूनियर डॉक्टर्स ने ओपोडी में सेवाएं देना बंद किया. जिससे मरीजों को परेशानी हुई. अब बुधवार से जूनियर डॉक्टर्स इमरजेंसी और आईसीयू में भी सेवाएं नहीं देंगे. जिससे ओपीडी की तरह ही इमरजेंसी आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को परेशानी होगी. जहां मरीजों को भटकना पड़ेगा. लेकिन, एसएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के चलते डॉक्टर्स, सीनियर रेजिडेंट, संकाय सदस्य, नॉन पीजी जेआर और अन्य लोगों की ड्यूटियां ओपीडी, आईसीयू और इमरजेंसी में लगाई हैं.

दरअसल, नीट पीजी परीक्षा जनवरी-2021 में और काउंसलिंग मई 2021 में होनी थी. जूनियर डॉक्टर्स को प्रथम वर्ष में प्रवेश मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले कोरोना और फिर ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई 6 जनवरी 2022 में होनी है. इसको लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने पहले ओपीडी में सेवाएं देना बंद किया. ओपीडी खुलने पर जूनियर डॉक्टर्स बाहर बैठ जाते थे. अब नीट पीजी की काउंसलिंग कराने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स कोविड अस्पताल के सामने ही बैठ गए हैं.

ओपीडी और आईपीडी के मरीजों की बढ़ेगी मुश्किल

एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने के लिए प्रतिदिन फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा, इटावा, हाथरस, धौलपुर, मुरैना समेत अन्य जिलों के मरीज आते हैं. जो अलग-अलग विभागों में भर्ती भी होते हैं. ओपीडी में करीब 2 हजार मरीज आते हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार करने से ओपीडी, इमरजेंसी और आईसीयू में भर्ती मरीजों की मुश्किलें बढ़ेंगी.

एनआईसीयू और पीआईसीयू में देंगे सेवाएं

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ.अनुपम यादव ने बताया कि, SNMC के बाल रोग विभाग के एनआईसीयू और पीआईसीयू में जूनियर डॉक्टर्स सेवाएं देंगे. यह फैसला बच्चों को परेशानी न हो. इसलिए लिया गया है. यहां चार जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई है. जिसकी जानकारी SNMC के प्राचार्य को दे दी है. वहीं, एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनुराग मोहन ने बताया कि, देशभर के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और रेजीमेंट डॉक्टर एसोसिएशन के मिले निर्देश पर ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी और आईसीयू में सेवाएं नहीं देने का ऐलान किया है. इस बारे में एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अवगत करा दिया गया है.

जरूरत पड़ने पर लेंगे चिकित्सा विभाग के डॉक्टर्स की सेवाएं

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि, जूनियर डॉक्टरों की ओर से इमरजेंसी और आईसीयू में कार्य बहिष्कार करने की सूचना दी है. इसे देख कर सीनियर रेजिडेंट, संकाय सदस्य, नॉन पीजी जेआर, इंटर्न मुख्य रूप से सेवाएं देंगे. इन सभी की ड्यूटियां लगाई गई हैं. इसके साथ ही सहयोग के लिए डीएम एलटी, बी फार्मा और डी फार्मा के छात्रों की भी ड्यूटी लगाई गई है. फिर भी जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जाएंगी.

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