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डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड: तीन दिन की रिमांड पर रहेगा हत्यारा डॉ. विवेक तिवारी

यूपी के आगरा स्थित एसएन मेडिकल काॅलेज की जूनियर डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या में आरोपित डॉ. विवेक तिवारी की पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकृत कर ली गई है. विवेक मंगलवार शाम चार बजे से शुक्रवार शाम चार बजे तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगा.

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डॉ. योगिता गौतम का हत्यारा डॉ. विवेक तिवारी .
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Published : Aug 24, 2020, 10:42 PM IST

आगरा: एसएन मेडिकल काॅलेज की जूनियर डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में आरोपी डॉ. विवेक तिवारी की तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकार कर ली गई है. सोमवार को विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने पुलिस की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी स्वीकार करते हुए रिमांड के आदेश दिए हैं, जिसके तहत अब डॉ. विवेक मंगलवार शाम चार बजे से शुक्रवार शाम चार बजे तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगा. पुलिस अब डॉ. विवेक तिवारी की निशानदेही पर डॉ. योगिता गौतम की हत्या का पूरा सीन रीक्रिएट करेगी.

बता दें कि 18 अगस्त की रात एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉ. योगिता गौतम की सीनियर डॉ. विवेक तिवारी ने गोली मारकर और गला दबाकर हत्या कर दी थी. इतना ही नहीं आरोपी ने डॉ. योगिता के शरीर पर चाकू भी मारे थे. 19 अगस्त की सुबह डॉ. योगिता गौतम का शव डौकी थाना क्षेत्र स्थित बमरौली कटारा में सुनसान सड़क पर मिला था. शव के ऊपर लकड़ियां रखी हुईं थी. डॉ. विवेक ने खुलासा किया था कि शव की पहचान न हो, इसलिए योगिता का शव भी फूंकना चाहता था. 19 अगस्त की देर शाम डॉ. योगिता गौतम की शिनाख्त हुई, जबकि एमएम गेट पुलिस ने 19 अगस्त की दोपहर ही डॉ. योगिता गौतम के परिजनों की शिकायत पर डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण की एफआईआर दर्ज की थी. बाद में पुलिस ने जालौन पुलिस की मदद से डॉ. विवेक तिवारी को 19 अगस्त की देर रात दबोच लिया था.

डॉ. विवेक ने पुलिस हिरासत में कबूला कि उसने गला दबाकर और चाकू से प्रहार कर डॉ. योगिता की हत्या की थी. दोनों की सात साल पुरानी दोस्ती थी. वो शादी भी करना चाहते थे, मगर अब डॉ. योगिता गौतम शादी का दबाव बना रही थी. इसलिए वह डॉ. योगिता गौतम से मिलने उरई (जालौन) से आगरा आया था. कार में बैठकर दोनों में विवाद हुआ और मैंने हत्या कर दी. मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि डॉ. योगिता गौतम को तीन गोलियां भी मारी गई थीं. डॉ. विवेक लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा था. इसलिए पुलिस ने फिर से डॉ. विवेक को रिमांड पर लिया है. पुलिस अब डॉ. विवेक की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रिवॉल्वर, खून से सने कपड़े और डॉ. योगिता का फोन बरामद करना चाहती है.

एसएसआइ गंगा प्रसाद का हुआ तबादला
डॉ. योगिता की हत्या के बाद शिनाख्त में लापरवाही बरतने पर एसएसपी ने एडीजी अजय आनंद के निर्देश पर एमएम गेट थाने का चार्ज संभाल रहे एसएसआइ गंगा प्रसाद को तबादला कर दिया गया है. हालांकि उन पर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है. गंगा प्रसाद को बाह थाने में एसएसआई बनाया गया है. डॉ. योगिता का शव गत बुधवार को सुबह बमरौली कटारा से बरामद किया गया था. डौकी पुलिस ने शिनाख्त के पूरे प्रयास किए. पुलिस के ग्रुप पर भी फोटो पाेस्ट किया गया. डीसीआरबी से लापता युवतियों का डाटा लिया गया. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि एमएम थाने में पहुंचने के बाद भी उनका मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही बरती गई.

