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ब्लैकमेल कर रंगदारी मामले में पुलिस की विवेचना से परेशान महिला चिकित्सक, बोली- आज कमिश्नर से मिलूंगी - आगरा चिकित्सक रंगदारी

आगरा की महिला चिकित्सक की अश्लील फोटो खींचकर रंगदारी (female doctor blackmailing case) मांगने का मामला सामने आया था. मामले में कुख्यात सुधीर सिंह भदौरिया समेत छह पर मुकदमा दर्ज हुआ था. आरोपी पक्ष के प्रार्थना पत्र पर फिर से विवेचना हो रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 4, 2024, 10:55 AM IST

आगरा : महिला चिकित्सक ने बेहोश कर अश्लील फोटो खींचकर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. साल 2022 में हुई यह घटना काफी सुर्खियों में रही थी. मामले में फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कुख्यात सुधीर सिंह भदौरिया समेत छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. बाद में विवेचना में पुलिस ने एक का नाम निकाल दिया था. पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए. हाईकोर्ट से भी आरोपियों को राहत नहीं मिली. अब आरोपी पक्ष के प्रार्थना पत्र पर अग्रिम विवेचना हो रही है. महिला चिकित्सक का आरोप है कि विवेचक उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. वह आज इस मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर से मिलेंगी.

छह आरोपियों के खिलाफ दाखिल की थी चार्चशीट : शाहगंज थाने में महिला डॉक्टर की तहरीर पर कुख्यात सुधीर के अलावा उसके बड़े भाई महेश कुमार सिंह, वंदना उर्फ गौरी सिंह, ममता सिंह, रेनू सिंह और सुमन को नामजद किया गया था. पुलिस ने 23 नवंबर 2022 को छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की. विवेचना में एक नाम निकाला गया था. मुकदमे में महेश कुमार सिंह मुख्य आरोपी था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा दिया था. मुकदमे में अश्लील फोटो वायरल का भी आरोप लगाया था. पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा बढ़ाई थी.

सीएम पोर्टल पर पुलिस की शिकायत : पीड़ित महिला डॉक्टर की ओर से सीएम पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार पुलिस कुख्यात सुधीर सिंह भदौरिया के प्रभाव में है. पुलिस अब अग्रिम विवेचना कर रही है. विवेचक मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. जबकि, मेरे मुकदमे में चार्जशीट तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने लगवाई थी. उसकी कानूनी लड़ाई एक कुख्यात और उसके परिवारीजनों से है. पूर्व में उसे सुरक्षा दी गई थी. बाद में यह हटा ली गई. इससे उनकी जान को खतरा है. पुलिस की पहली जांच से मैं संतुष्ट थीं. अग्रिम जांच के लिए कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया था, इसलिए आरोपियों को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी. वहीं पीड़िता ने आज मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात करने की बात कही है.

हिस्ट्रीशीटर है सुधीर : सुधीर सिंह भदौरिया कोई मामूली अपराधी नहीं है. वह शाहगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ हत्या, लूट और अपहरण के कई मुकदमे दर्ज हैं. उसके गैंग ने लखनऊ में खुनखुन जी ज्वैलर्स की दुकान लूटी थी. खंडवा (मध्य प्रदेश) से सर्राफ का अपहरण का पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी. फरीदाबाद में जब पकड़ा गया तो गैंग के पास एके 47 और विदेशी हथियार मिले थे.

एसीपी छाता की रिपोर्ट पर अग्रिम विवेचना : मामले में आरोपी पक्ष से गौरी सिंह ने अग्रिम विवेचना के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. इस पर तत्कालीन डीसीपी सिटी ने एसीपी छाता को 22 जून 2023 को मामले की जांच सौंपी. एसीपी छाता ने 30 जून को अपनी जांच रिपोर्ट दी. इसमें अग्रिम विवेचना की संस्तुति की. इसके चलते कुख्यात सुधीर सिंह के चक्कर में एसीपी छाता के खिलाफ पूर्व में भी कार्रवाई हो चुकी है. सन 2004 में आरके सिंह एसओ सिकंदरा थे. सुधीर सिंह के गैंग ने एक घर में अपना अड्डा बना रखा था. अचानक पुलिस वहां पहुंची थी. तब गोलियां भी चली थीं. इसमें सिपाही संतोष यादव मारा गया था. इस पर तत्कालीन एसएसपी आशुतोष पांडेय ने तत्कालीन एसओ सिकंदरा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी.

