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Agra News: साइबर क्रिमिनल ने टोल कंपनी के खाते से पार किए 5.53 लाख रुपये, ऐसे लगाया चूना - debit card clone

आगरा में साइबर ठगों (Cyber Fraud in Agra) द्वारा टोल कंपनी के बैंक खाते से लाखों रुपये ठगी करने का मामला सामने आया है. पुलिस के अनुसार ठगों ने डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर वारदात को अंजाम दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 11:39 AM IST

आगरा: ताजनगरी में मददगार बनकर साइबर क्रिमिनल ने एक टोल कंपनी के बैंक खातों से लाखों रुपये पार कर दिए. एटीएम केबिन में साइबर क्रिमिनल ने साजिश के तहत पहले एटीएम में गड़बड़ी कर डेबिट कार्ड फंसा दिया. इसके बाद टोल फ्री नंबर कहकर अपने ही साथी से बात कराकर लाखों रुपये ठग लिए. इस बारे में ताजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया कि डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर रकम निकालने की आंशका जताई जा रही है. इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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आगरा में साइबर ठगी.

एटीम के अंदर हुई ठगी
जनपद के शहीद नगर निवासी विनीत शर्मा ने सदर थाना पुलिस को सूचना दी कि वह एक टोल कंपनी में नौकरी करता है. टोल कंपनी का चालू खाता सिकंदरा बोदला मार्ग स्थित आईसीआईसीआई बैंक की शाखा में है. एक अक्टूबर 2023 की दोपहर वह अपने बहनोई हेमेंद्र वशिष्ठ को ताजगंज थाना क्षेत्र की राजपुर चुंगी स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम से रुपये निकालने के लिए भेजा था. रुपये निकालते समय एटीएम मशीन में डेबिट कार्ड फंस गया था. इस दौरान एटीएम केबिन में एक युवक आया. उसने कार्ड निकालने में उसकी मदद की.

34 बार में निकाले रुपये
विनीत शर्मा ने पुलिस को बताया कि इस बीच युवक ने केबिन में नोटिस बोर्ड पर पेन से लिखे हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर उसकी बात एक अन्य युवक से कराई. इस पर मोबाइल पर बात करने वाले ने खुद को बैंक का ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बताकर उसे विश्वास में लिया. इसके बाद विश्वास में लेकर उसने उसका ओटीपी भी पूछ लिया. जिससे कुछ देर बाद ही उनका कार्ड बाहर आ गया. इसके बाद हेमेंद्र वशिष्ठ कार्ड लेकर अपने घर चले गए. घर पहुंचने पर उनके पास मैसेज आया कि अपके खाते से 34 बार में 5 लाख 53 हजार रुपये निकाले गए हैं. इसके बाद उन्होंने साइबर सेल और थाना ताजगंज पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

क्लोन डेबिट कार्ड बनाकर धोखाधड़ी की आशंका
ताजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया कि, कार्ड पीड़ित के पास ही है. आशंका है कि डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर रुपये निकाले गए हैं. यह भी आशंका है कि, साइबर क्रिमिनल ने एटीएम मशीन में स्कीमर लगाकर यह घटना की है. मददगार बने साइबर क्रिमिनल ने एटीएम केबिन में अपने फोन से हेमेंद्र वशिष्ठ की बात भी कराई थी. तब उसे एटीएम मशीन में कार्ड लगाने वाली जगह के नीचे लगे बटन को दबाने और डिलीट का बटन दबाने के लिए कहा. इसके साथ ही पिन नंबर भी दो बार एंटर कराया था. तभी कार्ड बाहर आया था.

