आगरा: जिले के जगनेर कस्बा स्थित ब्रह्मकुमारी प्रजापिता केंद्र में सगी बहनों के आत्महत्या मामले में फरार आरोपी नीरज पुलिस की पकड़ से दूर है. पुलिस ने इस मामले में सुसाइड नोट के आधार पर आरोपी महिला समेत तीन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. फरार आरोपी नीरज की तलाश में आगरा पुलिस की ग्वालियर, भरतपुर, धौलपुर और माउंटआबू में दबिश जारी है. इसके साथ ही सगी बहन एकता और शिखा की आत्महत्या के मामले में अब संस्थान भी सक्रिय हो गया है. संस्थान की ओर से पदाधिकारियों की एक टीम बनाकर आंतरिक जांच कराई जा रही है. संस्थान ने यह भी स्पष्ट किया है कि चारों आरोपियों से संस्थान का कोई संबंध नहीं है. सभी दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
बता दें कि कस्बा जगनेर में बसेड़ी रोड स्थित ब्रह्मकुमारी प्रजापिता केंद्र में रहने वाली ब्रह्मकुमारी सगी बहनें एकता और शिखा ने शुक्रवार देर रात आत्महत्या कर ली थी. इससे पहले दोनों बहनों ने सुसाइड नोट भी लिखे. जो पहले संस्थान के स्थानीय सोशल मीडिया ग्रुप में शेयर किए, जिससे ही संस्थान और परिजन को ब्रह्मकुमारी एकता और शिखा के आत्महत्या की खबर मिली. तत्काल परिजन मौके पर पहुंचे. पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए. पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने ब्रह्मकुमारी एकता और शिखा के भाई सोनू की शिकायत पर सुसाइड नोट में आरोपी बनाए गए ताराचंद, गुड्डन, नीरज सिंघल और पूनम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
ये लिखा सुसाइड नोट
जिस कमरे में ब्रह्मकुमारी बहनें एकता और शिखा ने आत्महत्या की, उस कमरे में दो सुसाइड नोट मिले. इसमें एकता का तीन पेज और शिखा का एक पेज का सुसाइड नोट है. एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आश्रम से जुड़े तीन लोग और एक महिला पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सुसाइड नोट में 25 लाख रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों की बात भी लिखी है, जिससे चलते ही एक साल से दोनों बहनें परेशान थीं. क्योंकि, सेंटर बनवाने के लिए उन्होंने पिता के दिए सात लाख रुपये और 18 लाख रुपये गरीब माताओं की रकम नीरज को दी थी. नीरज रकम हड़प गया.
आरोपी यज्ञ में बैठने लायक भी नहीं हैं. धन हड़पने और महिलाओं के साथ अनैतिक कार्य करके दबंगई भी करते हैं. रुपये लेने के बाद नीरज सेंटर नहीं आया. उसने बात करना बंद कर दिया. हमें आत्महत्या करने के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली पूनम जिम्मेदार है. सुसाइड नोट में दोनों ने सीएम योगी और पीएम मोदी से आरोपियों को आशाराम बापू की तरह आजीवन कारावास कराने की मांग की है.
ये गए जेल, एक की तलाश
डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि ब्रह्मकुमारी सगी बहनें एकता और शिखा के आत्महत्या के मामले में भाई सोनू की शिकायत और सुसाइड नोट के आधार पर आईपीसी की धारा 306 में चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपी ताराचंद, गुड्डन और पूनम को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद जेल भेज दिया गया. फरार आरोपी नीरज सिंघल की तलाश में पुलिस टीम ग्वालियर और माउंट आबू में हैं. दोनों बहनों के सुसाइड नोट की फाॅरेंसिक जांच भी कराई जा रही है.
दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो
आबू रोड शांतिवन स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क बीके करुणा ने ब्रह्मकुमारी सगी बहनें एकता और शिखा के आत्महत्या के मामले को लेकर पत्र जारी किया. इसमें उन्होंने बताया है कि संस्थान घटना से बेहद दुखी है. संस्थान स्तब्ध है. जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में लिखे हैं, उनकी जांच संस्थान अपने स्तर से करा रहा है. दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. संस्थान ने फरार आरोपी नीरज को लेकर कहा है कि वो न संस्थान में समर्पित है, न ही संस्थान में रहता है. वो बाहर रहकर नौकरी करता है. सिर्फ आम लोगों की तरह संस्थान में आता-जाता था.
नीरज करता है मार्डन इंसुलेटर में नौकरी
इस बारे में कमला नगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की प्रमुख बीके शीला ने बताया कि जगनेर सेवा केंद्र में ब्रह्मकुमारी सगी बहनें एकता और शिखा ने संस्थान को अपनी किसी समस्या की जानकारी नहीं दी. न ही उन्होंने वरिष्ठ भाई-बहनों से कोई संपर्क किया, जिससे उनकी मदद की जाती. आरोपी नीरज सिंघल आबू में मार्डन इंसुलेटर में नौकरी करता है. वह अन्य विद्यार्थियों की तरह ही कभी-कभी आता-जाता है. संस्थान का उससे कोई संबंध नहीं है.
आत्महत्या से पहले एकता ने की थी माता पिता से बात
ब्रह्मकुमारी एकता ने शुक्रवार को आत्महत्या से पहले मां विद्या देवी और पिता अशोक कुमार से रात नौ बजे बात की थी. उसकी मां मथुरा में छोटे बेटे के साथ रहती हैं. अशोक कुमार का कहना है कि बातचीत से जरा भी आभास नहीं था कि वह इतना बड़ा आत्मघाती कदम उठाने जा रही है. शाम को दोनों बहनों ने केंद्र में होने वाली नियमित प्रार्थना की थी. इसमें शामिल हुए आसपास के लोग रात आठ बजे तक चले गए.
माउंट आबू में पिता से नहीं मिला नीरज
अशोक कुमार ने बताया कि एक साल से बेटी परेशान थी. जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने उसे समझाया था. बेटियों की परेशानी देखकर वे चार नवंबर 2023 को माउंट आबू गए थे. पांच नवंबर 2023 को वहां पहुंचा तो आरोपी नीरज से बात करने का प्रयास किया. लेकिन, वह बात करने से कन्नी काटता रहा. दो दिन वहां रहने के बाद भी जब बात नहीं हुई तो वे छह नवंबर को आगरा लौट आए थे.
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