आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा से रिश्वतखोरी का एक मामला सामने आया है. यहां सदर तहसील में कार्यरत एक लेखपाल पर खतौनी में नाम बदलने के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. पीड़ित की शिकायत पर पहुंची पुलिस को देखकर लेखपाल फरार हो गया. पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
पूरा मामला आगरा सदर तहसील का है. यहां बमरौली कटारा निवासी उमेश राणा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उसके परिचित के एक किसान का खतौनी में नाम गलत था. उसे ठीक कराने के लिए वह लेखपाल भीमसेन चौधरी के पास पहुंचा. यहां लेखपाल ने उससे नाम सही करने के नाम पर 10 लाख रुपये की मांग की. इसके बाद वह पैसे एकत्र कर लेखपाल को बुधवार को रिश्वत के 10 लाख रुपये सौंप दिए . यहां लेखपाल ने उससे 10 लाख रुपये रिश्वत लेकर अपनी कार की डिग्गी में रख सदर तहसील की ओर रवाना हो गए.
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह लेखपाल का पीछा करते हुए शाहगंज पुलिस, आयकर विभाग सहित विजिलेंस टीम को सूचनाएं दी, लेकिन सभी एक-दूसरे पर कार्रवाई करने की बहाना बनाने लगे. इस दौरान वह शाहगंज इंस्पेक्टर को देखकर मामले की जानकारी दी. यहां तहसील परिसर के बाहर इंस्पेक्टर को देखकर लेखपाल मौके से फरार हो गया. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि गाड़ी में उसके द्वारा दिए गए 10 लाख रुपये रखे हुए हैं. गाड़ी लॉक होने की वजह से पुलिस जांच पड़ताल कर रही है, वहीं लेखपाल मौके से फरार हो गया है.
इस मामले में एसीपी हरीपर्वत मयंक तिवारी ने बताया कि पीड़ित के लिखित शिकायत पर आरोपी लेखपाल के खिलाफ थाना शाहगंज में भ्रष्टाचार निवारण की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. लेखपाल की कार को थाना शाहगंज में सीसीटीवी की निगरानी में खड़ा कराया गया है. विजिलेंस सहित उच्च अधिकारियों की देखरेख में कार को खोला जाएगा. शिकायतकर्ता ने आरोपी लेखपाल से जुड़ी एक वीडियो भी साक्ष्य के रूप में दी है. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.
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