डॉ. योगिता गौतम मर्डर केस में पुलिस कोई छोटी से भी छोटी चूक नहीं करना चाहती है, जिसका फायदा कोर्ट में आरोपित डॉ. विवेक तिवारी को मिल पाए. वहींं पुलिस इस पहलू पर भी छानबीन कर रही है कि डॉ. विवेक का डॉ. योगिता गौतम की हत्या में किसी तीसरे ने साथ तो नहीं दिया.

आगरा: एसएन मेडिकल काॅलेज की जूनियर डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में आरोपी डॉ. विवेक तिवारी की तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकार कर ली गई है. सोमवार को विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने पुलिस की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी स्वीकार करते हुए रिमांड के आदेश दिए हैं, जिसके तहत अब डॉ. विवेक मंगलवार शाम चार बजे से शुक्रवार शाम चार बजे तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगा. पुलिस अब डॉ. विवेक तिवारी की निशानदेही पर डॉ. योगिता गौतम की हत्या का पूरा सीन रीक्रिएट करेगी.

बता दें कि 18 अगस्त की रात एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉ. योगिता गौतम की सीनियर डॉ. विवेक तिवारी ने गोली मारकर और गला दबाकर हत्या कर दी थी. इतना ही नहीं आरोपी ने डॉ. योगिता के शरीर पर चाकू भी मारे थे. 19 अगस्त की सुबह डॉ. योगिता गौतम का शव डौकी थाना क्षेत्र स्थित बमरौली कटारा में सुनसान सड़क पर मिला था. शव के ऊपर लकड़ियां रखी हुईं थी. डॉ. विवेक ने खुलासा किया था कि शव की पहचान न हो, इसलिए योगिता का शव भी फूंकना चाहता था. 19 अगस्त की देर शाम डॉ. योगिता गौतम की शिनाख्त हुई, जबकि एमएम गेट पुलिस ने 19 अगस्त की दोपहर ही डॉ. योगिता गौतम के परिजनों की शिकायत पर डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण की एफआईआर दर्ज की थी. बाद में पुलिस ने जालौन पुलिस की मदद से डॉ. विवेक तिवारी को 19 अगस्त की देर रात दबोच लिया था.

डॉ. विवेक ने पुलिस हिरासत में कबूला कि उसने गला दबाकर और चाकू से प्रहार कर डॉ. योगिता की हत्या की थी. दोनों की सात साल पुरानी दोस्ती थी. वो शादी भी करना चाहते थे, मगर अब डॉ. योगिता गौतम शादी का दबाव बना रही थी. इसलिए वह डॉ. योगिता गौतम से मिलने उरई (जालौन) से आगरा आया था. कार में बैठकर दोनों में विवाद हुआ और मैंने हत्या कर दी. मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि डॉ. योगिता गौतम को तीन गोलियां भी मारी गई थीं. डॉ. विवेक लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा था. इसलिए पुलिस ने फिर से डॉ. विवेक को रिमांड पर लिया है. पुलिस अब डॉ. विवेक की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रिवॉल्वर, खून से सने कपड़े और डॉ. योगिता का फोन बरामद करना चाहती है.

एसएसआइ गंगा प्रसाद का हुआ तबादला
डॉ. योगिता की हत्या के बाद शिनाख्त में लापरवाही बरतने पर एसएसपी ने एडीजी अजय आनंद के निर्देश पर एमएम गेट थाने का चार्ज संभाल रहे एसएसआइ गंगा प्रसाद को तबादला कर दिया गया है. हालांकि उन पर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है. गंगा प्रसाद को बाह थाने में एसएसआई बनाया गया है. डॉ. योगिता का शव गत बुधवार को सुबह बमरौली कटारा से बरामद किया गया था. डौकी पुलिस ने शिनाख्त के पूरे प्रयास किए. पुलिस के ग्रुप पर भी फोटो पाेस्ट किया गया. डीसीआरबी से लापता युवतियों का डाटा लिया गया. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि एमएम थाने में पहुंचने के बाद भी उनका मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही बरती गई.

डॉ. योगिता गौतम मर्डर केस में पुलिस कोई छोटी से भी छोटी चूक नहीं करना चाहती है, जिसका फायदा कोर्ट में आरोपित डॉ. विवेक तिवारी को मिल पाए. वहींं पुलिस इस पहलू पर भी छानबीन कर रही है कि डॉ. विवेक का डॉ. योगिता गौतम की हत्या में किसी तीसरे ने साथ तो नहीं दिया.

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