आगराः एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) में मरीजों को हर बीमारी के इलाज और दर्द की दवा मिल रही है. यहां ओपीडी चल रही हैं तो सर्जरी भी खूब हो रहीं हैं. मगर, एसएनएमसी की खस्ताहाल सड़कों के गड्ढों में एंबुलेंस और मुर्दा वाहन हिचकोले खाते हैं. गड्ढों से बाइक या एंबुलेंस में सवार मरीजों का दर्द और बढ़ जाता है. आए दिन जिम्मेदार अधिकारी एसएनएमसी में बैठकें और निरीक्षण कर रहे हैं. मगर, उखड़ी और क्षतिग्रस्त सड़कों की ओर किसी का ध्यान नहीं है.
कोविड यूनिट तक सड़क छतिग्रस्त
एमजी रोड से जैसे ही आगरा कॉलेज इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सामने से एसएनएमसी की ओर मुड़ते हैं, वैसे ही गड्ढों वाली सड़क शुरू हो जाती है. कोविड यूनिट तक सड़क क्षतिग्रस्त अवस्था में है. कोविड यूनिट से आगे मनोरोग विभाग तक तो सड़क ही गायब है. वहां सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे हैं. जिनसे रोजाना दर्जनों एंबुलेंस गुजरती हैं. कार, ई-रिक्शा, ऑटो और बाइक सवार गुजरते हैं. एंबुलेंस ही नहीं मुर्दा वाहन भी यहां से निकलते हैं. सड़के से सभी वाहन हिचकोले लेते हुए चलते हैं ऐसे में हादसे का डर और मरीजों की तबीयत और खराब होने का भय रहता है.
जिम्मेदार अधिकारी दें ध्यान
तीमारदार रवि का कहना है कि, जितना बड़ा हॉस्पिटल है. उसके हिसाब से यहां का रोड सबसे ज्यादा खराब है. कैंपस परिसर की सड़कें खस्ताहाल हैं. मंत्री और अन्य तमाम जिम्मेदार अधिकारी भी आते हैं. उन्हें भी इस ओर ध्यान देना चाहिए.
गिर जातें हैं दुपहिया से कमजोर मरीज
राहगीर छीतर का कहना है कि सड़क खराब होने से तमाम परेशानियां आती हैं. जरा सी बारिश होने पर सड़क पर पानी भर जाता है. इससे मरीज और तीमारदार दोनों ही परेशान होते हैं. कई बार तो कमजोर मरीज सड़क पर गिर जाते हैं. मरीजों को सड़क से गुजरते समय एंबुलेंस में खूब धक्के लगते हैं.
मरीज को कार में भी लगते हैं झटके
शाहजहांपुर से आए तीमारदार अवधेश यादव का कहना है कि, एसएन मेडिकल कालेज कैंपस की सड़कें बहुत खराब हैं. ऐसी सड़कें हॉस्पिटल में नहीं होनी चाहिए. सड़कें खराब होने से मरीज को गाड़ी में भी खूब झटके लगे हैं.
शासन काे प्रपोजल बनाकर भेजा
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ संजय काला ने बताया कि अक्सर मेडिकल कॉलेज में भारी वाहन जैसे ऑक्सीजन के सिलेंडर की गाड़ियां आती हैं. यातायात का दबाव भी रहता है. इस वजह से सड़कें बहुत जल्दी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इसलिए एक प्रपोजल बनाकर शासन को भेज दिया गया है. उसमें मांग की है कि, एनएमएमसी की सड़कें डामर की जगह सीमेंटेड बनाई जाएं. जिससे सड़कें ज्यादा दिन तक चल सकें. आगरा कमिश्नर को भी एक प्रस्ताव बना कर भेज दिया गया है. शासन और कमिश्नर कार्यालय से मिलने वाले निर्देश के बाद ही सड़कें बनवाई जा सकेंगी.
मंत्री ने दिया है आश्वासन
भले ही सीएम योगी ने प्रदेश भर के सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान छेड़ रखा है. लेकिन, एसएनएमसी में यह अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. एसएनएमसी की बदहाल सड़कें मरीज का मर्ज और दर्द दोनों ही बढ़ा देती हैं. एसएनएमसी के भेजे गए सड़कों के निर्माण के करीब साढ़े चार करोड़ रुपए के प्रपोजल पर यूपी चिकित्सा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी आश्वासन दिया है. मगर, देखना अब यह है कि, एसएनएमसी की सड़कों के जख्म पर मरहम या सड़कों की सर्जरी कब होगी.