आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में लेखपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पीड़ित का एक और वीडियो सामने आया है. वीडियो में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाला युवक 24 घंटे में ही अपने बयानों से पलट गया. वीडियो में उसका कहना है कि उसे गुमराह किया गया था. इसके लिए उसने पुलिस को एक पत्र भी सौंपा है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
लेखपाल के खिलाफ किया गया गुमराह
आगरा में रिश्वतखोर लेखपाल के खिलाप मोर्चा खोलने वाले उमेश राणा का एक वीडियो फिर सोशल मीडिया पर सामने आया हैं. यह वीडियो प्रशासनिक खेमे में चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल लेखपाल भीमसेन चौधरी पर खतौनी की गड़बड़ी को ठीक करने के एवज में 10 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाने वाले उमेश राणा ने अपने ही आरोपों का खंडन किया है. वीडियो के माध्यम से उमेश का कहना है कि गुमराह कर उसे लेखपाल भीमसेन चौधरी के विरुद्ध रिश्वतखोरी का आरोप लगवाया गया था. वह अपने ही आरोपों का खंडन कर शाहगंज पुलिस को एक पत्र भी सौंपा दिया है.
बता दें कि पीड़ित के मात्र 24 घंटे के अंदर बयान बदलने की थ्योरी किसी के गले नहीं उतर रही हैं. इस मामलें में लेखपाल भीमसेन चौधरी के विरुद्ध पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट का मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है. वहीं, कार से 10 लाख का कैश बरामद होने पर डीएम के आदेश पर लेखपाल भीमसेन चौधरी को निलंबित कर विभागीय जांच की संस्तुति भी की गई है.
लेखपाल का राजनीतिक गलियारों में है पहुंच
पीड़ित के बयान बदलने के बाद लोग तरह-तरह से कयास लगा रहे हैं. कोई लेखपाल के राजनीतिक रसूख की बात कह रहा है तो कोई लेखपाल को फंसा कर रुपये ऐंठने का आरोप लगा रहा है, लेकिन अचानक मामलें में आया नया मोड़ हर किसी के गले नहीं उतर रहा है. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अब बयान देने से भी बच रहे हैं. जिससे आरोपी लेखपाल भीमसेन चौधरी की मुश्किलें कम होती दिखाई दे रही हैं.
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