एटीएम मशीन में गड़बड़ी करके वारदात को दिया अंजाम
ताजगंज थाना प्रभारी ने बताया कि आशंका है कि, एटीएम मशीन में गड़बड़ी करके साइबर क्रिमिनल ने वारदात को अंजाम दिया है. साइबर क्रिमिनल ने टोल कंपनी के बैंक खाता से जो रकम निकली है. उसमें ज्यादातर पेट्रोल पंप से कैश कराई गई थी. कुछ रकम एटीएम से भी निकाली गई है. एटीएम केबिन में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी की पहचान की जा रही है. इसके साथ ही जिन-जिन पेट्रोल पंपों से रुपये लिए गए हैं. वहां से भी जानकारी जुटाई जा रही है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


यह भी पढ़ें- क्रिकेट वर्ल्ड कप से पहले साइबर ठगों के निशाने पर थे 15 लाख भारतीय, गेमिंग ऐप के जरिए कर रहे थे ठगी

यह भी पढ़ें- करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चार सदस्य गिरफ्तार

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आगरा में साइबर ठगी.

एटीम के अंदर हुई ठगी
जनपद के शहीद नगर निवासी विनीत शर्मा ने सदर थाना पुलिस को सूचना दी कि वह एक टोल कंपनी में नौकरी करता है. टोल कंपनी का चालू खाता सिकंदरा बोदला मार्ग स्थित आईसीआईसीआई बैंक की शाखा में है. एक अक्टूबर 2023 की दोपहर वह अपने बहनोई हेमेंद्र वशिष्ठ को ताजगंज थाना क्षेत्र की राजपुर चुंगी स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम से रुपये निकालने के लिए भेजा था. रुपये निकालते समय एटीएम मशीन में डेबिट कार्ड फंस गया था. इस दौरान एटीएम केबिन में एक युवक आया. उसने कार्ड निकालने में उसकी मदद की.

34 बार में निकाले रुपये
विनीत शर्मा ने पुलिस को बताया कि इस बीच युवक ने केबिन में नोटिस बोर्ड पर पेन से लिखे हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर उसकी बात एक अन्य युवक से कराई. इस पर मोबाइल पर बात करने वाले ने खुद को बैंक का ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बताकर उसे विश्वास में लिया. इसके बाद विश्वास में लेकर उसने उसका ओटीपी भी पूछ लिया. जिससे कुछ देर बाद ही उनका कार्ड बाहर आ गया. इसके बाद हेमेंद्र वशिष्ठ कार्ड लेकर अपने घर चले गए. घर पहुंचने पर उनके पास मैसेज आया कि अपके खाते से 34 बार में 5 लाख 53 हजार रुपये निकाले गए हैं. इसके बाद उन्होंने साइबर सेल और थाना ताजगंज पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

क्लोन डेबिट कार्ड बनाकर धोखाधड़ी की आशंका
ताजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया कि, कार्ड पीड़ित के पास ही है. आशंका है कि डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर रुपये निकाले गए हैं. यह भी आशंका है कि, साइबर क्रिमिनल ने एटीएम मशीन में स्कीमर लगाकर यह घटना की है. मददगार बने साइबर क्रिमिनल ने एटीएम केबिन में अपने फोन से हेमेंद्र वशिष्ठ की बात भी कराई थी. तब उसे एटीएम मशीन में कार्ड लगाने वाली जगह के नीचे लगे बटन को दबाने और डिलीट का बटन दबाने के लिए कहा. इसके साथ ही पिन नंबर भी दो बार एंटर कराया था. तभी कार्ड बाहर आया था.

एटीएम मशीन में गड़बड़ी करके वारदात को दिया अंजाम
ताजगंज थाना प्रभारी ने बताया कि आशंका है कि, एटीएम मशीन में गड़बड़ी करके साइबर क्रिमिनल ने वारदात को अंजाम दिया है. साइबर क्रिमिनल ने टोल कंपनी के बैंक खाता से जो रकम निकली है. उसमें ज्यादातर पेट्रोल पंप से कैश कराई गई थी. कुछ रकम एटीएम से भी निकाली गई है. एटीएम केबिन में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी की पहचान की जा रही है. इसके साथ ही जिन-जिन पेट्रोल पंपों से रुपये लिए गए हैं. वहां से भी जानकारी जुटाई जा रही है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


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