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UP के इस विश्वविद्यालय में परिवार की एक बेटी की ट्यूशन फीस होगी माफ, प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला - डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएम मोदी के मिशन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत परिवार की एक बेटी की ट्यूशन फीस माफ करने का फैसला लिया है.

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Published : May 21, 2023, 3:13 PM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति और वित्त समिति ने पीएम मोदी के मिशन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को ध्यान में रखकर एक अहम निर्णय लिया है. अब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में अध्ययनरत दो सगी बहनों में से एक की ट्यूशन फीस माफ होगी. यह निर्णय नए सत्र से लागू हो जाएगा.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति और वित्त समिति की कुलपति प्रो. आशु रानी अध्यक्षता में शनिवार शाम बैठक हुई थी. जिसमें शैक्षिक सत्र 2023-24 में प्रवेश के लिए 25 मई से आवेदन शुरू होने पर मुहर लगी. इसके साथ ही स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए 45 प्रतिशत के साथ स्नातक उत्तीर्ण होना बेहद जरूरी है. विभिन्न प्राधिकारी निकायों की ओर से निर्धारित योग्यता संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए मान्य कर दी गई है.

वेब पंजीकरण की प्रक्रिया सरल: विवि के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि, इस बार प्रवेश के लिए वेब पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है. जिससे विद्यार्थी अपने स्मार्टफोन से भी वेब पंजीकीण की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे. वेब पंजीकरण के दौरान विद्यार्थियों को कोई प्रमाणपत्र अपलोड नहीं करना है.

10 जुलाई से शुरू होगा नया सत्र : कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि, शासन की ओर से निर्धारित आय सीमा के तहत आने वाले परिवार की दो बेटियों में से एक बेटी की ट्यूशन फीस माफ की गई है. इसके साथ ही सरकार की ओर से कर्मचारियों का नियमावली के अनुसार पदनाम परिवर्तन करने की सहमति प्रदान की गई है. हमारी कोशिश है कि, सत्र 2023-24 की कक्षाएं 10 जुलाई से शुरू हो जाएं. क्योंकि, सत्र को पटरी पर लाना है. इसके साथ ही शैक्षणिक पंचांग के अनुरूप सत्र का संचालन करना बेहद जरूरी है.

नई शिक्षा नीति : कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि, विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा के साथ लिखित परीक्षा में भी अलग से पास होना जरूरी है. पाठ्यक्रम पूरा करने की अवधि नई शिक्षा के अनुरूप लागू की जाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पाठ्यक्रम के तहत संचालित एलएलबी छह वर्ष में, बीएएलएलबी आठ वर्ष में, स्नातक कृषि सात वर्ष में विज्ञान, कला व वाणिज्य पाठ्यक्रम के लिए प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर अधिकतम चार वर्ष में तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर अधिकतम तीन वर्ष, पांचवां व छठवां सेमेस्टर अधिकतम तीन वर्ष में उत्तीर्ण करना अनिवार्य है.

यह लोग बैठक में रहे मौजूद : कुलपति प्रो. आशुरानी, प्रतिकुलपति प्रो. अजय तनेजा, डीन अकादमिक प्रो. संजीव कुमार और परीक्षा समिति के अन्य सदस्य के साथ ही वित्त समिति में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. रेखा रानी तिवारी, प्रो. विनीता सिंह, डॉ. विनोद कुमार सिंह, सतेन्द्र कुमार, डॉ. ओम प्रकाश, अनूप केशरवानी समेत अन्य मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: शारदा नहर में आईं 2 डॉल्फिन, वन विभाग और TSA की टीम ने किया रेस्क्यू

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति और वित्त समिति ने पीएम मोदी के मिशन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को ध्यान में रखकर एक अहम निर्णय लिया है. अब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में अध्ययनरत दो सगी बहनों में से एक की ट्यूशन फीस माफ होगी. यह निर्णय नए सत्र से लागू हो जाएगा.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति और वित्त समिति की कुलपति प्रो. आशु रानी अध्यक्षता में शनिवार शाम बैठक हुई थी. जिसमें शैक्षिक सत्र 2023-24 में प्रवेश के लिए 25 मई से आवेदन शुरू होने पर मुहर लगी. इसके साथ ही स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए 45 प्रतिशत के साथ स्नातक उत्तीर्ण होना बेहद जरूरी है. विभिन्न प्राधिकारी निकायों की ओर से निर्धारित योग्यता संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए मान्य कर दी गई है.

वेब पंजीकरण की प्रक्रिया सरल: विवि के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि, इस बार प्रवेश के लिए वेब पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है. जिससे विद्यार्थी अपने स्मार्टफोन से भी वेब पंजीकीण की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे. वेब पंजीकरण के दौरान विद्यार्थियों को कोई प्रमाणपत्र अपलोड नहीं करना है.

10 जुलाई से शुरू होगा नया सत्र : कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि, शासन की ओर से निर्धारित आय सीमा के तहत आने वाले परिवार की दो बेटियों में से एक बेटी की ट्यूशन फीस माफ की गई है. इसके साथ ही सरकार की ओर से कर्मचारियों का नियमावली के अनुसार पदनाम परिवर्तन करने की सहमति प्रदान की गई है. हमारी कोशिश है कि, सत्र 2023-24 की कक्षाएं 10 जुलाई से शुरू हो जाएं. क्योंकि, सत्र को पटरी पर लाना है. इसके साथ ही शैक्षणिक पंचांग के अनुरूप सत्र का संचालन करना बेहद जरूरी है.

नई शिक्षा नीति : कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि, विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा के साथ लिखित परीक्षा में भी अलग से पास होना जरूरी है. पाठ्यक्रम पूरा करने की अवधि नई शिक्षा के अनुरूप लागू की जाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पाठ्यक्रम के तहत संचालित एलएलबी छह वर्ष में, बीएएलएलबी आठ वर्ष में, स्नातक कृषि सात वर्ष में विज्ञान, कला व वाणिज्य पाठ्यक्रम के लिए प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर अधिकतम चार वर्ष में तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर अधिकतम तीन वर्ष, पांचवां व छठवां सेमेस्टर अधिकतम तीन वर्ष में उत्तीर्ण करना अनिवार्य है.

यह लोग बैठक में रहे मौजूद : कुलपति प्रो. आशुरानी, प्रतिकुलपति प्रो. अजय तनेजा, डीन अकादमिक प्रो. संजीव कुमार और परीक्षा समिति के अन्य सदस्य के साथ ही वित्त समिति में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. रेखा रानी तिवारी, प्रो. विनीता सिंह, डॉ. विनोद कुमार सिंह, सतेन्द्र कुमार, डॉ. ओम प्रकाश, अनूप केशरवानी समेत अन्य मौजूद रहे.

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