वीडियो वायरल होने पर दर्ज हुआ था मुकदमा : महिला डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो वायरल करके मुख्यमंत्री से कार्रवाई की गुहार लगाई थी. उस समय मामला लखनऊ तक पहुंचा था. शाहगंज थाने में महिला डॉक्टर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें : कासगंज में पशुओं के लेकर झगड़े में फायरिंग, सूचना पर पहुंचे इंस्पेक्टर को लगी गोली

आगरा : महिला चिकित्सक ने बेहोश कर अश्लील फोटो खींचकर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. साल 2022 में हुई यह घटना काफी सुर्खियों में रही थी. मामले में फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कुख्यात सुधीर सिंह भदौरिया समेत छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. बाद में विवेचना में पुलिस ने एक का नाम निकाल दिया था. पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए. हाईकोर्ट से भी आरोपियों को राहत नहीं मिली. अब आरोपी पक्ष के प्रार्थना पत्र पर अग्रिम विवेचना हो रही है. महिला चिकित्सक का आरोप है कि विवेचक उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. वह आज इस मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर से मिलेंगी.

छह आरोपियों के खिलाफ दाखिल की थी चार्चशीट : शाहगंज थाने में महिला डॉक्टर की तहरीर पर कुख्यात सुधीर के अलावा उसके बड़े भाई महेश कुमार सिंह, वंदना उर्फ गौरी सिंह, ममता सिंह, रेनू सिंह और सुमन को नामजद किया गया था. पुलिस ने 23 नवंबर 2022 को छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की. विवेचना में एक नाम निकाला गया था. मुकदमे में महेश कुमार सिंह मुख्य आरोपी था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा दिया था. मुकदमे में अश्लील फोटो वायरल का भी आरोप लगाया था. पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा बढ़ाई थी.

सीएम पोर्टल पर पुलिस की शिकायत : पीड़ित महिला डॉक्टर की ओर से सीएम पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार पुलिस कुख्यात सुधीर सिंह भदौरिया के प्रभाव में है. पुलिस अब अग्रिम विवेचना कर रही है. विवेचक मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. जबकि, मेरे मुकदमे में चार्जशीट तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने लगवाई थी. उसकी कानूनी लड़ाई एक कुख्यात और उसके परिवारीजनों से है. पूर्व में उसे सुरक्षा दी गई थी. बाद में यह हटा ली गई. इससे उनकी जान को खतरा है. पुलिस की पहली जांच से मैं संतुष्ट थीं. अग्रिम जांच के लिए कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया था, इसलिए आरोपियों को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी. वहीं पीड़िता ने आज मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात करने की बात कही है.

हिस्ट्रीशीटर है सुधीर : सुधीर सिंह भदौरिया कोई मामूली अपराधी नहीं है. वह शाहगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ हत्या, लूट और अपहरण के कई मुकदमे दर्ज हैं. उसके गैंग ने लखनऊ में खुनखुन जी ज्वैलर्स की दुकान लूटी थी. खंडवा (मध्य प्रदेश) से सर्राफ का अपहरण का पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी. फरीदाबाद में जब पकड़ा गया तो गैंग के पास एके 47 और विदेशी हथियार मिले थे.

एसीपी छाता की रिपोर्ट पर अग्रिम विवेचना : मामले में आरोपी पक्ष से गौरी सिंह ने अग्रिम विवेचना के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. इस पर तत्कालीन डीसीपी सिटी ने एसीपी छाता को 22 जून 2023 को मामले की जांच सौंपी. एसीपी छाता ने 30 जून को अपनी जांच रिपोर्ट दी. इसमें अग्रिम विवेचना की संस्तुति की. इसके चलते कुख्यात सुधीर सिंह के चक्कर में एसीपी छाता के खिलाफ पूर्व में भी कार्रवाई हो चुकी है. सन 2004 में आरके सिंह एसओ सिकंदरा थे. सुधीर सिंह के गैंग ने एक घर में अपना अड्डा बना रखा था. अचानक पुलिस वहां पहुंची थी. तब गोलियां भी चली थीं. इसमें सिपाही संतोष यादव मारा गया था. इस पर तत्कालीन एसएसपी आशुतोष पांडेय ने तत्कालीन एसओ सिकंदरा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी.

वीडियो वायरल होने पर दर्ज हुआ था मुकदमा : महिला डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो वायरल करके मुख्यमंत्री से कार्रवाई की गुहार लगाई थी. उस समय मामला लखनऊ तक पहुंचा था. शाहगंज थाने में महिला डॉक्टर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था.

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